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बच्चे ख्याल नहीं रखते थे, बुजुर्ग ने गुस्साकर 1.5 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी सरकार को दे दी!

बुजुर्ग ने अपना शरीर भी दान किया.

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नत्थू सिंह अपनी संपत्ति के कागज के साथ (फोटो- इंडिया टुडे)

उत्तर प्रदेश में एक बुजुर्ग (Uttar Pradesh man donates property) ने अपनी करोड़ों की संपत्ति सरकार के नाम कर दी. अपने बच्चों की अनदेखी से नाराज होकर बुजुर्ग ने ये कदम उठाया. यही नहीं, बुजुर्ग ने अपना शरीर भी दान कर दिया और कहा कि उनके बेटे और चार बेटियों को उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होने दिया जाना चाहिए.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक करोड़ों रुपये की संपत्ति होने के बावजूद बच्चों की अनदेखी के चलते बुजुर्ग वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर है. इंडिया टुडे से जुड़े संदीप सैनी की रिपोर्ट के मुताबिक मामला मुजफ्फरनगर के बिरान गांव का है. जहां 85 वर्ष के नत्थू सिंह ने 4 मार्च के दिन अपनी संपत्ति दान कर दी. उन्होंने तहसील पहुंचकर अपने घर सहित खेती की लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की जमीन उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के नाम कर दी. यही नहीं, नत्थू सिंह ने अपना शरीर भी दान कर दिया है.

नत्थू सिंह की वसीयत के कागज.

रिपोर्ट के मुताबिक नत्थू सिंह के एक बेटा, जो कि स्कूल टीचर हैं और चार बेटियां हैं. सभी बेटियों की शादी हो चुकी है. अपनी पत्नी की मौत के बाद से नत्थू सिंह अकेला रहा रहा था. करीब सात महीने पहले वो अपने गांव के एक वृद्धाश्रम चला गया था. जिसके बाद से उससे परिवार का कोई भी सदस्य मिलने नहीं आया. इसी कारण नाराज होकर नत्थू सिंह ने अपनी संपत्ति दान कर दी.

नत्थू सिंह ने ये इच्छा जताई कि दान की गई संपत्ति पर उनकी मृत्यु के बाद अस्पताल या स्कूल बनाया जाए. इंडिया टुडे से बात करते हुए नत्थू ने बताया,

“मैंने उत्तर प्रदेश सरकार को अपना शरीर, जमीन और संपत्ति सब दे दी है. ये सब मैंने लाचार हो कर किया है. मेरे 4 लड़कियां और 1 लड़का है. मैं खतौली वृद्धा आश्रम में रहता हूं.”

नत्थू सिंह ने आगे बताया कि इस उम्र में मुझे अपने बेटे और बहू के साथ रहना चाहिए था, लेकिन उन्होंने मेरे साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया. इसलिए मैंने अपनी संपत्ति दान करने का फैसला किया है.

इस मामले की जानकारी देते हुए SDM अरुण कुमार ने बताया,

“4 मार्च 2023 को नत्थू सिंह अपना मकान और कृषि भूमि महामहिम राज्यपाल उत्तर प्रदेश सरकार के नाम कर दी. उन्होंने लिखा कि जब तक मैं रहूंगा तब तक मैं मालिक रहूंगा मेरे बाद यह संपत्ति महामहिम राज्यपाल महोदय को दी जाए.”

अरुण कुमार ने बताया कि इनका एक लड़का इनका सहारनपुर में रहता है. और बेटियों की शादी हो गई है. अरुण ने आगे कहा कि अभी हमने संपत्ति का कोई मूल्यांकन नहीं किया है क्योंकि वसीयत में कोई खसरा नंबर या रकबा नहीं लिखा है.

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