दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के सिंगापुर (Singapore) जाने के प्रस्ताव को उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने वापस कर दिया है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने गुरुवार 21 जुलाई को ये जानकारी दी. उन्होंने बताया कि एलजी के इस फैसले के बाद प्रस्ताव को मंजूरी के लिए विदेश मंत्रालय के पास भेजा गया है.
क्यों खारिज हुआ प्रस्ताव?
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि उपराज्यपाल के ऑफिस से यह कहकर सीएम केजरीवाल के प्रस्ताव को वापस कर दिया गया कि सिंगापुर में जो कार्यक्रम होने जा रहा है, उसमें अलग-अलग मेयर शामिल होंगे. इसलिए एक मुख्यमंत्री का वहां शामिल होना सही नहीं होगा.
इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि ऐसा लगता है कि उन्हें सिंगापुर में होने जा रहे कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जाने की मंजूरी राजनीतिक कारणों से नहीं दी जा रही है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखते हुए कहा था कि उन्होंने बहुत पहले ही इस संबंध में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को प्रस्ताव भेज दिया था. केजरीवाल ने कहा था कि सिंगापुर सरकार ने दिल्ली मॉडल के बारे में पूरी दुनिया को बताने के लिए उन्हें कार्यक्रम में बुलाया है. उन्होंने कहा था कि ये देश के लिए गर्व की बात है.
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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के उपराज्यपाल के ऑफिस में मौजूद सूत्रों ने बताया कि सिंगापुर में होने जा रहा 'वर्ल्ड सिटीज समिट' पहली नजर में मेयर्स का सम्मेलन लग रहा है. ऐसे में किसी मुख्यमंत्री का उस कार्यक्रम में शामिल होना सही नहीं दिखता. रिपोर्ट के मुताबिक इस कार्यक्रम और फोरम को लेकर मौजूद जानकारी को देखने के बाद उपराज्यपाल ने पाया है कि सम्मेलन में शहरी निकाय शासन व्यवस्था के अलग-अलग पहलुओं के बारे में बात होगी. दिल्ली के मामले में ये शासन व्यवस्था दिल्ली सरकार के अलावा अलग-अलग नगरपालिकाओं और दिल्ली विकास प्राधिकरण के तहत आती है.
‘पहले भी गए हैं मुख्यमंत्री’
रिपोर्ट में सूत्रों के आधार पर बताया गया है कि केजरीवाल के प्रस्ताव पर विचार करते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने कहा है कि सम्मेलन में जिन पहलुओं पर बात होगी, दिल्ली के संबंध में उन पर केवल यहां की सरकार का एकमात्र अधिकार नहीं है. कहा गया कि दिल्ली में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को नई दिल्ली नगर निगम की तरफ से चलाया जा रहा है, लिहाजा एक मुख्यमंत्री का ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होना गलत उदाहरण पेश करेगा जैसा सिंगापुर में होने जा रहा है.
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इधर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अरविंद केजरीवाल उपराज्यपाल की सलाह से सहमत नहीं हैं और उनके प्रस्ताव को नकार देना 'घटिया राजनीति' है. सिसोदिया ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों में भारत के अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री पहले भी शामिल होते रहे हैं.
खबर लिखे जाने तक सिसोदिया के बयानों पर दिल्ली के उपराज्याल की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी.
वीडियो- अरविंद केजरीवाल को सिंगापुर जाने से रोके जाने के पीछे कहीं ये वजह तो नहीं?