हर राज्य को NPR के लिए डाटा इकट्ठा करना होगा. यह कानूनी प्रक्रिया है. कोई भी राज्य इसका विरोध नहीं कर सकता है. यदि कोई अधिकारी जनगणना का विरोध करता है तो उसे तीन साल जेल की सजा हो सकती है. अगर कोई कलेक्टर कहता है कि वह ऐसा नहीं करेगा, तो उसे तीन साल तक की सजा हो सकती है.सुशील मोदी ने कहा कि वह आश्चर्यचकित हैं कि केरल सरकार ने NPR का विरोध करने के लिए प्रस्ताव कैसे पास कर दिया. ममता बनर्जी भी इसका विरोध कर रही हैं. क्या उनमें NPR को रोकने की हिम्मत है. NPR का विरोध करना संविधान के खिलाफ है. यह पूछे जाने पर कि क्या प्रतिवादियों को NPR में अपने अभिभावकों के जन्मस्थान और जन्मतिथि का खुलासा करना होगा, सुशील मोदी ने कहा कि इसके लिए कोई अनिवार्य प्रावधान नहीं है. उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि प्रतिवादियों से जन्म प्रमाणपत्र, भूमि दस्तावेज जैसे कोई दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे.
यूपीए सरकार ने 2010 में NPR पेश किया था. जब तक NPR का डाटा NRC के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता हमें कोई दिक्कत नहीं है. पीएम मोदी ने साफ किया है कि NRC लागू नहीं होगा. इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कह चुके हैं कि NRC लागू नहीं होगा. इसलिए NPR के साथ आगे बढ़ने में कोई दिक्कत नहीं है.जेडीयू के स्टेट प्रेसिडेंट और राज्यसभा एमपी बशिष्ठ नारायण सिंह का कहना है कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है. इसके बारे में जानकारी जुटाने के बाद ही कुछ कह सकते हैं. जेडीयू बिहार के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा,
कांग्रेस NPR लेकर आई. कंफ्यूजन तब शुरू हुआ जब तत्कालीन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में एक लिखित जवाब में कहा कि NPR, NRC के लिए पहला कदम है. अब जब पीएम और गृह मंत्री दोनों ने NRC पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है तो NPR के साथ आगे बढ़ा जा सकता है.वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल और केरल ने NPR को मना कर दिया है. आशंका जताई है कि इस डाटा का इस्तेमाल NRC के लिए किया जा सकता है. 2018-19 की गृह मंत्रालय की सालाना रिपोर्ट में कहा गया कि NPR, NRC की दिशा में पहला कदम है. इसमें कहा गया है, ‘सिटिजनशिप ऐक्ट के प्रावधानों के हिसाब से नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) नेशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटिज़ंस (NRIC) की दिशा में पहला कदम है. जुलाई, 2014 में राज्यसभा में तत्कालीन गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू ने कहा था,
सरकार ने अब देश में सभी व्यक्तियों की नागरिकता की स्थिति का वेरिफिकेशन करके NPR की योजना के तहत इकट्ठा की गयी जानकारी के आधार पर नेशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटीजंस (एनआरआईसी) बनाने का निर्णय लिया है.हालांकि पीएम मोदी ने 22 दिसंबर 2019 को दिल्ली की एक चुनावी रैली में कहा था कि NRC पर सरकार में कोई चर्चा नहीं हुई है. झूठ फैलाया जा रहा है. पीएम ने कहा था, 2014 से आज तक मेरी सरकार आने के समय से… NRC पर कोई चर्चा नहीं हुई है. गृहमंत्री अमित शाह ने भी कहा था कि NRC और NPR के बीच कोई संबंध नहीं है. NRC के लिए NPR के डेटा का उपयोग कभी नहीं किया जा सकता है.
योगी सरकार CAA हिंसा का आरोप जिस PFI पर लगा रही, वो क्या सिमी का नया रूप है?