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'ना मोदी ना मुर्मु', नए संसद के उद्घाटन के लिए ओवैसी ने किसका नाम लेकर विपक्ष को सुना डाला?

ओवैसी ने विपक्षी दलों के लिए ये तक कहा- 'ये लोग पढ़ते नहीं हैं.'

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असदुद्दीन ओवैसी ने मांग की है कि PM मोदी नई पार्लियामेंट बिल्डिंग के उद्घाटन से पीछे हट जाएं. (फोटो: आजतक)

नए संसद भवन के उद्घाटन (New Parliament Inauguration) को लेकर मचे बवाल के बीच AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने दिलचस्प बयान दिया है. दिलचस्प यूं कि उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु दोनों ही के हाथों नए संसद का उद्घाटन ना किए जाने की बात कही है. ओवैसी का कहना है कि इस काम के लिए लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ही सबसे बेहतर विकल्प हैं.

रविवार, 28 मई को इमारत का उद्घाटन होना है. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया गया है. लेकिन विपक्षी पार्टियों ने इस पर सख्त ऐतराज जताया है. कहा है कि नई पार्लियामेंट बिल्डिंग का उद्घाटन राष्ट्रपति से कराना चाहिए. विपक्ष की 19 पार्टियों ने उद्घाटन समारोह के बहिष्कार की घोषणा की है. 

इस बीच असदुद्दीन ओवैसी ने भी कहा है कि अगर PM मोदी नई पार्लियामेंट बिल्डिंग का उद्घाटन करेंगे, तो वो भी इस कार्यक्रम में नहीं जाएंगे. लेकिन वो दूसरी विपक्षी पार्टियों की तरह उद्घाटन राष्ट्रपति से कराने के भी पक्ष में नहीं हैं. 

असदुद्दीन ओवैसी ने क्या कहा?

इस मुद्दे पर बुधवार, 24 मई को AIMIM के मुखिया ने कहा,

"संसद की नई बिल्डिंग का उद्घाटन प्रधानमंत्री को नहीं करना चाहिए क्योंकि ये थ्योरी ऑफ सेप्रेशन ऑफ पावर्स (सरकार के विधायी, कार्यकारी और न्यायिक कार्यों का विभाजन) का उल्लंघन है."

ओवैसी ने कहा कि थ्योरी ऑफ सेप्रेशन ऑफ पावर संविधान का हिस्सा है. अगर PM उद्घाटन करेंगे तो ये संविधान का उल्लंघन होगा. PM से नए संसद भवन का उद्घाटन कराने पर ऐतराज जताने वाली विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से उद्घाटन कराए जाने की मांग की है. लेकिन ओवैसी इससे भी सहमत नहीं हैं. 

ओवैसी की बात विपक्षी दलों को अखर जाएगी

असदुद्दीन ओवैसी ने बताया कि इस मामले में आपत्ति जताने वाली विपक्षी पार्टियों के लोगों ने उनकी पार्टी से कोई कॉन्टैक्ट नहीं किया. ओवैसी बोले,

“उनकी नज़र में हम अछूत हैं, मगर वो लोग बोल रहे हैं कि राष्ट्रपति को करना चाहिए, वो भी गलत है क्योंकि आर्टिकल 53(1) के मुताबिक राष्ट्रपति भी तो कार्यपालिका का हिस्सा हैं. पढ़ते नहीं हैं ये लोग.”

आगे असदुद्दीन ओवैसी ने बताया कि उद्घाटन का काम किस व्यक्ति के हाथों कराया जाए. बोले,

“इसीलिए हम कह रहे हैं कि स्पीकर कस्टोडियल है लोकसभा का और स्पीकर को उद्घाटन करना चाहिए. इसलिए हम देश के प्रधानमंत्री से ये डिमांड करते हैं कि आप पीछे हट जाइए. आपका नाम तो फाउंडेशन स्टोन पर आ जाएगा. उद्घाटन स्पीकर ओम बिड़ला को करने दीजिए और पूरे देश को संदेश दीजिए कि आप थ्योरी ऑफ सेपरेशन ऑफ पावर्स को मानते हैं. आप संविधान को मानते हैं."

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अगर PM मोदी तैयार हो जाते हैं कि नई संसद भवन का उद्घाटन ओम बिड़ला करेंगे तो AIMIM पार्टी उस उद्घाटन समारोह में जाएगी. 

नई संसद के उद्घाटन में ये 19 पार्टियां नहीं जाएंगी

- कांग्रेस

- द्राविड़ मुन्नेत्र कड़गम

- आम आदमी पार्टी

- तृणमूल कांग्रेस

- शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)

- समाजवादी पार्टी

- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी

- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)

- झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM)

- केरल कांग्रेस (मणि)

- विदुथलाई चिरुथिगल कच्ची

- राष्ट्रीय लोकदल

- जनता दल (यूनाइटेड)

- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी

- राष्ट्रीय जनता दल

- इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग

- नेशनल कांफ्रेंस

- रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी

- मारुमलार्ची द्राविड़ मुन्नेत्र कड़गम

इन पार्टियों की तरफ से एक संयुक्त बयान भी जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति मुर्मु को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए नई पार्लियामेंट की बिल्डिंग का उद्घाटन करने का PM मोदी का फैसला हमारे लोकतंत्र पर सीधा हमला है.

वीडियो: नए संसद भवन में पीएम मोदी जिस सेंगोल को स्‍थापित करेंगे उसकी पूरी कहानी