The Lallantop
लल्लनटॉप का चैनलJOINकरें

5 पॉइंट में जानिए वो मामला, जिसमें बागेश्वरधाम के धीरेंद्र शास्त्री बुरा फंसे हैं

चैलेंज के बाद कथा छोड़कर चले गए थे धीरेंद्र शास्त्री. वजह भी बताई है.

post-main-image
रायपुर में धीरेंद्र शास्त्री (फोटो - सोशल मीडिया)

मध्य प्रदेश के बागेश्वरधाम (Bageshwar Dham) के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Shastri) पर अंधविश्वास और 'जादू-टोना' फैलाने के आरोप लगे हैं. क्या है पूरा विवाद, पांच पॉइंट्स में जान लीजिए.

#  'श्रीराम चरित्र-चर्चा' महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित हुई थी. तय तो था कि ये कथा 13 जनवरी तक चलनी थी, लेकिन दो दिन पहले यानी 11 जनवरी को ही संपन्न हो गई. क्यों? क्योंकि नागपुर की एक संस्था ने कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर जादू-टोना और अंधश्रद्धा फैलाने का आरोप लगा दिया.

# धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री श्रीराम के साथ एक ‘दिव्य चमत्कारी दरबार’ लगाते हैं. मानने वाले बहुत महिमामंडन करते हैं. अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने कहा कि 'दिव्य दरबार' और 'प्रेत दरबार' की आड़ में धीरेंद्र शास्त्री ‘जादू-टोना’ को बढ़ावा देते हैं. देव-धर्म के नाम पर आम लोगों को लूटने, धोखाधड़ी और शोषण भी किया जा रहा है. समिति ने पुलिस से मांग भी की है कि धीरेंद्र शास्त्री पर कार्रवाई हो.

# समिति का कहना है कि उसकी तरफ से धीरेंद्र शास्त्री को 30 लाख रुपये का चैलेंज दिया गया था. कहा कि वो उन लोगों के बीच दिव्य चमत्कारी दरबार लगाएं और अगर वो ये दावा करते हैं कि सबके बारे में सब जान लेते हैं, तो उनका सच बताएं. अगर वो उनके बारे में सच-सच बता देते हैं, तो वो उन्हें भेंट स्वरूप 30 लाख रुपए देंगे. लेकिन धीरेंद्र ने चैलेंज स्वीकार नहीं किया. दो दिन पहले ही दिव्य चमत्कारी दरबार लगाए बिना ही नागपुर से चले गए. इसी मुद्दे पर समिति धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का विरोध कर रही है.

# धीरेंद्र ने नागपुर से कथा छोड़कर चले जाने पर सफ़ाई दी है. स्थानीय मीडिया से बात करते हुए कहा है कि उनके गुरु जी के जन्मदिन की वजह से सभी जगहों की कथा से 2-2 दिन कम कर दिए गए हैं. इसीलिए नागपुर की कथा से भी दो दिन कम किए गए. ये भी कहा कि वो नागपुर में पिछले सात दिनों तक लगातार कथा करते रहे और इस बीच दो दिन दिव्य दरबार भी लगाया, लेकिन तब किसी ने कोई चुनौती नहीं दी.

# शास्त्री ने एक बयान में ये भी कहा है 'हाथी चले बाज़ार, कुत्ता भौंके हज़ार'. विरोध करने वालों को 'सनातन धर्म विरोधी' तक कह दिया.

वीडियो: बागेश्वर धाम सरकार को किसने दी खुली चुनौती? बवाल पर क्या बोले धीरेंद्र शास्त्री?