The Lallantop
लल्लनटॉप का चैनलJOINकरें

बिलकिस बानो के बलात्कारियों को छोड़ा गया, इस पर सजा देने वाले जजों ने क्या कहा है?

बिलकिस ने कहा था - "किसी महिला के लिए न्याय का ऐसा अंत कैसे हो सकता है?"

post-main-image
बिलकिस बानो. (तस्वीर- इंडिया टुडे)

बिलकिस बानो गैंगरेप (Bilkis Bano Gangrape) के दोषियों को माफी देकर जेल से छोड़े जाने का फैसला बड़ी कानूनी और सामाजिक बहस का मुद्दा बन गया है. आम लोगों से लेकर कानून के जानकारों तक, ज्यादातर लोगों को गुजरात सरकार (Gujarat govt) का ये फैसला समझ नहीं आ रहा है. इस बीच बिलकिस बानो को न्याय देने वाले जस्टिस यूडी साल्वी (रिटायर्ड) और जस्टिस मृदुला भाटकर के बयान आए हैं. जस्टिस साल्वी ने ही गैंगरेप के इस मामले के 11 दोषियों को आजीवन कारावास (Life Imprisonment) की सजा सुनाई थी. वहीं जस्टिस मृदुला भाटकर ने इस फैसले को बरकरार रखा था.

Justice UD Salvi ने Bilkis Bano मामले पर क्या कहा?

साल 2008 में मुंबई सिटी सिविल एंड सेशन कोर्ट में बिलकिस बानो गैंगरेप मामले की सुनवाई चल रही थी. जस्टिस यूडी साल्वी के कोर्ट में. जस्टिस साल्वी ने ही दोषियों की सजा का ऐलान किया था. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस साल्वी ने कहा है कि इस मामले में पीड़िता बिलकिस ने काफी हिम्मत दिखाई. ये भी कि 'जिस पर बीतती है, वही बेहतर जानता है.'

अखबार के मुताबिक रिटायर्ड जस्टिस साल्वी ने कहा,

"मैं बस ये कहना चाहूंगा कि माफी देने के लिए गाइडलाइंस बनी हुई हैं. सरकार खुद ये गाइडलाइंस निर्धारित करती है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के फैसले भी हैं."

बिलकिस बानो मामले को सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद 2004 में गुजरात से मुंबई ट्रांसफर कर दिया गया था. ट्रायल में गवाहों के बयानात समेत कई सबूत पेश किए गए थे जिसके बाद दोषियों को सजा दी गई थी. इस बारे में जस्टिस साल्वी का कहना है,

"फैसला बहुत पहले सुनाया गया था. अब ये मामला सरकार के हाथ में है. उसी को कोई फैसला लेना होगा. ये सही है या नहीं, इसे संबंधित कोर्ट देखे या ऊपरी अदालत."

वहीं इससे पहले बिलकिस बानो का बयान सामने आया था. दोषियों के जेल से बाहर आने के बाद बिलकिस ने एक बयान जारी कर कहा था,

"आज मैं बस यही कह सकती हूं कि किसी महिला के लिए न्याय का ऐसा अंत कैसे हो सकता है? मैंने हमारे देश की सबसे बड़ी अदालतों पर विश्वास किया. मैंने सिस्टम पर विश्वास किया. मैं धीरे-धीरे अपने सदमे के साथ जीना सीख रही थी. इन अपराधियों की रिहाई ने मुझसे मेरी शांति छीन ली है और न्याय में मेरे विश्वास को हिला दिया है."

जस्टिस साल्वी ने कहा उन्होंने बिलकिस का बयान नहीं देखा है, लेकिन इस मामले में दिया गया जजमेंट सभी देख सकते हैं. रिटायर्ड जज ने कहा,

“एक जजमेंट कई चीजें बता सकता है; केस की परिस्थितियां, कौन शामिल था, और अपराध किस तरह हुआ. बिलकिस ने अपराध में शामिल लोगों का नाम लिया. ये फैसला केवल आरोपियों की पहचान पर आधारित नहीं था. जजमेंट खुद अपनी बात कहता है. इसलिए अदालत का फैसला, उसके सामने पेश किए गए सबूत, सुप्रीम कोर्ट द्वारा जजमेंट की पुष्टि, ये सब देखे जा सकते हैं.” 

Justice Mridula Bhatkar ने क्या कहा?

बिलकिस बानो के मामले से जुड़े न्यायिक अधिकारियों का कहना है कि अपराधियों को माफ करने का फैसला सरकार का है, इसके लिए कोर्ट को दोष नहीं दिया जाना चाहिए. इस पर सहमति के साथ अपनी बात रखते हुए जस्टिस मृदुला भाटकर ने कहा है,

"मुझे समझ नहीं आता लोग न्यायपालिका के खिलाफ प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं, जबकि अदालत ने लोगों के अधिकारों की रक्षा करने की पूरी कोशिश की है. मुझे बुरा लगता है जब हमें क्रिटिसाइज किया जाता है और हम खुद को डिफेंड नहीं कर पाते."

जस्टिस भाटकर के मुताबिक कि इस मामले में न्यायिक व्यवस्था के तीनों ही स्तर पर कानून का पालन किया गया. उन्होंने कहा कि सेशन कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ने लोगों को न्याय देने का काम किया है.

बिलकिस बानो ने गैंग रेप के 11 दोषियों की रिहाई के बाद गुजरात सरकार से क्या मांगा?