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खुद को कांग्रेस वर्कर बताने वाला, टाइटलर की फोटो वाली टी-शर्ट पहन गोल्डन टेंपल पहुंचा, केस दर्ज

कांग्रेस ने कहा कि शख्स का पार्टी से कोई लेना देना नहीं. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने लगाया भावनाएं भड़काने का आरोप.

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जगदीश टाइटलर की फोटो वाली टी शर्ट पहने करमजीत सिंह. (आजतक)

अमृतसर (Amritsar) के गोल्डन टेंपल (Golden Temple) में जगदीश टाइटलर की तस्वीर वाली टी शर्ट पहनकर जाने वाले शख्स के खिलाफ केस दर्ज हो गया है. इस शख्स का नाम करमजीत सिंह गिल है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, करमजीत सिंह गिल ने खुद को कांग्रेस एससी सेल का प्रभारी बताया है. इधर कांग्रेस ने करमजीत सिंह से किसी भी तरह के संबंध होने से इनकार कर दिया है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, करमजीत सिंह 18 अगस्त को गोल्डन टेंपल गया था. उस दौरान उसने एक टी शर्ट पहनी थी. जिसपर जगदीश टाइटलर की तस्वीर छपी थी. बताया जा रहा है कि करमजीत ने स्नान किया और उसके बाद स्वर्ण मंदिर परिसर में फोटो भी खिंचाई. रिपोर्ट के अनुसार, करमजीत ने मंदिर में मत्था नहीं टेका. उसने फोटो खिंचाई और कार में बैठ कर निकल गया.

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (SGPC) के एडवोकेट प्रेसिडेंट हरजिंदर सिंह धामी ने करमजीत सिंह पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि टाइटलर सिख दंगों का मुख्य आरोपी है और इस बात को भुलाया नहीं जा सकता है.

इस मामले में SGPC के प्रेसिडेंट ने करमजीत सिंह के खिलाफ पुलिस में शिकायत की. इसी शिकायत के आधार पर पुलिस ने करमजीत सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. SGPC का आरोप है कि करमजीत ने सिख समुदाय के लोगों की भावनाओं को भड़काने के लिए ऐसा किया.

इधर कांग्रेस इन आरोपों को नकार रही है कि करमजीत सिंह का पार्टी से कोई नाता है. पंजाब कांग्रेस के चीफ अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने इंडिया टुडे से इस मामले में बात की. उन्होंने कहा,

करमजीत ना कांग्रेस का नेता है ना ही कार्यकर्ता. वो यूथ कांग्रेस से भी नहीं जुड़ा है, जैसे कि आरोप लगाए जा रहे हैं. उसे कांग्रेस कार्यकर्ता कहना गलत है.

अमरिंदर सिंह ने कहा कि कांग्रेस का करमजीत से कोई लेना देना नहीं है.

कौन हैं जगदीश टाइटलर?

दरअसल, कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को 1984 के सिख दंगों का मुख्य आरोपी कहा जाता है. नानावती कमीशन की रिपोर्ट में भी टाइटलर दोषी बताए गए थे और उनपर केस भी चल रहा है. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, टाइटलर के केस में CBI ने 2007, 2009 और 2014 में क्लोजर रिपोर्ट दे दी थी, लेकिन लखविंदर कौर की याचिका के बाद दिल्ली की कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट कोे खारिज कर दिया था. टाइटलर यूपीए की सरकार के दौरान केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं.

वीडियो: गोल्डन टेंपल में बेअदबी के आरोपी युवक की हत्या के मामले में अब तक क्या हुआ?