कतर में हुए फीफा वर्ल्डकप 2022 (FIFA World Cup) फाइनल में अर्जेंटीना (Argentina) ने फ्रांस (France) को हरा दिया. मुकाबला टक्कर का रहा और पेनल्टी शूटऑउट तक पहुंचा. जिसमें अर्जेंटीना की टीम को जीत मिली. इधर खबरें हैं कि फ्रांस की हार के बाद वहां के कई फैंस अपनी टीम से नाराज हैं. वहीं कुछ लोग टीम के खिलाड़ियों पर भद्दी टिप्पणियां कर रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फ्रांस के जिन खिलाड़ियों पर भद्दी टिप्पणियां की जा रही हैं, उनके नाम- ओरेलियन चुआमेनी, किंग्सले कोमैन और रैंडल कोलो मुआनी हैं. ये खिलाड़ी ब्लैक समुदाय से आते हैं. इनके ऊपर नस्लवादी टिप्पणियां की जा रही हैं.
बीते 18 दिसंबर को हुए फाइनल मैच में जहां फ्रांस के खिलाड़ी ओरेलियन चुआमेनी और किंग्सले कोमैन पेनल्टी शूटऑउट चूक गए, वहीं एक्स्ट्रा टाइम में कोलो मुआनी के एक शॉट को अर्जेंटीना के गोलकीपर ने रोक लिया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन तीनों खिलाड़ियों के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर नस्लवादी टिप्पणियां की गईं.
ये टिप्पणियां इतनी आपत्तिजनक थीं कि इंस्टाग्रााम की आधिकारिक कंपनी मेटा ने इन्हे साइट से डिलीट ही कर दिया. मेटा ने इन भद्दे पोस्ट्स की निंदा करते हुए कहा,
"हम इंस्टाग्राम पर नस्लवादी दुर्व्यवहार नहीं चाहते हैं, और हमने अपने नियमों को तोड़ने के लिए इन घटिया टिप्पणियों को हटा दिया है”
कोमैन के समर्थन में फुटबॉल क्लब बायर्न म्यूनिख ने बयान जारी किया है. बयान में कोमैन के बारे में की गईं नस्लवादी टिप्पणियों की निंदा की गई. क्लब ने कहा,
"एफसी बायर्न परिवार आपके साथ है, किंग. खेल या हमारे समाज में नस्लवाद का कोई स्थान नहीं है.”
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब फुटबॉल खिलाड़ियों को इस तरह की टिप्पणियों का सामना करना पड़ा हो. पिछले साल यूरो कप के फाइनल में इटली ने इंग्लैंड को हरा दिया था. मैच का फैसला पेनल्टी शूटऑउट में हुआ था. इंग्लैंड के खिलाड़ी मार्कस रशफोर्ड, जादोन सैंचो और बुकाया साका पेनल्टी शूटऑउट में चूक गए थे. इसके बाद उनके ऊपर नस्लवादी टिप्पणियां की गई थीं. इन टिप्पणियों की चौतरफा निंदा हुई थी.
(ये स्टोरी हमारे साथ इंटर्नशिप कर रहीं आकांक्षा ने लिखी है)