वीडियो- JNU प्रशासन ने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारी, छात्रों को परीक्षा देने से रोक रहे हैं
JNU से पढ़े निर्मला सीतारमण और एस. जयशंकर ने गुंडागर्दी पर क्या कहा?
दोनों ही केंद्र सरकार में मंत्री हैं.
वैसे तो जेएनयू देशभर में ऊंचे दर्जे की पढ़ाई-लिखाई के लिए जाना जाता है, लेकिन बीती रात जो हुआ, उसे जानकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएं. कैंपस में हिंसा का तांडव मचने के बाद वो लोग भी सकते में हैं, जिन्होंने कभी यहीं से पढ़ाई की थी. आज सरकार में बड़े पद पर हैं. चाहे देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण हों या विदेश मंत्री एस. जयशंकर. सबको भारी अफसोस है. जेएनयू में बीती रात ऐसा क्या हुआ? 5 जनवरी, रविवार. दिल्ली में शाम के वक्त जब ज्यादातर लोग ठंड में थोड़ी कमी आने से राहत महसूस कर रहे होंगे, तभी टीवी पर जेएनयू की खबर फ्लैश होने लगती है. सत्ता के गलियारे से लेकर पुलिस मुख्यालय तक, हर ओर अचानक टेंपरेचर बढ़ जाता है. बड़ी तादाद में नकाबपोश गुंडे कैंपस में घुसे और मारपीट की. छात्रों को पीटा, टीचरों को पीटा, गर्ल्स हॉस्टल में घुसकर लड़कियों पर भी हमले किए गए. हिंसा के शिकार लोग इसके पीछे छात्र संगठन ABVP का हाथ बता रहे हैं. दूसरी ओर ये संगठन आरोपों से इनकार करते हुए हिंसा के लिए लेफ्ट विंग को जिम्मेदार बता रहा है. आरोप ये भी है कि पुलिस बुलाने के लिए 100 नंबर पर डायल किया गया, लेकिन पुलिस काफी देर से पहुंची. पहुंची भी तो हंगामे के बीच तमाशबीन बनी रही. फिर शुरू हुआ निंदा का दौर राजधानी में बीचों-बीच इस नामचीन संस्थान में हिंसा के बाद हर ओर गहमागहमी. हमेशा की तरह निंदा का दौर. जाहिर है, ये उनके लिए और भी ज्यादा दुखद रहा होगा, जिन्होंने इसी जेएनयू से पढ़ाई की. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए इस घटना की निंदा की. उन्होंने ट्वीट किया कि ये यूनिवर्सिटी हर तरह के ओपिनियन की जगह रही है, पर हिंसा की नहीं. निर्मला सीतारमण ने लिखा, “JNU से डरावनी तस्वीरें आ रही हैं. जिस जगह को मैं जानती हूं, वो तीखी बहसों और विचारों के लिए जाना जाता था, हिंसा के लिए कभी नहीं. कुछ हफ्तों में इस सरकार को लेकर चाहे जो भी कहा गया हो, लेकिन ये सरकार चाहती है कि यूनिवर्सिटी छात्रों के लिए सुरक्षित जगह बनी रहे.”
विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी जेएनयू से पढ़े हैं. जयशंकर ने JNU में हिंसा की निंदा करते हुए इसे यूनिवर्सिटी की परंपरा और संस्कृति के खिलाफ बताया है. उन्होंने ट्वीट किया, "#JNU में जो हुआ, उसकी तस्वीरें देखीं. साफ शब्दों में हिंसा की निंदा करता हूं. ये पूरी तरह से यूनिवर्सिटी की परंपरा और संस्कृति के खिलाफ है."
जाहिर है, जेएनयू में हिंसा से ऐसे लोग काफी आहत महसूस कर रहे हैं, जिनका इस संस्थान से गहरा नाता रहा है. खास तौर से तब, जब वे सत्ता में ऊंचे पद पर हों और हालात सुधारने के लिए कुछ कर सकने की हालत में हों.
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