कर्नाटक चुनाव जीतने के बाद अब कांग्रेस का फोकस राजस्थान पर है. इस साल के अंत में वहां विधानसभा चुनाव होने हैं. लेकिन, पार्टी मुश्किल में है, क्योंकि दो बड़े नेता सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच शुरू हुई रार खत्म नहीं हो रही. ऐसे में कांग्रेस हाईकमान ने एक बार फिर इन दोनों नेताओं के बीच सुलह की कोशिशें तेज कर दी हैं.
गहलोत-पायलट के बीच दिल्ली वाली मीटिंग में क्या तय हुआ? 4 घंटे मीटिंग की इनसाइड स्टोरी
राहुल और खरगे के साथ लंबी मीटिंग में आखिर हुआ क्या?
इसी कोशिश के तहत सोमवार, 29 मई को दिल्ली में कांग्रेस नेताओं की एक मीटिंग हुई. मीटिंग कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर हुई. इसमें पहुंचे अशोक गहलोत, सचिन पायलट, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल और राजस्थान कांग्रेस के इंचार्ज सुखविंदर सिंह रंधावा. चार घंटे से भी ज्यादा समय तक ये मीटिंग चली. इसके बाद कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल सचिन पायलट और अशोक गहलोत के साथ बाहर निकले और कहा,
'इस लंबी मीटिंग में तय हुआ है कि सचिन पायलट और अशोक गहलोत एकजुट होकर राजस्थान का चुनाव लड़ेंगे. दोनों ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव पर सहमति जताई है. सचिन पायलट और गहलोत दोनों ने शीर्ष नेतृत्व से कहा कि वे ज्वाइंट कमेटी बनाएं. दोनों ने पार्टी नेतृत्व से कहा कि फॉर्मूले को लेकर उनका जो भी फैसला होगा, उसे वो मानेंगे.'
वरिष्ठ पत्रकार राशिद किदवई ने सचिन पायलट, अशोक गहलोत, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, केसी वेणुगोपाल, और सुखविंदर सिंह रंधावा के बीच हुई मीटिंग को लेकर इंडिया टुडे में एक आर्टिकल लिखा है. उन्होंने सूत्रों के हवाले से बताया कि ये मीटिंग खरगे-गहलोत और राहुल-पायलट के बीच हुई. लेकिन, सीधे उन ग्रुप्स के बीच नहीं हुई, जो इस मसले से सीधे जुड़े हैं.
किदवई लिखते हैं,
दूसरे शब्दों में कहें तो हुआ ये होगा कि गहलोत ने पहले खरगे और राहुल से मिलकर उन्हें पायलट के बारे में अपनी स्पष्ट प्रतिक्रिया दी होगी. फिर पायलट ने भी यही किया होगा. उन्होंने खरगे और राहुल को गहलोत के बारे में बताया होगा.
किदवई सूत्रों के हवाले से लिखते हैं कि राजस्थान के दोनों नेताओं ने एक साथ बैठकर एक-दूसरे के बारे में राहुल और खरगे को प्रतिक्रिया नहीं दी.
अशोक गहलोत अलग कमरे में थेआजतक से जुड़े संजय शर्मा की एक रिपोर्ट में यही बात कही गई है. रिपोर्ट के मुताबिक 29 मई को सबसे पहले मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, अशोक गहलोत और सुखविंदर सिंह रंधावा के बीच बैठक हुई. इसके कुछ देर बाद सचिन पायलट कांग्रेस अध्यक्ष के घर पहुंचे. फिर सभी नेताओं ने पायलट से बात की. बताते हैं कि इस दौरान सीएम अशोक गहलोत एक अलग कमरे में बैठे रहे.
आजतक ने सूत्र के हवाले से बताया है कि पहले जब खरगे ने गहलोत से मुलाकात की, तब इस बातचीत में कोई समाधान नजर नहीं आया. इसके बाद तब राहुल गांधी ने खरगे को फोन किया और आग्रह किया कि गतिरोध को सुलझाया जाना चाहिए. फिर राहुल गांधी इस मसले पर विचार-विमर्श के लिए खरगे के आवास पर पहुंचे. राजस्थान प्रभारी रंधावा को बुलाया गया. फिर मीटिंग हुई. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस हाईकमान इस कोशिश में है कि सचिन पायलट को जल्द पार्टी में उचित जगह दी जाए.
खरगे के घर हुई मीटिंग की टाइमलाइनआजतक से जुड़े संजय शर्मा ने मल्लिकार्जुन खरगे के घर हुई मीटिंग की पूरी टाइम लाइन भी बताई है. उनके मुताबिक सोमवार को पहले शाम 5.55 बजे अशोक गहलोत खरगे के आवास पर पहुंचे. इसके बाद शाम 6.17 बजे राहुल गांधी भी वहां पहुंच गए. शाम 6.43 बजे राजस्थान कांग्रेस इंचार्ज सुखविंदर सिंह रंधावा आए. फिर सबसे अंत में शाम 8 बजकर 19 मिनट पर सचिन पायलट खरगे के आवास पर पहुंचे. रात 10 बजे के बाद बैठक खत्म हुई और जो नतीजा निकला वो केसी वेणुगोपाल ने सबको बता दिया.
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