बिहार के नवादा में पुलिस अधीक्षक (SP) पर पांच पुलिसकर्मियों को हवालात में बंद करने का आरोप लगा है. बताया जा रहा है कि घटना गुरुवार को हुई. बताया जा रहा है कि SP, पुलिसकर्मियों के काम से संतुष्ट नहीं थे, इसलिए उन्होंने दो घंटे के लिए पुलिसकर्मियों को हवालात में बंद कर दिया. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. अब बिहार पुलिस एसोसिएशन ने 10 सितंबर को घटना की न्यायिक जांच की मांग की है.
काम से खुश नहीं थे, SP ने पांच पुलिसकर्मियों को हवालात में बंद कर दिया!
बिहार के नवादा का मामला है. SP ने इस खबर को फर्ज़ी खबर बताया है
वीडियो में पांचो पुलिसकर्मियों को लॉकअप के अंदर एक-दूसरे से बात करते देखा जा रहा है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक 8 सितंबर को SP गौरव मंगला तीन असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर और दो सब इंस्पेक्टर से नाराज थे. और गुस्से में उन्होंने पुलिसकर्मियों को लॉकअप में बंद कर दिया.
रिपोर्ट के मुताबिक कई पत्रकारों ने SP गौरव मंगला से संपर्क किया तो उन्होंने इस खबर को 'फर्ज़ी खबर' बताया है. और सीनियर पुलिस अधीक्षक ने कोई टिप्पणी नहीं दी है. लेकिन बिहार पुलिस एसोसिएशन ने मामले की न्यायिक जांच की मांग की है. बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा,
चीफ सेक्रेटरी ने सीनियर को दी चेतावनी"हमने SP से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने हमारे फोन का जवाब नहीं दिया. नवादा में घटना होने के तुरंत बाद हमें जानकारी मिली और पुलिस कर्मियों के वॉट्सएप ग्रुप पर भी घटना की बातचीत की जा रही है. इस तरह की घटनाएं अंग्रेजों के शासन की याद दिलाती हैं. इस तरह की घटना पहली बार हुई है लेकिन ये घटना बिहार पुलिस की छवि को खराब कर सकती है. हम न्यायिक जांच और सीसीटीवी फुटेज की जांच की मांग करते हैं. ऐसे आरोप है कि SP मामले को रफा-दफा करने के लिए पीड़ित पुलिसकर्मियों पर दवाब डाल रहे हैं. और वो सीसीटीवी फुटेज के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास भी कर सकते हैं. जल्द से जल्द जांच शुरू की जानी चाहिए और SP पर भारत की उचित धाराओं के तहत FIR दर्ज की जानी चाहिए."
इस घटना के बाद बिहार चीफ सेक्रेटरी आमिर सुभानी ने सीनियर पुलिस अधिकारीयों के लिए एक पत्र जारी किया. जिसमें उन्होंने अपने से नीचे काम करने वाले कर्मचारियों के साथ सही से व्यवहार करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि अभद्र भाषा का प्रयोग या किसी भी प्रकार का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि बिना वजह किसी को सस्पेंशन देना या कोई डिपार्टमेंटल एक्शन लेना मानसिक प्रताड़ना माना जाएगा और ऐसा करने पर उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्हें ससपेंड भी किया जा सकता है.
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