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अग्निवीरों को नौकरी देने की बात कह रहे आनंद महिंद्रा को पूर्व नेवी चीफ ने घेर लिया!

अरुण प्रकाश 1971 युद्ध के हीरो भी हैं. वीर चक्र से सम्मानित हैं. अग्निपथ योजना को लेकर उन्होंने आनंद महिंद्रा पर तगड़ा तंज कस दिया है.

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बाएं से दाहिने. पूर्व नेवी चीफ अरुण प्रकाश और आनंद महिंद्रा. (Credit- My Nation/India Today)

उद्योगपति आनंद महिंद्रा अग्निपथ योजना के समर्थन में ट्वीट करने के बाद से चर्चा में हैं. सोमवार 20 जून की सुबह किए एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि वो अग्निवीरों को अपनी कंपनी में काम देंगे. आनंद महिंद्रा के इस ट्वीट का कई लोगों ने स्वागत किया है. उनसे प्रेरित होकर सीएट टायर वाले हर्ष गोएनका ने भी अपनी कंपनी में अग्निवीरों को नौकरी देने का ऐलान कर दिया. लेकिन इस बीच आनंद महिंद्रा पर कुछ लोगों ने सवाल खड़े कर दिए. इनमें नेवी के पूर्व प्रमुख अरुण प्रकाश भी शामिल रहे.

महिंद्रा के ट्वीट पर अरुण प्रकाश ने लिखा,

इस नई योजना का इंतजार क्यों? क्या महिंद्रा समूह ने अब तक हजारों हाइली स्किल्ड और अनुशासित पूर्व सैनिकों (जवानों और अधिकारियों) से बात करने की कोशिश की, जो हर साल रिटायर हो रहे हैं और दूसरे करियर की तलाश में हैं. अगर आपकी कंपनी इस पर कोई आंकड़ा दे दे तो अच्छा रहेगा.

दरअसल, एडमिरल अरुण प्रकाश (रि.) का ये ट्वीट आनंद महिंद्रा पर एक तंज की तरह आया. महिंद्रा ने कहा था कि जो अग्निवीर 4 साल की नौकरी के बाद सेना से रिटायर हो जाएंगे, वो उन्हें अपनी कंपनी में नौकरी ऑफर करेंगे. इसी पर अरुण प्रकाश ने पूछ लिया कि अब तक जो रिटायर हुए हैं उनमें से कितनों को महिंद्रा समूह ने नौकरी दी है.

इधर, अरुण प्रकाश को उनकी बात का समर्थन मिला पूर्व एयर वाइस मार्शल मनमोहन बहादुर से. उन्होंने भी आंनद महिंद्रा से आंकड़े मांगे. उन्होंने ट्वीट किया,

क्या हम आपके संस्थान में पूर्व सैनिकों को मिली नौकरी के आंकड़े देख सकते हैं सर? जैसा कि पूर्व नेवी चीफ ने मांग की थी. मैंने अपनी 40 साल की सर्विस में इस तरह के बहुत से वादे सुने हैं.

ये खबर लिखे जाने तक इन पूर्व सैनिकों के सवाल पर आनंद महिंद्रा का कोई जवाबी ट्वीट नहीं आया था. उनके ऑफर पर कुछ और लोगों ने भी सवाल खड़े किए. संदीप कुमार नाम के एक ट्विटर यूज़र ने आनंद महिंद्रा से पूछ लिया कि वो अग्निवीरों को महिंद्रा ग्रुप में किस पद पर नौकरी देंगे.

हालांकि संदीप के सवाल पर आनंद महिंद्रा ने जवाब दिया. उन्होंने कहा,

कारपोरेट सेक्टर में अग्निवीरों के रोजगार की अपार संभावनाएं हैं. लीडरशिप, टीमवर्क और फिज़िकल ट्रेनिंग के साथ अग्निवीर, पेशेवर के तौर पर बाज़ार के लिए बिल्कुल तैयार हैं. इन्हें इंडस्ट्री में ऑपरेशन्स, प्रशासन या सप्लाई चेन कहीं भी लगाया जा सकता है.

आनंद महिंद्रा के किस ट्वीट पर उठे थे सवाल?

महिंद्रा ग्रुप के चेयरपर्सन आनंद महिंद्रा ने ऐलान किया है कि वे अग्निवीरों को अपनी कंपनी में काम करने का मौका देंगे. उन्होंने कहा कि वे इस योजना को लेकर हो रही हिंसा को लेकर दुखी हैं.

आनंद महिंद्रा ने 20 जून के अपने ट्वीट में लिखा,

"अग्निपथ योजना को लेकर हो रही हिंसा को लेकर दुखी हूं. पिछले साल जब इस योजना पर विचार हो रहा था, तो मैंने कहा था और उसे दोहरा रहा हूं कि अनुशासन और कौशल अग्निवीरों को उत्कृष्ट रूप से रोजगार योग्य बनाएगा. महिंद्रा ग्रुप ऐसे प्रशिक्षित और सक्षम युवाओं को भर्ती करने की राह देख रहा है."

आनंद महिंद्रा के इसी ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है. इसी सिलसिले में एडमिरल अरुण प्रकाश(रि.) ने भी महिंद्रा पर सवाल उठाए.

कौन हैं अरुण प्रकाश?

अरुण प्रकाश नेवी के सर्वोच्च पद से रिटायर्ड अफसर हैं. जुलाई 2004 से अक्टूबर 2006 तक नेवी की कमान अरुण प्रकाश के हाथ में थी. यही नहीं, प्रकाश करीब डेढ़ साल 'चेयरमैन ऑफ चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी' भी रहे. CDS यानी रक्षा प्रमुख से पहले ये पद अस्तित्व में था. इसमें वरिष्ठता के आधार पर तीनों सेनाओं के प्रमुखों में से एक को चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी का चेयरमैन बनाया जाता था. इसके अलावा एडमिरल प्रकाश (रि.) 1971 के युद्ध के हीरो के तौर पर भी याद किए जाते है. युद्ध के दौरान वो एयरफोर्स की 20वीं स्क्वॉड्रन के साथ जुड़े थे. युद्ध में उनके पराक्रम के लिए इन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया था.