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बालासोर में बचाव कार्य करने वालों की व्यथा, किसी को पानी भी दिखे खून, किसी की मर गई भूख!

NDRF के DG ने बताया रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद जवानों का हाल.

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NDRF के जवानों ने 44 लोगों की जान बचाई (फोटो: PTI)

280 से ज्यादा मौतें और 1000 से ज्यादा लोग घायल. 2 जून को ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रिपल ट्रेन हादसे से पूरे देश को सदमा लगा. राहत और बचाव कार्यों के लिए ओडिशा डिजास्टर रैपिड एक्शन फोर्स (ODRAF) और नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) की कई टीमें घटनास्थल पर पहुंची और लोगों को बचाया. हालांकि, ये घटना इतनी दिल-दहला देने वाली थी कि NDRF के जवानों को भ्रम होने लगा है. उन्हें पानी ‘खून’ दिख रहा है. कई जवानों को भूख नहीं लग रही.

6 जून को NDRF महानिदेशक अतुल करवाल ने दिल्ली के विज्ञान भवन में हुए एक इवेंट में कहा,

“मैं हाल ही में एक जवान से मिला, जो बालासोर में हुए ट्रेन हादसे के बचाव कार्यों में था. मुझे किसी ने बताया कि उसे भ्रम होने लगे थे. वो जब भी पानी देखता, उसे खून नज़र आता. दूसरे ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद उसकी भूख मर गई थी.”

न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक अतुल बताते हैं कि ये हादसा इतना भीषण था कि इसमें ट्रेन की कई बोगियां एक-दूसरे में घुस गई थीं. कई लोग दब गए थे. बालासोर हादसे में 21 डिब्बे पटरी से उतर गए थे. अतुल खुद 4 जून को बालासोर गए थे. वहां उन्होंने हालात का मुआयना किया. बालासोर दुर्घटना के बाद NDRF की नौ टीमों को घटनास्थल पर भेजा गया था. इन जवानों ने 44 लोगों की जान बचाई और 121 बॉडियों को घटनास्थल से निकाला. करवाल ने आगे कहा,

“हमारे जवानों को शारीरिक और मानसिक रूप से फिट होना चाहिए. इसके लिए हमने कई फिज़िकल और मेंटल फिटनेस प्रोगाम चलाए हैं. बचावकर्ताओं के अच्छे मेंटल हेल्थ के लिए हम काउंसलिंग सेशन भी करवा रहे हैं.”

करवाल ने ये भी बताया कि ऐसे सेशन उन जवानों के लिए भी रखवाए गए थे, जो हाल ही में तुर्की से लौटे हैं. 6 फरवरी को तुर्की में एक भयावह भूकंप आया था, जिससे जानमाल का नुकसान हुआ था. करवाल ने ये भी कहा कि NDRF एक स्थायी काउंसलर को नियुक्त करने की प्रक्रिया में है. करवाल ने कहा कि पिछले साल जनवरी में विशेष फिटनेस और स्वास्थ्य अभ्यास शुरू किए जाने के बाद लगभग 95 प्रतिशत जवान 'फिट' पाए गए थे. NDRF में लगभग 18000 जवान हैं. इनमें से 90 प्रतिशत का बीएमआई (BMI) 25 से कम था. इसे जवान के स्वस्थ होने का पैमाना माना जाता है.  

इस हादसे से जुड़ी पूरी जानकारी आप यहां पढ़ सकते हैं.

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