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कहीं बिखरे खिलौने, तो कहीं प्रेम कविताएं... ट्रेन हादसे का ऐसा मंजर नहीं देखा होगा!

ना जाने कितनी यादें हमेशा-हमेशा के लिए मिट गईं...

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रेल हादसे वाली जगह की एक फोटो वायरल. (फोटो: PTI/Twitter)

बीती 2 जून को ओडिशा के बालासोर (Odisha Train Accident) में भीषण रेल हादसा हुआ. सैकड़ों लोगों की जान गई, हजार के ऊपर घायल हुए. दर्द भरी तस्वीरें और कहानियां सामने आईं. कहीं कोई पिता लाशों के ढेर में अपने बेटे को तलाशता दिखा, तो किसी घर के तीन बेटे हमेशा के लिए इस दुनिया से चले गए. एक शख्स ने अपनी पत्नी और बच्चों को हादसे में गंवा दिया और जब मुआवजे के पैसे मिले तो फूट-फूटकर रोया. पूछा- 'मैं इन पैसों का क्या करूंगा?'

तस्वीरें रेल पटरियों पर बिखरे हुए सामान की भी आईं. कहीं एक जूता पड़ा दिखा, तो कहीं पूरा का पूरा एक बैग. बैग जो खुला हुआ था, खिलौने जो बिखरे हुए थे, पानी की बोतल, जो आधी खाली थी.

इसी मलबे में अनेकों यादें और अनेकों उम्मीदें दब गईं और तबाही के मंजर के बीच कुछ पन्नों ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा. इन पन्नों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं. इन पन्नों पर प्रेम कविताएं लिखी हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, हादसे वाली जगह पर एक रंग बिरंगी नोटबुक मिली. जिस पर लाल, नीला, हरा और गुलाबी रंग का एक फूल का चित्र बना था. और इसके साथ लिखी हुई थी दो लाइन की एक कविता. बंगाली भाषा में लिखी कविता की कुछ पंक्तियां इस तरह से हैं,

 'ओल्पो ओल्पो मेघ थेके बृष्टि श्रष्टि होई. चोट्टो चोट्टो गोलपो थेके भालोबाशा श्रृष्टि होई.' 

इसका अर्थ है,

‘जैसे छोटे-छोटे बादलों से बारिश होती है,  वैसे ही छोटी-छोटी कहानियां प्रेम को जन्म देती हैं.’

अब इस कविता को किसने लिखा? किसी को नहीं पता. लिखने वाला/वाली जीवित है या नहीं, ये भी नहीं पता. यह नोटबुक एक बैग के पास पड़ी थी. लेकिन ना ही इसपर किसी का नाम था और ना ही पता. इस नोटबुक के हर पेज पर प्रेम कविताएं ही लिखी हैं. इन कविताओं में प्रेम-संबंध में आने वाले उतार-चढ़ाव को दर्ज किया गया है.

CBI जांच की सिफारिश

वहीं इस रेल हादसे में अभी तक कुल 275 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. वहीं 1000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. इससे पहले, 2 जून की शाम को बालासोर रेल हादसा तब हुआ, जब चेन्नई की ओर जा रही शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई. यह बगल के ट्रैक पर खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई. इससे कोरोमंडल एक्सप्रेस का पिछला डिब्बा तीसरे ट्रैक पर जा गिरा. तीसरे ट्रैक पर सामने से आ रही बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बों से टकराकर पटरी से उतर गई.

हादसे पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की वजह से दुर्घटना हुई है. इसकी जांच की जा रही है. अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हादसे की वजह और कौन लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं, उनकी पहचान कर ली गई है.  वहीं रेल मंत्री ने इस रेल हादसे की CBI जांच की सिफारिश की है. 

वीडियो: Odisha Rail Accident पर CBI जांच की सिफारिश, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने और क्या बताया?