एक ट्वीट करके फ़ंस गए दिग्विजय सिंह, FIR हुई तो ये बात कहने लगे

12:27 AM May 31, 2022 |
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मध्यप्रदेश के खरगोन (Khargone, Madhyapradesh) में रामनवमी के दिन हुई हिंसा के मामले में सरकारी कार्रवाई चल रही है, और उन कार्रवाईयों पर सवाल भी चल रहे हैं. और इसी मामले पर एक गलत फोटो ट्वीट करके पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) बुरे फंस गए हैं. उन पर धार्मिक भावनाएं आहत करने सहित कई गंभीर आपराधिक धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.

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दरअसल बीती 10 अप्रैल को रामनवमी के दिन मध्यप्रदेश के खरगोन में शोभायात्रा निकाली गई थी. जिसपर कुछ लोगों ने कथित तौर पर पथराव कर दिया था. आरोप लगे कि पेट्रोल बम का इस्तेमाल भी किया गया. इस घटना में करीब 20 पुलिसकर्मी और आम लोग घायल हुए थे. जिसके बाद से मध्यप्रदेश सरकार एक्शन में है. करीब 90 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. प्रदेश सरकार ने बुलडोज़र चलाने का भी काम शुरू किया है. 'जिन्होंने पत्थर चलाए, उनके घरों को पत्थरों में तब्दील कर देंगे'मार्का बयान भी चल रहे.

इसी बीच 12 अप्रैल को दिग्विजय सिंह ने मस्जिद पर भगवा झंडा फहराते हुए एक व्यक्ति की फोटो ट्वीट की. और लिखा,

'क्या तलवार लाठी लेकर धार्मिक स्थल पर झंडा फहराना उचित है? क्या खरगोन प्रशासन ने हथियार लेकर जुलूस निकालने की इजाजत दी थी?' क्या जिन्होंने पत्थर फेंके, चाहें किसी भी धर्म के हों, सभी के घर पर बुलडोज़र चलेगा? शिवराज जी मत भूलिए, आपने निष्पक्ष होकर सरकार चलाने की शपथ ली थी.'

क्या ख़रगोन प्रशासन ने लाठी तलवार जैसे हथियारों को ले कर जुलूस निकालने की इजाज़त दी थी? क्या जिन्होंने पत्थर फेंके चाहे जिस धर्म के हों सभी के घर पर बुलडोज़र चलेगा? शिवराज जी मत भूलिए आपने निष्पक्ष हो कर सरकार चलाने की शपथ ली है।
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— digvijaya singh (@digvijaya_28) April 12, 2022

इस ट्वीट में घटना पर पूछे गए सवाल व्यापक स्तर पर भले जायज हों, लेकिन दिग्विजय सिंह घटना की जगह गलत बता गए. और सवाल गलत आदमी से पूछ लिया. दरअसल ये फोटो बिहार में मुजफ्फरपुर के मोहम्मदपुर गांव की हैं. सोशल मीडिया पर इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ था. जिसमें रामनवमी के जुलूस में शामिल लोगों को मस्जिद के सामने शोर मचाते और भगवा झंडा फहराते देखा जा सकता है.

दिग्विजय सिंह के ट्वीट के बाद मध्यप्रदेश बीजेपी के लोग भड़क गए. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र ने कहा कि दिग्विजय सिंह भ्रम फैलाकर सांप्रदायिक तनाव को हवा देना चाहते हैं. उन्होंने मस्जिद में झंडा फहराने की जो तस्वीर पोस्ट की है, वो मध्य प्रदेश की नहीं है. इस विषय में वैधानिक कार्रवाई को लेकर विशेषज्ञों से राय ली जा रही है.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट कर लिखा कि दिग्विजय सिंह ने एक धार्मिक स्थल पर युवक द्वारा भगवा झंडा फहराने का फोटो सहित ट्वीट किया है, वह मध्यप्रदेश का नहीं है. यह ट्वीट प्रदेश में धार्मिक उन्माद फैलाने का षड्यंत्र है और प्रदेश को दंगे की आग में झोंकने की साजिश है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

