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दिल्ली हाई कोर्ट ने पेंशन पर जो फैसला सुनाया है, वो CAPF कर्मचारियों को खुश कर देगा

पुरानी पेंशन और नई पेंशन योजना में क्या अंतर है?

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दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स के पक्ष में फैसला (फोटो- आज तक)

दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने बुधवार, 11 जनवरी को सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPF) से जुड़ा एक बड़ा फैसला सुनाया. हाई कोर्ट ने CAPF के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) का लाभ दिए जाने की बात पर मुहर लगा दी.

आज तक की रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने कहा कि ये सशस्त्र बल हैं, इसलिए पुरानी पेंशन योजना के लिए पात्र हैं. कोर्ट के इस फैसले का लाभ हजारों पूर्व सैनिकों को मिलेगा. रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस सुरेश कैत और नीना बंसल की दो जजों की बेंच ने इस मामले में फैसला सुनाया. इस मामले में कुल 82 याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए बेंच ने कहा,

“सशस्त्र बलों में चाहे कोई आज भर्ती हुआ हो, या पहले कभी भर्ती हुआ हो, या आने वाले समय में भर्ती हो, सभी जवानों और अधिकारियों को पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाएगा.”

पुरानी और नई पेंशन योजना में क्या अंतर?

NPS के तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट होने के बाद पेंशन का लाभ मिलता है. इसमें कर्मचारी अपनी पेंशन का 60 फीसदी भाग एक साथ ले सकते हैं. वहीं 40 फीसदी हिस्सा हर महीने दिया जाता है. नेशनल पेंशन सिस्टम, 2004 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों पर लागू होता है. इससे पहले के कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन सिस्टम (OPS) के तहत की पेंशन दी जाती है.

नेशनल पेंशन सिस्टम और ओल्ड पेंशन सिस्टम में बहुत बड़ा अंतर है. ओल्ड पेंशन सिस्टम में कर्मचारियों को पेंशन का लाभ लेने के लिए अपनी तरफ से एक भी पैसा नहीं देना होता था. लेकिन नई योजना में ऐसा नहीं है. नई योजना के तहत कर्मचारियों की सैलरी से हर महीने 10 फीसदी (बेसिक सैलरी और DA का) की कटौती होती है. इसके तहत सरकार की तरफ से भी योगदान दिया जाता है.

ओल्ड पेंशन सिस्टम में कर्मचारी को जो पेंशन दी जाती है वो आखिरी सैलरी का 50 फीसदी होती है. वहीं नेशनल पेंशन सिस्टम के तहत जो पेंशन दी जाती है, उसका आखिरी सैलरी से कोई लेना-देना नहीं होता.