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CJI का राज्यसभा जाना उचित है? जस्टिस यूयू ललित का जवाब रंजन गोगोई की याद दिला गया

पूर्व CJI यूयू ललित ने कहा कि वो किसी रिटायर्ड जज के सरकारी नियुक्ति को स्वीकार करने के विचार के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन...

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(बाएं-दाएं) पूर्व सीजेआई यूयू ललित और पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई. (तस्वीरें- इंडिया टुडे)

भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित (Ex CJI UU Lalit) ने रिटायर्ड जजों की सरकारी नियुक्तियों (Govt appoinment) को लेकर अपनी राय सामने रखी है. एक इंटरव्यू में यूयू ललित ने कहा कि वो किसी पूर्व CJI के राज्यसभा सदस्य या गर्वनर पद स्वीकार करने के विचार के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन व्यक्तिगत रूप से ऐसा करने से परहेज करेंगे. पूर्व CJI ने कहा कि जिस पद पर वो रहे हैं, उसे ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा प्रस्तावित पद को स्वीकार करना उचित नहीं है.

दरअसल, देश के 46वें चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने रिटायर होने के बाद सरकार की तरफ से प्रस्तावित राज्यसभा (rajya sabha) की सदस्यता स्वीकार कर ली थी. रंजन गोगोई साल 2018 में CJI नियुक्त किए गए थे. 17 नवंबर, 2019 को रिटायर होने के कुछ समय बाद वो राज्यसभा सांसद के रूप में संसद पहुंचे थे. इसको लेकर बाद में विवाद भी हुआ था और कोर्ट में कई पिटिशन भी फाइल की गई थीं.

इसी को लेकर यूयू ललित ने अपनी राय रखी है. एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में ललित ने कहा कि वो सरकारी पदों पर नियुक्ति को स्वीकार करने के खिलाफ नहीं हैं. लेकिन वो खुद राज्यसभा के नॉमिनेशन या गवर्नर के पद को स्वीकार नहीं करेंगे. उनके मुताबिक ऐसा करना “डिमोशन नहीं है, लेकिन चीफ जस्टिस जैसे स्टेटस के लिए उचित नहीं है.”

रिटायरमेंट के बाद जजों के सरकारी पदों को स्वीकारने की बात पर यूयू ललित ने कहा,

“देश के चीफ जस्टिस के रूप पद संभालने के बाद मुझे लगता है कि राज्यसभा के नॉमिनेटेड सदस्य के रूप में काम करना सही विचार नहीं है. या किसी राज्य के गवर्नर के रूप में काम करना भी सही विचार नहीं है. ये मेरी व्यक्तिगत सोच है. मैं ये नहीं कह रहा कि बाकी लोग गलत हैं.”

पूर्व चीफ जस्टिस ने आगे कहा कि उन्हें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के प्रमुख, लोकपाल या लॉ कमीशन के प्रमुख के रूप में काम काम करने में कोई आपत्ति नहीं होगी. यूयू ललित ने बताया,

“राज्यसभा पूरी तरह से अलग है. मेरे कहने का मतलब ये है कि NHRC के प्रमुख जैसे पद, जो संसद द्वारा पारित कानून से चलते हैं. इसके अलावा संसद ने इन पदों के लिए ये भी बताया है कि कितने अनुभवी लोग इन पदों पर बैठ सकते हैं.”

यूयू ललित ने आगे कहा कि वो विभिन्न स्तरों पर कानून की पढ़ाई कराना चाहेंगे. वो या तो नेशनल ज्यूडिशियल एकेडमी में या किसी लॉ स्कूल में गेस्ट फैकल्टी के रूप में पढ़ाना चाहेंगे.

जस्टिस यूयू ललित ने देश के नए मुख्य न्यायाधीश के तौर पर 27 अगस्त को शपथ ली थी. वो तीन महीने से भी कम समय के लिए CJI के पद पर रहे. बीती 8 नवंबर के दिन जस्टिस यूयू ललित 65 साल की उम्र में CJI पद से रिटायर हो गए. उनकी जगह जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ देश के 50वें चीफ जस्टिस बने हैं. 

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