कर्मचारी भविष्य निधि समझते हैं? बस उसी से पैसा निकालने के नियम कर्रे कर रही थी सरकार. लेकिन कर्मचारियों ने ऐसा बवाल किया कि सरकार दो कदम पीछे हो ली. दस फरवरी को एक नोटिफिकेशन आया था, फेसबुक पर नहीं, सरकार का नोटिफिकेशन था. जिसमें सरकार ने दो महीने से ज्यादा बेरोजगार फिरने पर अंशधारकों को भविष्य निधि से 100% पैसा निकालने पर प्रतिबंध लगा दिया था. हिंदी ज्यादा हो गई हो तो माफ़ कीजिएगा.
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इस पर प्रोटेस्ट हुआ. बंगलुरु के हेब्बगोदी पुलिस स्टेशन पर पत्थर फेंके गए गाड़ियों में आग लगा दी गई और वहां खड़े वाहनों में आग लगा दी.
मंगलवार को केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने प्रेस कांफ्रेंस बुलाई और कहा कि नोटिफिकेशन कैंसल. जो जैसा था वैसा रहेगा. पुरानी व्यवस्था बनी रहेगी. ये भी कहा कि मैं ईपीफएओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड से इसकी पुष्टि कराऊंगा. वजह पूछी गई तो बताए. ट्रेड यूनियनों की राय से ही तो नियम कड़े किए थे, अब वही कह रहे हैं तो हम फैसला बदल लेते हैं.
अब सरकार थोड़ा 'न तेरा न मेरा' मोड में आ गई है. ईपीएफओ के पास जमा पूरे पैसे को मकान खरीदने, गंभीर बीमारी, शादी और बच्चों की पेशेवर एजुकेशन जैसे कामों के निकालने की परमीशन देने के बारे में सोच रही है. मामला फिलहाल कानून मंत्रालय के पास भेज दिया गया है.