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"जेल से बाहर आए बिलकिस के रेपिस्ट ने दी जान से मारने की धमकी"- गवाह ने CJI को लिखा लेटर

बिलकिस मामले के गवाह ने पत्र में लिखा कि एक दोषी ने उनसे कहा- "अब मैं बाहर आ चुका हूं."

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बिलकिस बानो मामले में रिहा किए गए दोषी. (फाइल फोटो)

बिलकिस बानो (Bilkis Bano) मामले के एक गवाह ने CJI यूयू ललित (CJI UU Lalit) को पत्र लिखकर कहा है कि इस केस के एक दोषी व्यक्ति ने उन्हें धमकी दी है, जिसके कारण उनकी जान को खतरा है. ये पत्र तब लिखा गया है, जब पिछले महीने ही 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सदस्यों हत्या के लिए दोषी करार दिए गए 11 लोगों को जेल से रिहा किया गया था. 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सिंगवाड (रंधिकपुर) गांव के निवासी और बिलकिल मामले में गवाह इम्तियाज घांची ने CJI को लिखे एक पत्र में कहा है कि बीते 15 सितंबर को वो सिंगवाड गांव से देवगढ़ बरिआ में अपने घर जा जा रहे थे. इसी बीच दोषी राधेश्याम शाह ने उन्हें पिपलोद रेलवे बैरिकेड्स पर देख लिया और कथित तौर पर कहा, 'मुझे आरोपी कहकर तुम्हें क्या मिला, अब मैं बाहर आ चुका हूं.'

19 सितंबर को लिखे अपने पत्र में घांची ने ये भी कहा है कि शाह और उसके ड्राइवर उनपर हंस रहे थे. उन्होंने कहा कि इस घटना के चलते उन्हें जान का खतरा है और वो दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई के रास्ते तलाश रहे हैं. घांची ने CJI के अलावा गुजरात के गृह सचिव, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, दाहोद जिला कलेक्टर और दाहोद पुलिस को भी पत्र लिखा है.

कोर्ट में दी थी गवाही

इस मामले की सुनवाई के दौरान घांची ने मुंबई की स्पेशल CBI कोर्ट को बताया था कि उन्होंने नरेश मोधिया (जिसकी ट्रायल के दौरान मौत हो गई थी) को रामपुरी चाकू पकड़े देखा था और एक अन्य आरोपी प्रदीप मोधिया पत्थर फेंक रहा था. साल 2002 में गुजरात के गोधरा में ट्रेन जलाने के बाद ये घटना रंधिकपुर में घांची के घर के पास हुई थी.

भीड़ को देखकर घांची, उनकी मां और बहन को अपना घर छोड़कर लालू मदिया परमार नाम के एक शख्स के घर में शरण लेनी पड़ी थी. गनीमत ये रही कि परमार के घर में कोई नहीं आया, लेकिन उन्होंने देखा था कि किस तरह उनके घर को जला दिया गया और सारा सामान लूट लिया गया था.

इससे पहले 15 अगस्त को जब महिलाओं के सम्मान की बात की जा रही थी, उस दिन अचानक बिलकिस बानो का नाम खबरों में तैरने लगा था. क्योंकि उनका सामूहिक बलात्कार करने वाले और 3 साल की बच्ची समेत 14 लोगों की जान लेने वाले 11 दोषी गोधरा की एक जेल से बाहर आ गए थे. चोरी छिपे नहीं, दिन दहाड़े. वहां उनके माथे पर तिलक लगाया गया, उन्हें मिठाई खिलाई गई. जैसे ये कोई जंग जीतकर आए हों. इन दोषियों के नाम हैं- जसवंतभाई नाई, गोविंदभाई नाई, शैलेश भट, राधेश्याम शाह, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहनिया, प्रदीप मोरढ़िया, बाकाभाई वोहनिया, राजूभाई सोनी, मितेश भट और रामेश चांदना.

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