शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया (Bikram Singh Majithia) की जान को खतरा है. ऐसी आशंका मजीठिया की पत्नी और अमृतसर जिले की मजीठा सीट से विधायक गनीव कौर ने जताई है. इस संबंध में गनीव ने पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के साथ पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मुलाकात की. उन्होंने राज्यपाल से राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक-जेल (ADGP-jail) हरप्रीत सिंह सिद्धू (Harpreet Singh Sidhu) को उनके पद से हटाने की मांग की है. गनीव कौर का कहना है कि हरप्रीत सिंह से ही बिक्रम सिंह मजीठिया को जान का खतरा है.
हरप्रीत सिंह सिद्धू को लेकर डर क्यों?
राज्यपाल से मुलाकात के बाद हरसिमरत कौर बादल ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए. उन्होंने लिखा,
'हरप्रीत सिंह सिद्धू के एडीजीपी-जेल के पद पर रहते हुए मेरे भाई बिक्रम सिंह मजीठिया की जिंदगी सुरक्षित नहीं है. वह मेरे भाई को नुकसान पहुंचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. वह अपने आदमी के जरिए मजीठिया को झूठे केस में फंसा सकते हैं या बिक्रम को जान से मरवा सकते हैं.'
हरसिमरत कौर बादल ने आगे कहा,
'इसी वजह से शिरोमणि अकाली दल का एक डेलिगेशन बिक्रम सिंह मजीठिया की पत्नी गनीव के साथ आज राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मिला. हमने राज्यपाल से हरप्रीत सिंह सिद्धू को एडीजीपी-जेल के पद से हटाने की मांग की. साथ ही गनीव ने राज्यपाल से न्याय दिलाने की गुहार भी लगाई...अकाली दल ने राज्यपाल को बताया कि एडीजीपी हरप्रीत सिद्धू मजीठिया परिवार के प्रति द्वेष की भावना रखते हैं. वे एक अक्षम अधिकारी हैं, जिसे आम आदमी पार्टी मजीठिया पर निशाना साधने के लिए इस्तेमाल कर रही है. मानहानि के एक मामले में मजीठिया ने अरविंद केजरीवाल को माफी मांगने के लिए मजबूर किया था. इसके बाद से केजरीवाल मजीठिया से खुन्नस रखते हैं.'
सिद्धू-मजीठिया परिवार की खूनी रंजिश
बिक्रम मजीठिया की पत्नी गनीव कौर ने राज्यपाल और डीजीपी को 7 पन्नों का एक खत भी लिखा है. अपने खत में उन्होंने साफ लिखा है कि ADGP हरप्रीत सिंह सिद्धू और बिक्रम मजीठिया के परिवार में पुरानी रंजिश है. सिद्धू परिवार का मानना है कि उनकी एक आंटी को मजीठिया परिवार ने मारा था. बिक्रम मजीठिया के दादा पर हरप्रीत सिंह सिद्धू के पिता के सिक्योरिटी गार्ड ने गोली भी चलाई थी. इसी रंजिश के चलते हरप्रीत सिद्धू अपने पद का इस्तेमाल करके उन्हें फंसाने की कोशिश भी कर चुके हैं.
क्यों जेल में हैं बिक्रम सिंह मजीठिया?
अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ ड्रग्स मामले में कांग्रेस सरकार के समय केस दर्ज हुआ था. इसके बाद उन्होंने जेल से बचने के लिए हाईकोर्ट तक जंग लड़ी थी. हाईकोर्ट ने उन्हें विधानसभा चुनाव के बाद आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था. चुनाव के बाद से वे पटियाला जेल में ही बंद हैं. बीते मई में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से ड्रग्स केस को खारिज करने की अपील की थी, लेकिन उनकी इस अपील को कोर्ट ने खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने मजीठिया से कहा कि इस मामले को वह हाईकोर्ट की डिविजनल बेंच के आगे रखें.