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ट्विटर ने बाइडन के बेटे की कौन सी खबर 'दबाई' थी, जिसकी एलन मस्क ने फाइल खोल दी?

जो बाइडन के बेटे हंटर बाइडन पर राष्ट्रपति चुनाव से पहले बड़ी खबर छपी थी.

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जो बाइडन और एलन मस्क (फाइल फोटो)

ट्विटर खरीदने के बाद एलन मस्क (Elon Musk) अपने ट्वीट्स को लेकर चर्चा में रहते हैं. फ्री स्पीच की वकालत करते हैं. इस बीच, मस्क ने ट्विटर पर पॉलिटिकल सेंसरशिप को लेकर बड़ा खुलासा किया है. ये खुलासा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बेटे हंटर बाइडन (Hunter Biden) को लेकर की गई एक स्टोरी को लेकर है. एलन मस्क ने दावा किया कि हंटर बाइडन को लेकर साल 2020 में 'न्यूयार्क पोस्ट' ने जो स्टोरी की थी, उसे ट्विटर ने सेंसर कर दिया था. मस्क ने ये भी कहा है कि वो आने वाले समय में ट्विटर की ऐसी और सेंसरशिप का खुलासा करेंगे.

अमेरिकी लेखक और पत्रकार मैट टैबी ने हंटर बाइडन की स्टोरी को लेकर एक ट्विटर थ्रेड लिखा है. इसे 'ट्विटर फाइल्स' (Twitter Files) का नाम दिया है. एलन मस्क ने इसे ही रीट्वीट किया है. मैट ने ट्विटर में सूत्रों के हवाले से लिखा है कि हजारों दस्तावेज बताते हैं कि इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किस तरह धीरे-धीरे सेंसरशिप बढ़ता गया है. उन्होंने लिखा है कि ट्विटर के अधिकारियों के अलावा बाहरी लोगों ने भी फ्री स्पीच को दबाने की पूरी कोशिश की है. 2020 से ट्वीट्स को डिलीट करवाना आम हो गया.

मैट टैबी ने लिखा है कि ट्वीट्स को सेंसर करवाने में रिपब्लिकन और डेमोक्रैट्स दोनों आगे हैं. अब आते हैं असल मुद्दे पर, जिससे अमेरिका में विवाद छिड़ा हुआ है और जिसे 'ट्विटर फाइल्स' के पहले हिस्से के रूप में लाया गया है.

हंटर बाइडन पर क्या खुलासा हुआ था?

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव का दौर था. 14 अक्टूबर 2020 को अमेरिकी अखबार न्यूयार्क पोस्ट ने 'बाइडन सीक्रेट ईमेल्स' की हेडिंग से खबर छापी थी. ये खबर हंटर बाइडन के लैपटॉप से मिले ई-मेल के आधार पर छापे जाने का दावा किया गया था. खबर यह थी कि हंटर ने अपने पिता जो बाइडन को यूक्रेन की एक ऊर्जा कंपनी के टॉप अधिकारी से मिलवाया था. ये मीटिंग 2015 में हुई थी, तब जो बाइडन अमेरिका के उपराष्ट्रपति थे.

न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक, जो बाइडन ने एक साल पहले उस ऊर्जा कंपनी की जांच कर रहे अधिकारी को यूक्रेन सरकार पर दबाव बनाकर हटवाया था. रिपोर्ट बताती है कि बाइडन ने अधिकारी को नहीं हटाने पर यूक्रेन को मिलने वाली 1 बिलियन डॉलर की लोन गारंटी को रोकने की धमकी भी दी थी.

17 अप्रैल 2015 को बुरिस्मा (Burisma) कंपनी के बोर्ड के एक एडवाइजर Vadym Pozharskyi ने हंटर को एक ईमेल भेजा. हंटर बाइडन एक साल पहले इसी कंपनी के बोर्ड में 50 हजार डॉलर की सैलरी पर जुड़े थे. मेल में क्या था? एडवाइजर ने लिखा था, 

"डियर हंटर, मुझे वॉशिंग्टन डीसी बुलाने और अपने पिता (जो बाइडन) से मिलने का मौका देने के लिए शुक्रिया. यह मेरे लिए सम्मान और खुशी की बात है."

