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बालासोर रेल हादसे के बाद वायरल हुए ट्रेन पर पत्थरबाजी वाले वीडियो का सच ये है

वीडियो में भीड़ एक चलती ट्रेन पर पत्थरबाजी करती दिख रही है. एक सोशल मीडिया पोस्ट पर इस वीडियो के बारे में लिखा है- "जो पथराव कर सकते हैं वो पटरी को भी तोड़ सकते हैं."

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ट्रेन पर पथराव करते लोगों का वीडियो वायरल. (वीडियो के स्क्रीनशॉट)

दावा:

ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रिपल ट्रेन हादसे में 288 लोगों की जान गई. साथ ही 1000 से ज्यादा लोग घायल हुए. इस हादसे ने पूरे देश को दहला दिया. ट्रेन की सुरक्षा पर एक बार फिर चर्चा शुरू हुई. ये दुर्घटना कैसे हुई, इसकी कार्रवाई केंद्रीय एजेंसी सीबीआई को सौंप दी गई है. वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर भी इससे जुड़े कई फोटो और वीडियो वायरल हुए जिनमें हादसे में मारे गए और जख्मी हुए लोगों को देखा गया.

लेकिन इस हादसे के बाद एक और वीडियो शेयर किया जा रहा है. ये वीडियो ट्रेन के इंजन में बैठे एक शख्स ने बनाया. इसमें रेलवे ट्रैक पर आती भीड़ को देखते हुए ट्रेन का पायलट उसे रोक देता है. कुछ ही सेकेंड में भीड़ एक दूसरे ट्रैक पर से गुजर रही ट्रेन पर पत्थरबाजी शुरू कर देती है. सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इस वीडियो को सीधे मुस्लिम समुदाय से जोड़ा है. वहीं कुछ ने ये लिख कर वीडियो शेयर किया है कि ये इन दिनों ट्रेनों पर पत्थरबाजी की घटनाओं का एक उदाहरण है. कुछ सोशल मीडिया पोस्ट देखें.

ट्रेन में बैठे किसी यात्री या ड्राइवर ने ये वीडियो बनाया है. इतने लोगों की भीड़ और उसे पत्थरबाजी करता देखा वो और एक दूसरा शख्स बांग्ला में बोलते हैं,

"इतनी जोर कौन पत्थर फेंकता है? नुकसान हो जाएगा बहुत... (दूसरी आवाज) आप तैयार रहिए.. कोई दिक्कत हो सकती है... (पहली आवाज) हां, सही कह रहे हैं आप. पता नहीं हुआ क्या है. क्यों पैसेंजर ट्रेन पर ऐसे (पत्थर) मार रहे हैं ये लोग? ऐसे तो पैसेंजर्स मर जाएंगे. क्या ये लोग पागल हो गए हैं?"

एक और यूज़र ने ट्विटर पर 8 जून की रात ये वीडियो शेयर किया. लिखा, 

"सफर करना बहुत रिस्की हो गया है. देखिए पश्चिम बंगाल में भीड़ कैसे एक ट्रेन पर पथराव कर रही है." 

वीडियो के आखिर में उसे बनाने वाला डिब्बे का दरवाजा बंद होने की बात पूछता है. उसकी आवाज़ में डर और हैरानी साफ़ महसूस की जा सकती है. 

पड़ताल

लेकिन इस वीडियो को हालिया समय में क्यों शेयर किया गया? इसकी कोई पुख्ता जानकारी हमें नहीं मिली क्योंकि वीडियो को मुस्लिमों से जोड़ने के अलावा कोई और थ्योरी नहीं पोस्ट की गई. और मुस्लिमों से जोड़ने की वजह शायद ये कि वीडियो शेयर करने वालों को लगा इसमें पत्थरबाजी करते दिख रहे ‘सारे लोग मुस्लिम’ हैं. लेकिन वीडियो वायरल होने का तुक अब भी नहीं बनता, क्योंकि घटना हालिया नहीं है. करीब 4 साल पुरानी है.

दिसंबर 2019 में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act- CAA) लेकर आती है. और इसके कुछ ही दिन बाद देश के कुछ हिस्सों से हिंसा की घटनाएं होती हैं. बंगाल में CAA का काफी ज्यादा विरोध हुआ था. राज्य के कई जिलों में ट्रेनें रोकने और उन पर पत्थरबाजी की रिपोर्ट्स आई थीं.

उन्हीं दिनों ये वीडियो भी शेयर हुआ था. हमें कम से कम ऐसे तीन वीडियो मिले हैं जो बताते हैं कि ये वीडियो हाल की किसी घटना का नहीं है. तीनों वीडियो यूट्यूब पर 14 और 16 दिसंबर, 2019 को अपलोड किए गए थे.

 

यानी ये तो साफ है कि ये वीडियो बालासोर हादसे के बाद का नहीं है. हां, CAA विरोधी आंदोलन से इसका संबंध है या नहीं, ये जानने के लिए हमने दिसंबर 2019 की कुछ मीडिया रिपोर्ट्स देखीं. इंडिया टुडे की 18 दिसंबर, 2019 की एक फैक्ट चेक रिपोर्ट के मुताबिक CAA के विरोध में बंगाल में अलग-अलग जगहों पर ट्रेनों पर पत्थरबाजी और उनमें आगजनी की गई थी.

टाइम्स ऑफ इंडिया की 14 दिसंबर, 2019 की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे बंगाल के हावड़ा जिले के एक इलाके उलुबेरिया में भीड़ ने एक चलती ट्रेन पर पत्थर फेंके थे. इसी तरह 13 दिसंबर, 2019 को छपी हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट बताती है कि कैसे उलुबेरिया समेत बंगाल के कई इलाकों में CAA के विरोध में ट्रेनों को निशाना बनाया गया था.

वीडियो के सोशल मीडिया पर पोस्ट होने और इन मीडिया रिपोर्ट्स की तारीखों से ये तो साफ होता है कि इसका हाल की किसी रेल घटना या दुर्घटना से कोई संबंध नहीं है.

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