श्री @digvijaya_28ने एक धार्मिक स्थल पर युवक द्वारा भगवा झंडा फहराने का फोटो सहित ट्वीट किया है, वह मध्यप्रदेश का नहीं है।श्री दिग्विजय सिंह का यह ट्वीट प्रदेश में धार्मिक उन्माद फैलाने का षड्यंत्र है और प्रदेश को दंगे की आग में झोंकने की साजिश है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) April 12, 2022

इसके बाद कल 12 अप्रैल को दिग्विजय सिंह पर आईपीसी की धारा 58/22 , 153A(1), 295A, 465, 505(2) के तहत मामला दर्ज हो गया है और कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.

आज जब पत्रकारों ने दिग्विजय से इस पर टिप्पणी लेनी चाही तो, दिग्विजय बोले कि अगर शांति, भाइचारे और सद्भाव की बात करने पर मुकदमा दर्ज होता है तो एक नहीं एक लाख मुक़दमे झेलने के लिए तैयार हूं. जब पत्रकारों ने कहा कि आपने बिहार की तस्वीर खरगोन की बता दी है तो दिग्विजय सिंह ने इसका जवाब नहीं दिया.

#WATCH | Former chief minister of Madhya Pradesh & Congress leader Digvijaya Singh responds to the FIR registered against him over his alleged fabricated tweet that he deleted later pic.twitter.com/N1hSmeyMyD

— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) April 13, 2022

सवालों का सीधा जवाब तो नहीं दिया लेकिन दिग्विजय सिंह ने ट्वीट ज़रूर किया. लिखा,

"मुझे ख़रगोन के दंगे के संदर्भ में अनेक विडियो व चित्र मिले थे. मेरे परिचित ने अनेक चित्रों और वीडियो के साथ इस चित्र को भी साझा किया था. मैंने अपने ट्वीट में इस आधार पर किसी भी धार्मिक स्थल पर हथियार लेकर झंडा लगाने के औचित्य पर प्रश्न किया था. उसके बाद बीजेपी की शिकायत पर मेरे ख़िलाफ़ तमाम धाराओं में केस दर्ज किए गए. हालांकि इस चित्र के बारे में मुझे जैसे ही जानकारी मिली कि यह साल 2017 में बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर का है मैंने तत्काल अपना ट्वीट डिलीट कर दिया. लेकिन मेरे प्रश्न ख़रगोन दंगे के बारे में यथावत रहे."

मुझे ख़रगोन के दंगे के संदर्भ में अनेक विडियो व चित्र मिले थे। मेरे परिचित ने अनेक चित्रों और वीडियो के साथ इस चित्र को भी साझा किया था।
1/n@INCMP@INCIndia@BJP4Indiahttps://t.co/zaNXfQwwLJ

— digvijaya singh (@digvijaya_28) April 13, 2022

उन्होंने आगे लिखा,

"प्रश्न हैं कि
एक - क्या इस देश में अब प्रश्न पूछना भी गुनाह हो गया है?
दो - विपक्ष के नेता के रूप में क्या हम अपने देश/ प्रदेश की जनता के एक वर्ग के खिलाफ बन रहे ऐसे माहौल पर सवाल नहीं कर सकते?
तीन - क्या बग़ैर नोटिस और बग़ैर जांच-परख के अपने विरोधियों पर बुलडोज़र हमला न्यायसंगत है?
चार - क्या लोकतंत्र अब एकतरफ़ा राजनीतिक विचार से ही चलेगा?"

इसके आगे उन्होंने लिखा,

"मेरा प्रशासन और देश की न्याय व्यवस्था से यह सवाल है कि जो पूरे देश को दिख रहा है वह व्यवस्था के उच्च शिखर पर बैठे लोगों को क्यों नज़र नहीं आ रहा है. जो लोग खुलेआम उन्मादी भाषण दे रहे हैं. जो लोग महिलाओं के खिलाफ कुकृत्य कर रहे हैं, उन्हें उत्पीड़न का शिकार बना रहे हैं, उनके ख़िलाफ़ कोई FIR/ कोई बुलडोज़र/ कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?"

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