जो बाइडन दावा करते थे कि उन्होंने अपने बेटे से उसकी विदेशों में बिजनेस डीलिंग को लेकर कभी बात नहीं की है. अखबार का ये खुलासा बाइडन के दावे से ठीक उलट था. स्टोरी के मुताबिक, बाइडन के होम स्टेट डेलावेयर में लैपटॉप को अप्रैल 2019 में एक रिपेयर शॉप में दिया गया था वहीं से इन जानकारियों को हासिल किया गया. मई 2014 के एक और ईमेल में भी दिखता है कि Vadym Pozharskyi ने हंटर से कंपनी के फायदे के लिए राजनीतिक मदद लेने की कोशिश की थी.

महिला के साथ हंटर की तस्वीरें

इस खुलासे के अलावा लैपटॉप से कई और जानकारी सामने आई थी. इसमें हंटर बाइडन का 12 मिनट का एक वीडियो भी था, जिसमें वो खुद के एडिक्शन से जूझने की बात स्वीकार रहे हैं. एक तस्वीर में वो बिस्तर पर सिगरेट पीते दिख रहे हैं. इसके अलावा एक महिला के साथ हंटर की अंतरंग तस्वीरें भी थीं.



रिपोर्ट के मुताबिक, जिस दुकान पर लैपटॉप को रिपेयर के लिए दिया गया था, वहां के मालिक ने बताया कि लैपटॉप देने वाले कस्टमर ने ना कभी सर्विस के लिए पेमेंट किया और ना ही डेटा को स्टोर किया. FBI ने लैपटॉप और हार्ड ड्राइव को दिसंबर में सीज कर लिया था. हालांकि दुकानदार ने बताया कि उन्होंने पहले ही हार्ड ड्राइव की एक कॉपी पूर्व मेयर रूडी गियुलियानी के वकील रॉबर्ट कॉस्टेलो को दे दी थी. रूडी, डोनाल्ड ट्रंप के तत्कालीन निजी वकील थे. सितंबर 2020 में ट्रंप के पूर्व एडवाइजर स्टीव बेनन ने न्यूयॉर्क पोस्ट को इस हार्ड ड्राइव के बारे बताया था. बाद में रूडी गियुलियानी ने पोस्ट को ड्राइव उपलब्ध करवाया.

स्टोरी पर ट्विटर की सेंसरशिप!

मैट टैबी के मुताबिक, इस स्टोरी को दबाने के लिए ट्विटर ने अप्रत्याशित तरीके से काम किया था. ट्विटर इससे जुड़ी स्टोरी लिंक्स को हटाते हुए 'अनसेफ' की चेतावनी जारी कर रहा था. इसके अलावा डायरेक्ट मैसेज के ऑप्शन को भी ब्लॉक कर दिया था. इस टूल का इस्तेमाल चाइल्ड पॉर्नोग्राफी जैसे मामलों में होता है. स्टोरी के बारे में ट्वीट करने पर वाइट हाउस की तत्कालीन प्रवक्ता कालेह मैकएनी के अकाउंट को लॉक कर दिया गया था.

ट्विटर ने न्यूयॉर्क पोस्ट की इस रिपोर्ट को 'हैक्ट मटीरियल' पॉलिसी का उल्लंघन बताया था. हैक की गई जानकारी के आधार पर ट्विटर ने पहले स्टोरी को सेंसर किया, फिर न्यूयॉर्क पोस्ट के अकाउंट को दो हफ्ते के लिए लॉक कर दिया था. टैबी ने लिखा कि यह फैसला कंपनी के उच्च अधिकारियों के स्तर पर लिया गया था लेकिन तत्कालीन CEO जैक डोर्सी को इसकी जानकारी नहीं थी. हालांकि इसमें ट्विटर की तत्कालीन लॉ एंड पॉलिसी हेड विजया गाड्डे जरूर शामिल थीं. ट्विटर के इस फैसले को लेकर कंपनी के भीतर भी कई कर्मचारियों ने सवाल उठाया था.

