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NCP की बैठक चल रही थी, अजीत पवार ऐसे उखड़े कि शरद पवार के सामने उठकर चले गए

पूरे घटनाक्रम को शरद पवार चुपचाप स्टेज पर बैठे देखते रहे.

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NCP चीफ शरद पवार और महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार (फोटो- पीटीआई/ANI)

हाल में दिल्ली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई. दो दिन चली इस मीटिंग में 10 सितंबर को शरद पवार को एक बार फिर पार्टी का अध्यक्ष चुना गया. लेकिन मीटिंग के अगले दिन 11 सितंबर को ऐसा वाकया हुआ जिसके चलते कई तरह की अटकलें शुरू हो गईं. महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम अजीत पवार NCP अध्यक्ष शरद पवार के सामने से ही बीच बैठक में उठकर चले गए. अजीत, शरद पवार के भतीजे हैं. बताया जा रहा है कि जयंत पाटील को अजीत पवार से पहले बोलने का मौका मिला. इसके बाद जब अजीत पवार को बुलाया गया तो वे स्टेज छोड़कर चले गए.

अजीत पवार के समर्थन में नारेबाजी

इस घटना के बाद अटकलें लगने लगी हैं कि अजीत पवार पार्टी के सीनियर नेताओं से नाराज चल रहे हैं. हालांकि अजीत ने बाद में सफाई दी कि वे बैठक में इसलिए नहीं बोले क्योंकि ये राष्ट्रीय स्तर की मीटिंग थी. पार्टी के सीनियर नेता प्रफुल्ल पटेल ने स्टेज से घोषणा की थी कि अजीत पवार, शरद पवार की अंतिम टिप्पणी से पहले बोलेंगे, लेकिन वे अपनी सीट से गायब थे. बाद में प्रफुल्ल पटेल ने बताया कि अजीत पवार वॉशरूम गए हैं और वे वापस आकर बोलेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

उधर इस पूरे घटनाक्रम को शरद पवार चुपचाप स्टेज पर बैठे देखते रहे. इस बीच NCP के कार्यकर्ता अजीत पवार के समर्थन में नारेबाजी करने लगे. NCP सांसद और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले अजीत पवार को समझाती भी नजर आईं. जब अजीत पवार वापस आए तो शरद पवार स्टेज से अपनी आखिरी टिप्पणी कर रहे थे.

NCP प्रवक्ता सोनिया दुहन ने अजीत पवार के मीटिंग छोड़कर जाने की रिपोर्ट्स को गलत बताया. सोनिया ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 

"वॉशरूम से लौटने के बाद मीडिया ने उनसे सवाल भी पूछा. स्टेज पर वापस आने में उन्हें सात से आठ मिनट की देरी हुई. लेकिन वे वापस आए थे."

2019 में अजीत पवार ने दिया था झटका!

अजीत पवार फिलहाल महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं. इससे पहले साल 2019 में अजीत पवार ने पार्टी से नाराजगी दिखाई थी. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना, NCP और कांग्रेस गठबंधन बनाकर सरकार गठन की कोशिश में थे. लेकिन उससे पहले ही देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. सबको सरप्राइज देते हुए 23 नवंबर 2019 की सुबह फडणवीस के साथ अजीत पवार डिप्टी सीएम पद की शपथ ले रहे थे. अजीत पवार ने अपने साथ कई NCP विधायकों के साथ होने का दावा किया था. लेकिन यह "सरप्राइज सरकार" सिर्फ 80 घंटे ही चल पाई, क्योंकि शरद पवार उन्हें वापस पार्टी के पक्ष में लाने में कामयाब रहे थे.

BJP की राजनीति विभाजनकारी- शरद पवार

NCP की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक दिल्ली में ऐसे समय में हुई है जब दूसरे विपक्षी दल बीजेपी के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट होने की तैयारी में लगे हैं. 11 सितंबर को मीटिंग में शरद पवार ने एक बार फिर बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी धर्म को लाकर बेरोजगारी जैसे मुद्दों से युवाओं का ध्यान भटका रही है. पवार ने कहा, 

"कार्ल मार्क्स ने कहा था कि धर्म जनता के लिए अफीम की तरह है. हमें केंद्र सरकार की विभाजनकारी राजनीति को लेकर सचेत होना होगा जो धर्म और जाति के आधार पर की जा रही है."

शरद पवार ने मीटिंग में ये भी कहा कि विपक्षी दलों को एकजुट करना NCP की प्राथमिकता होगी. शरद पवार 1999 में NCP के गठन के बाद से ही पार्टी प्रमुख हैं. कांग्रेस से अलग होने के बाद पीए संगमा और तारिक अनवर के साथ मिलकर पार्टी बनाई थी.

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