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अमरावती हत्याकांड: NIA की FIR में बड़ा दावा, 'एक समुदाय को आतंकित करना था उद्देश्य'

महाराष्ट्र के अमरावती में उमेश कोल्हे की हत्या के मामले में NIA ने FIR दर्ज कर ली है. इसमें उसने कहा है कि ये हत्याकांड एक बड़ी साजिश का हिस्सा है.

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उमेश कोल्हे की फाइल फोटो. (फोटो: सोशल मीडिया)

महाराष्ट्र (Maharashtra) के अमरावती (Amravati) में उमेश कोल्हे हत्याकांड (Umesh Kolhe Muder) मामले में नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने FIR दर्ज कर ली है. इस FIR में एजेंसी की तरफ से कई बातें कही गई हैं. NIA ने कहा है कि उमेश कोल्हे हत्याकांड एक बड़ी साजिश का हिस्सा है. एजेंसी के मुताबिक उमेश कोल्हे हत्याकांड के जरिए एक समुदाय को आतंकित करने की कोशिश की गई. 

NIA की तरफ से दर्ज की गई FIR में कहा गया है,

"महाराष्ट्र का अमरावती उमेश कोल्हे हत्याकांड एक बड़ी साजिश का हिस्सा है. इसमें शामिल लोगों ने भारत के एक समुदाय के लोगों को आतंकित करने के लिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया. उन्होंने धर्म के आधार पर दुश्मनी फैलाने की कोशिश की."

NIA ने उमेश कोल्हे हत्याकांड के 7 आरोपियों की दो सप्ताह तक की कस्टडी मांगी है. एजेंसी का कहना है कि इस मामले में और भी संदिग्ध हैं. इनमें वो भी शामिल हैं, जो फिलहाल फरार हैं.

21 जून को हुई थी हत्या

इससे पहले हाई कोर्ट ने 7 जुलाई को उमेश कोल्हे हत्याकांड के सात आरोपियों इरफान खान, यूसुफ खान, मुद्दस्सिर शेख, अब्दुल तौफीक तस्लीम, शाहरुख पठान, शोएब खान और आतिब राशिद को 15 जुलाई तक NIA की हिरासत में भेज दिया था. इन लोगों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी UAPA की धारा 16, 18 और 20 के तहत भी मामला दर्ज किया गया है. ये तीनों धाराएं आतंकवाद फैलाने, आतंकवादी साजिश करने और आतंकवादी संगठन का सदस्य होने से जुड़ी हैं. NIA ने कोर्ट को ये भी बताया है कि अमरावती हत्याकांड केंद्र सरकार के संज्ञान में था.

अमरावती में 21 जून को 54 साल के उमेश कोल्हे की हत्या कर दी गई थी. पेशे से केमिस्ट उमेश उस रोज अपनी दुकान बंद कर घर जा रहे थे. महाराष्ट्र पुलिस ने कहा था कि कोल्हे की हत्या एक सोशल मीडिया पोस्ट की वजह से हुई. जिसमें उन्होंने बीजेपी की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा की तरफ से पैगंबर मोहम्मद पर की गई विवादित टिप्पणी का समर्थन किया था. 

इसी तरह की वारदात 28 जून को राजस्थान के उदयपुर में अंजाम दी गई थी. उसमें मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद नाम के दो आरोपियों ने शहर के एक टेलर कन्हैया लाल की उनकी दुकान में घुसकर हत्या कर दी थी. रिपोर्टों के मुताबिक कन्हैया लाल ने भी नूपुर शर्मा के बयान का समर्थन किया था. अमरावती का मामला उदयपुर हत्याकांड को लेकर मची गहमागहमी के बीच ही सामने आया.

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