मौलाना मसूद अजहर (आतंक वाले) फिर बच गया. इंडिया ने मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में लगभग पूरे लपेटे में ले ही लिया था. ताकि ये आतंकी प्रतिबंधित लिस्ट में पहुंच जाए. सबूत देने के साथ यूएन में प्रपोजल भी रखा. फ्रांस, अमेरिका, इंग्लैंड भी सपोर्ट में आ गए. लेकिन ऐन मौके पर पाकिस्तान का बेस्ट बड्डी चीन वीटो का यूज कर बैठा. यूएन का परमानेंट मेंबर होने की वजह से चीन वीटो यूज कर पाया. और डेडलाइन से कुछ घंटे पहले भांजी मार दी.
सूत्रों के मुताबिक, यूएन पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर को प्रतिबंधित लिस्ट में डालने के पूरे मूड में था. पठानकोट एयरबेस पर 2 जनवरी को आतंकी हमला हुआ था. इंडिया ने यूएन को हमले में मसूद अजहर के हाथ होने का सबूत देते हुए कहा, 'इस आतंकी को बैन कीजिए. हम प्रस्ताव देते हैं. अगर इस आतंकी को बैन न किया गया तो साउथ एशिया के दूसरे देशों पर भी खतरा हो जाएगा.'
बता दें कि इससे पहले भी चीन एक बार पहले भी मसूद अजहर को बचाने को लेकर वीटो यूज कर चुका है. सूत्रों के मुताबिक, चीन ने ये कदम पाकिस्तान से मशवरे के बाद उठाया.
हालांकि मसूद अजहर का संगठन जैश-ए-मोहम्मद 2001 से यूएन की बैन लिस्ट में है. 2008 में जब मुंबई पर हमला हुआ था, तब भी इंडिया ने यूएन से अपील की थी कि इसे बैन लिस्ट में डालिए. लेकिन तब भी चीन ने वीटो पावर यूज किया था.
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