कोरोना के मामले फिर से बढ़ रहे हैं. कल 23 मार्च को देश भर में Covid-19 के 1300 नए केस रिपोर्ट किए गए. एक्टिव मामलों की कुल संख्या 7 हजार 605 पहुंच गई है. और इस बढ़ोतरी के पीछे वजह है कोरोना का एक और नया वैरिएंट XBB.1.16. दुनिया के 12 देशों में इस वैरिएंट के मामले सामने आए हैं. लेकिन सबसे ज्यादा केस भारत में हैं.
राज्यवार मामलों की क्या स्थिति है?
इंडियन सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के डाटा के मुताबिक, अब तक देशभर में इस नए वैरिएंट के 344 मामले सामने आ चुके हैं. जबकि जनवरी में कोरोना के सिर्फ 2 केस ऐसे थे जिनमें XBB.1.16 पाया गया था. उसके बाद फरवरी में 138 केस दर्ज हुए और मार्च महीने में अब तक नंबर 204 हो चुका है.
स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध डेटा के मुताबिक महाराष्ट्र में अब तक XBB.1.16 के सबसे ज्यादा 105 मामले दर्ज हुए. लिस्ट देखिए.
महाराष्ट्र - 105
तेलंगाना - 93
कर्नाटक - 57
गुजरात - 54
दिल्ली - 19
XBB.1.16 के अलावा मरीजों में दो और सब-वेरिएंट XBB.1.5 और XBB.2.3 पाए गए हैं.
कुल मामलों की बात करें तो देश के 8 राज्यों में कोरोना के कुल मामले बढ़े हैं. ये 8 राज्य हैं-
महाराष्ट्र
गुजरात
कर्नाटक
केरल
तमिलनाडु
हिमाचल प्रदेश
राजस्थान
दिल्ली
हालांकि इनमें से 3 राज्यों में अभी नए सब वैरिएंट XBB.1.16 के मामले सामने नहीं आए हैं. जिन 5 राज्यों में नया वैरिएंट मिला है वहां कोरोना के टोटल केस अब तक कुछ इस तरह हैं.
महाराष्ट्र - 1 हजार 648
गुजरात - 1 हजार 64
कर्नाटक - 658
दिल्ली - 292
तेलंगाना - 153
अब बात XBB1.16 वैरिएंट की.
ये वैरिएंट भारत के अलावा अमेरिका, ब्रुनेई, सिंगापुर, चीन और यूके में भी फ़ैल रहा है. ये नया वैरिएंट कितना खतरनाक है, इस बारे में आज तक ने डॉ. विपिन एम. वशिष्ठ से बात की. डॉक्टर विपिन WHO के वैक्सीन सेफ्टी नेट के सदस्य हैं.
वो कहते हैं,
“वैश्विक स्तर पर XBB.1.16 के बारे में चिंताएं हैं क्योंकि इस सब-वैरिएंट में वायरस के गैर-स्पाइक रीजन में कुछ म्यूटेशन हुआ है. XBB.1.16 वैरिएंट XBB.1.5 की तुलना में 140 फ़ीसद तेजी से बढ़ता है जो इसे और ज्यादा आक्रामक बनाता है. इस वैरिएंट में तीन एक्स्ट्रा स्पाइक म्यूटेशन, E180V, K478R, और S486P हैं जिन्हें हाल ही में ब्रीफिंग करके डिटेक्ट किया गया है.”
INSACOG के को-चेयरमैन डॉ. सौमित्र दास के मुताबिक, XBB.1.16 वैरिएंट को पूरी तरह से समझने के लिए अभी पर्याप्त डेटा नहीं है.
सरकार की गाइडलाइन क्या कहती है?
सरकार ने इस वैरिएंट के सामने आने के बाद नई गाइडलाइन जारी की है. एक लिस्ट भी दी गई है जिसमें बताया गया है कि 8 तरह के लोगों को कोविड के इस वैरिएंट से ज्यादा खतरा है. मोटामाटी जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है या वे किसी भी तरह की बीमारी से ग्रस्त हैं उन लोगों को ज्यादा खतरा है. गाइडलाइन में एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल सोच समझकर करने की भी सलाह दी गई है. हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये भी कहा है कि कि अभी कोरोना संक्रमण के बाद अस्पतालों में भर्ती होने की दर नहीं बढ़ी है.