जैक डोर्सी ने स्टोरी छपने के अगले दिन (15 अक्टूबर) एक ट्वीट कर ब्लॉक किए जाने को लेकर कहा था कि यह 'अस्वीकार्य' है. उन्होंने ट्वीट किया था, 

"न्यूयॉर्क पोस्ट की स्टोरी पर हुई कार्रवाई को लेकर हमारे बीच कम्यूनिकेशन सही नहीं था. ट्वीट या डायरेक्ट मैसेज के जरिये URL को बिना कारण बताए ब्लॉक करना अस्वीकार्य है."

इस 'सेंसरशिप' को लेकर तब न्यूयॉर्क पोस्ट ने भी अपने संपादकीय में ट्विटर, फेसबुक और दूसरी कंपनियों पर सवाल उठाया था. पोस्ट ने तब लिखा था, ये कंपनियां प्रोटेक्शन रैकेट चला रही हैं. वे हुक्म चला रही हैं कि अमरीकियों को क्या देखना और पढ़ना चाहिए और दूसरे मीडिया कंपनियों को उनके प्लेटफॉर्म के जरिये पब्लिक तक पहुंचने के लिए क्या करना चाहिए. न्यूयॉर्क पोस्ट ने इसे स्वस्थ लोकतंत्र पर खुला हमला बताया था.

दो भारतीयों का क्या रोल सामने आया?

भारतीय मूल के दो अमेरिकी रो खन्ना और विजया गाड्डे का इस विवाद में नाम सामने आया है. रो खन्ना सिलिकन वैली से डेमोक्रेटिक सांसद हैं. विजया गाड्डे के बारे में आपको ऊपर बता चुके हैं. मस्क के ट्विटर खरीदने के बाद विजया को बर्खास्त कर दिया गया था.

मैट टैबी के अनुसार, रो खन्ना ने रिपोर्ट छपने के दिन ही इसे ट्विटर पर रोके जाने को लेकर सवाल उठाया था. खन्ना ने गाड्डे को एक मेल लिखकर इस ‘सेंसरशिप’ का विरोध किया था. टैबी के अनुसार खन्ना एकमात्र डेमोक्रेटिक सांसद थे जिन्होंने इस पर चिंता जताई थी.

खन्ना ने गाड्डे को लिखा था, 

"राष्ट्रपति चुनाव के कैंपेन के दौरान अखबार की रिपोर्ट (भले ही न्यूयार्क पोस्ट धुर दक्षिणपंथी हो) को रोकने से ऐसा लगता है कि सही होने के बजाय इसकी कहीं ज्यादा आलोचना होगी."

विजया ने खन्ना को भेजे जवाब में ट्विटर की पॉलिसी का हवाला देते हुए न्यूयार्क पोस्ट पर कंपनी के फैसले का बचाव किया था. गाड्डे ने साल 2011 में ट्विटर जॉइन किया था. राष्ट्रपति चुनाव के समय काफी चर्चा में रही थीं. कारण था राजनीतिक विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाना. उन्होंने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अकाउंट तक सस्पेंड कर दिया था. एलन मस्क विजया के आलोचक रहे हैं. इस साल उन्हें 'लेफ्ट विंग' का बताते हुए मस्क ने उनका मजाक भी उड़ाया था. मस्क के हैंडओवर के बाद CEO पराग अग्रवाल के साथ विजया को भी निकाल दिया गया था.

राष्ट्रपति चुनाव के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस मुद्दो को उठाकर जो बाइडन पर दबाव बनाने की कोशिश की थी. हालांकि चुनाव में ट्रंप के खिलाफ इससे बड़े मुद्दे हावी थे. हंटर बाइडन की स्टोरी पर इस ‘खुलासे’ के बाद एलन मस्क ने कहा है कि ‘ट्विटर फाइल्स’ का दूसरा पार्ट 4 दिसंबर को रिलीज होगा. 

वीडियो: एलन मस्क और ऐप्पल के बीच किस बात पर झगड़ा हो गया है?