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इस 'झोल' के साथ दाल, चावल, दही, लस्सी समेत कई आइटम पर नहीं लगेगा GST!

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक के बाद एक कई ट्वीट्स कर खाने के सामान पर GST लगाने के फैसले पर सफाई दी है.

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सुपर मार्केट की सांकेतिक तस्वीर. (आजतक)

देश में महंगाई पर लगातार हो रही चर्चा और संसद में GST पर मचे हंगामे के बीच केंद्र सरकार ने खाने की जरूरी चीज़ों को GST के दायरे से बाहर रखने का ऐलान किया है. लेकिन ये फैसला सिर्फ खुला बिकने वाले सामान के लिए लिया गया है. आटा, दाल, चावल, गेहूं, राई, मक्का, ओट्स, सूजी, बेसन, लाई (पफ्ड राइस), दही और लस्सी. ये वो आइटम हैं जिनपर तब जीएसटी नहीं लगेगा, अगर ये खुले में बिकेंगे. माने पैकेट वाले या पहले से लेबल लगा होने पर ये आइटम जीएसटी के दायरे में आ जाएंगे. सरकार ने ये भी साफ कर दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्विटर पर बताया कि अगर आप इन सामान के पैकेट खरीद रहे हैं यानी पैकेज्ड खरीद रहे हैं तो आपको जीएसटी देना होगा.

इस बारे में वित्त मंत्री ने ट्वीट कर लिखा, 

जीएसटी काउंसिल ने नीचे दिए सभी सामानों को GST से बाहर रखा है. खुले में बेचे जाने पर इन आइटम्स पर जीएसटी नहीं लगेगा. पहले से पैक या लेबल लगा होने पर ऐसा नहीं होगा. ये जीएसटी काउंसिल का फैसला है, ना कि किसी एक सदस्य का. 

इसके बाद वित्त मंत्री ने एक लंबा थ्रेड ट्वीट किया. इन ट्वीट्स में निर्मला सीतारमण ने केंद्र की तरफ से सफाई पेश की कि सरकार ने आटा, दाल, चावल जैसी चीज़ों पर GST नहीं लगाया गया है. दरअसल जब से ये ऐलान हुआ था कि जरूरी खाद्य पदार्थों पर भी GST लगेगा, तब से ही देश भर में ये बहस का मुद्दा बन गया था. संसद सत्र में भी ये मुद्दा काफी गर्म रहा.

ऐसे में वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि इस मामले में भ्रम फैलाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं है कि पहली बार इस तरह के खाने के आइटम्स पर टैक्स लगाया गया हो. सीतारमण ने कहा कि जीएसटी से पहले भी राज्य सरकारें VAT (वैल्यू एडड टैक्स) लगा कर कमाई करती रही हैं. कहा कि पंजाब सरकार सिर्फ अनाज पर 2000 हजार करोड़ रुपये का टैक्स वसूलती रही है.

इसके अलावा सीतारमण ने एक लिस्ट शेयर की, जिसमें ये बताया गया कि है कौन सा राज्य चावल पर कितना वैट वसूलते रहे हैं. इनमें पंजाब, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और यूपी समेत 14 राज्य शामिल हैं. ट्वीट के मुताबिक इनमें से ज्यादातर राज्य चावल पर 5 % वैट वसूलते रहे हैं. जबकि बिहार एक प्रतिशत और महाराष्ट्र 6 प्रतिशत टैक्स लेते रहे हैं. 

निर्मला सीतारमण ने कहा कि इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए ब्रांडेड दालों, चावल, आटा जैसी चीज़ों पर GST लगाया गया था. लेकिन बाद में इसे संशोधित करके रजिस्टर्ड ब्रांड तक सीमित कर दिया गया. 

GST काउंसिल के ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की मीटिंग 28 जून को चंडीगढ़ में हुई थी. इस बैठक में खाद्य सामानों पर GST लगाने का फैसला लिया गया था. निर्मला सीतारमण ने कहा कि GST लगाने पर ये फैसला लेने में सभी राज्य एकमत थे. इनमें पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तमिलनाडु , पश्चिम बंगाल जैसे नॉन बीजेपी स्टेट्स भी शामिल थे.

वीडियो: सोशल लिस्ट: पैकेज्ड खाने के सामानों पर बढ़ा GST, गुस्सा लोगों ने कही ये बात