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सब OK रहा तो मुंडी छोड़ बदला जा सकेगा पूरा इंसानी धड़!

पूरी बॉडी ट्रांसप्लांट करने की तैयारी हो रही है.

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Source : The New York Times
पहली बार ट्रांसप्लांट शब्द कुछ साल पहले सुना था. जब बाजू में रहने वाले अंकल का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था. अंकल दारू पी-पा के चौबीस घंटे टुन्न रहते थे. लीवर सड़ गया और उसमें कीड़े पड़ गए. किडनी पर भी अफेक्ट पड़ा. डॉक्टर के पास ले जाया गया तो उसने दूसरी किडनी लगाने को कहा. पहले तो उन्हें डोनर नहीं मिल रहा था. मिला भी तो वो देना नहीं चाह रहा था. फिर कहीं से जुगाड़ हो गया. बहुत पैसे लगे और वो अंकल ठीक हो गए.
हार्ट, किडनी ट्रांसप्लांट तो बहुत कॉमन प्रैक्टिस बन चुका है. न जाने कितनी बार सुना होगा. सोचिए हार्ट किडनी के जगह एक डॉक्टर मुंडी के नीचे का पूरा शरीर ही बदल दे. फुल बॉडी ट्रांसप्लांट कहते हैं इसे. अब तक इंसानों की कभी नहीं हुई. चुहियाओं की कई बार की जा चुकी है बॉडी ट्रांसप्लांट. पर अब इंसानों की बारी  है.
द न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के मुताबिक,  चीन में एक डॉक्टर हैं. नाम है रेन. हार्बिन मेडिकल यूनिवर्सिटी में ऑर्थोपेडिक सर्जन हैं. 16 साल अमेरिका में रहकर 2012 में वापस अपने मुल्क आ गए. ये बॉडी ट्रांसप्लांट की तैयारी कर रहे हैं. मुंडी के नीचे के ऊपर हिस्सा बदलने की तैयारी.
Source : The New York Times
Source : The New York Times

'द न्यूयॉर्क टाइम्स' के मुताबिक डॉक्टर रेन जब अमरिका में थे, तब उन्होंने डॉक्टर्स की टीम के साथ मिलकर एक हैंड ट्रांसप्लांट किया था. 1999 में ये ट्रांसप्लांट हुआ था. और ये पहला हैंड ट्रांसप्लांट था. वापस आने के बाद डॉक्टर रेन ने हेड ट्रांसप्लांट करने का मूड बनाया ताकि पूरे शरीर से पैरालाइज्ड लोगों को एक बार फिर से जीने का मौका मिले. इसके लिए उन्होंने चूहिया और बंदरों पर हजार से भी ज्यादा एक्सपेरिमेंट किए. एक में तो सक्सेस भी हो गए. पर वो चूहिया केवल एक दिन ही जिंदा रह पाई.

क्या है प्रोसिजर ?

डॉक्टर रेन डोनेट किए गए डेड बॉडी पर जिंदा इंसान का सिर लगाएंगे. बॉडी और सर के ब्लड सेल्स को जोड़कर गर्दन को स्टैबल करने के लिए मेटल से बना रॉड शरीर के अंदर डालेंगे. उसके बाद स्पाइनल कॉर्ड नर्व को ग्लू जैसे दिखने वाले मेडिसिन में डुबाया जाएगा ताकि वो ग्रो कर सके. और अंत में बॉडी और सर के स्कीन को टांके के जरिए जोड़ दिया जाएगा.


Source : The New york Times
Source : The New york Times
डॉक्टर रेन के इस कदम को लोगों ने सराहने के बजाए अनएथिकल बताया है. मेडिकल वर्ल्ड में तो लोगों ने हंगामा खड़ा कर दिया है. लोगों को लगता है कि ये मुमकिन नहीं है. चीन के फॉर्मर डेप्यूटी हेल्थ मिनिस्टर का कहना है कि स्पाइन के कटने के बाद न्यूरॉन को वापस जोड़ना संभव नहीं है.
इतने ताने और नकारात्मक बयानों के बाद भी डॉक्टर रेन का हौसला कम नहीं हुआ है. वो इस हेड ट्रांसप्लांट सर्जरी को अंजाम देना चाहते हैं. हालांकि वो भी मानते हैं कि ये इम्पॉसिबल है. वो कहते हैं कि मैंने 30 साल में कई मुश्किल ऑपरेशन किए हैं पर ये सर्जरी उन सब के मुकाबले ज्यादा मुश्किल है.
इस साल के शुरू में डॉक्टर रेन ने बंदर पर इसे आजमाया था. वो बस 20 घंटे ही जिंदा रहा क्योंकि उसकी स्पाइल कॉर्ड जोड़ी नहीं जा सकी थी. डॉक्टर रेन का ये कदम भले ही मेडिकल वर्ल्ड और उससे जुड़े लोगों को फूटी आंख न भा रहा हो पर कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके लिए रेन का ये आइडिया चमत्कार जैसा है.
62 साल के वांग हानमिंग भी उनमें से एक शख्स हैं. वांग पिछले 6 साल से बेड पर पड़े हैं. सिर को छोड़ पूरी बॉडी पैरालाइज्ड है. दोस्त के साथ कुश्ती में दो-दो हाथ करते वक्त उनके साथ एक हादसा हो गया था. पिछले 3 साल से वांग की बेटी झई और उनकी पत्नी उनके फेफड़ों में हैंड पंप कर ऑक्सीजन पहुंचाते थे. लेकिन आज उनके पास ऑटोमैटिक पंप मशीन है जो डोनेशन के पैसों से मिला है. वांग के परिवार को पता है कि अगर ऑपरेशन फेल हुआ तो वांग मर जाएगा. पर फिर भी उन्हें उम्मीद है.