कोरोना में आपका DA कटा था? वापस आएगा या नहीं, सरकार ने जवाब दिया है!

11:19 AM Mar 14, 2023 | प्रशांत सिंह
Advertisement

केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते (DA) को लेकर सरकार ने बड़ा अपडेट दिया है. कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पर रोक लगा दी थी. अब सरकार ने कहा है कि कर्मचारियों और पेंशन पा रहे लोगों को बकाया DA का एरियर नहीं दिया जाएगा. यानि अभी के मुताबिक, कटा हुआ भत्ता वापिस नहीं होगा.

Advertisement

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक इसकी जानकारी सरकार ने लोक सभा प्रश्नकाल के दौरान दी. वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी (Pankaj Chaudhary) ने सवाल का जवाब देते हुए बकाया DA देने की बात से इनकार कर दिया. मिजोरम से सांसद सी लालरोसंगा ने लोकसभा में सोमवार, 13 मार्च को केंद्रीय कर्मचारियों के 18 महीने के बकाया DA पर सवाल पूछा था. इस पर पंकज चौधरी ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार कोई भी बकाया DA नहीं देगी. उन्होंने ये भी साफ किया कि भविष्य में 18 महीनों के इस महंगाई भत्ते को तीन किस्तों में देने की सरकार की कोई योजना नहीं है.

सांसद सी लालरोसंगा ने लोक सभा में पूछा था सवाल.

दरअसल, केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता, जो कि जनवरी 2020, जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 को जारी किया गया था,  अभी तक बकाया था. सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान इस पर रोक लगाई थी. इसी को लेकर सरकार का पक्ष सामने आया है. वित्त राज्यमंत्री ने इस पूरे मामले में सरकार की ओर से सफाई देते हुए कहा कि महामारी से पैदा हुए आर्थिक नुकसान के कारण ये फैसला लिया गया है.

कितना पैसा बचेगा?

सांसद सी लालरोसंगा ने DA के फंड के बारे में भी जानकारी मांगी थी. इस पर जवाब देते हुए पंकज चौधरी ने कहा कि सरकार को इस फैसले से सरकार ने अपने खजाने में 34 हजार 402.32 करोड़ रुपये बचाए हैं. वित्त राज्यमंत्री ने आगे कहा कि कोरोना के दौरान जो नुकसान हुआ है, सरकार के इस फैसले से वित्तीय नुकसान को कम करने में मदद मिली है.

इस बीच, ऐसे अनुमान हैं कि केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के लाभ के लिए DA में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकती है. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पेंशनरों के लिए महंगाई राहत (Dearness Relief) में इसी तरह की बढ़ोतरी की जल्द घोषणा होने की उम्मीद है. केंद्र सरकार के कर्मचारियों को दिया जाने वाला महंगाई भत्ता 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित है.

Advertisement
Next