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गुजरात दंगा: SC के फैसले के बाद एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ और पूर्व DGP श्रीकुमार गिरफ्तार

इन पर आरोप हैं कि इन्होंने गुजरात दंगों में निर्दोष लोगों को फंसाने की कोशिश की थी.

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तीस्ता सीतलवाड़ और पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार

एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को मुंबई में गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गुजरात ATS की दो टीमें आज 25 जून को मुंबई पहुंची. ATS ने तीस्ता के जुहू स्थित घर से उन्हें हिरासत में लिया और सांताक्रूज थाने पहुंची. बताया जा रहा है कि तीस्ता को गुजरात ATS अहमदाबाद लेकर जाएगी. फिलहाल मुंबई पुलिस के साथ कागज़ी कार्यवाही की जा रही है. इसके अलावा गुजरात के पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.

इंडिया टुडे/आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात पुलिस ने पूर्व IPS संजीव भट्ट, पूर्व IPS आरबी श्रीकुमार और तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ FIR दर्ज की है. FIR के मुताबिक इन लोगों पर आरोप हैं कि इन्होंने अदालत में कई याचिकाएं दायर की और स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम(SIT) और दूसरे जांच कमीशन को गलत जानकारी दी.

गुजरात पुलिस ने ये कार्यवाई गुजरात दंगों पर 24 जून को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद की. कल SIT की जांच के खिलाफ याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में तीस्ता सीतलवाड़ पर टिप्पणी की थी. कोर्ट के फैसले के मुताबिक तीस्ता सीतलवाड़ ने जानबूझकर ज़ाकिया जाफरी के जरिए इस मामले को खींचा. सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक सीतलवाड़ और उनके NGO पर जालसाजी और नकली दस्तावेज पेश करने के भी आरोप हैं.

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक पूर्व IPS संजीव भट्ट ने कहा था कि वो तब के गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में शामिल थे. जबकि वो उस बैठक में नहीं बुलाए गए थे. इसके अलावा श्रीकुमार ने भी ये दावा किया था उन्हें गैरकानूनी काम करने के आदेश दिए गए थे. जबकि ऐसा नहीं था.

25 जून को ANI को दिए इंटरव्यू में गृहमंत्री अमित शाह ने भी तीस्ता सीतलवाड़ का जिक्र किया था. अमित शाह ने कहा था,

"मैंने 24 जून का फैसला थोड़ा जल्दबाजी में पढ़ा है, लेकिन इसमें साफतौर पर तीस्ता सीतलवाड़ का नाम आया है. वो एक NGO चलाती थीं. जो हर पुलिस स्टेशन पर बीजेपी कार्यकर्ताओं से जुड़े इस तरह के एप्लिकेशन देता था. जब UPA सरकार उस समय सत्ता में आई तो उसने NGO की मदद की."

खबर के मुताबिक अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने आरबी श्रीकुमार को भी गिरफ्तार कर लिया है. FIR के मुताबिक इन लोगों पर IPC की 6 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. धारा 468- जालसाजी, धारा 471- नकली दस्तावेजों को असली के तौर पर पेश करना, धारा 194- बेगुनाह को फंसाने के लिए गलत सबूतों को पेश करना, धारा 212- अपराधी को शरण देना, धारा 218- पब्लिक सर्विस के दौरान झूठे बयान देना और धारा 211-किसी शख्स को फंसाने के लिए झूठे आरोप लगाना है.

बता दें कि कल सुप्रीम कोर्ट ने मौजूदा प्रधानमंत्री और तब के गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी को गुजरात दंगे से जुड़े मामले में क्लीन चिट थी. ज़ाकिया जाफरी ने SIT की जांच के खिलाफ कोर्ट में अपील की थी. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया.