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देश की इकॉनमी को लगा झटका, 4.4 फीसदी रही तीसरे क्वार्टर की GDP

पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में GDP ग्रोथ रेट 11.2 फीसदी थी.

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अक्टूब-दिसंबर तिमाही में विकास दर धीमी (फोटो- रॉयटर्स/आजतक)

देश की इकॉनमी कुछ सुस्त पड़ रही है. वित्त वर्ष 2022-23 की अक्टूबर से दिसंबर वाली तिमाही का रिपोर्ट कार्ड आया है. इस तिमाही की GDP ग्रोथ रेट 4.4 फीसदी रही. ये आंकड़े मंगलवार, 28 फरवरी को सरकार ने जारी किए हैं. बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 की इसी तिमाही में देश की इकॉनमी 11.2 फीसदी की दर से बढ़ी थी.

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के मुताबिक,

क्वार्टर 3 में GDP मूल्य 40.19 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है. जबकि पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही में यह 38.51 लाख करोड़ रुपये था.

वित्त वर्ष 2022-23 के दूसरे क्वार्टर में यानी जुलाई से सितंबर तक विकास दर 6.3 फीसदी रही. वहीं पहले क्वार्टर में ये और ज्यादा थी. अप्रैल से जून तक विकास दर 13.5 फीसदी थी. आंकड़ों से साफ पता चल रहा है कि साल बीतने के साथ ही इकॉनमी के बढ़ने की रफ्तार धीमी होती जा रही है.

अगले साल के लिए क्या अनुमान हैं?

इस महीने की शुरुआत में RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था,

2023-24 में GDP 6.4 फीसदी रहने की उम्मीद है. पहली तिमाही के लिए विकास दर 7.8 फीसदी आंकी गई है. ये आंकड़ा दूसरी तिमाही में 6.2 फीसदी, तीसरी तिमाही में 6 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी तक पहुंच सकता है.

हाल ही में IMF ने आशंका जताई थी कि अगले वित्त वर्ष यानी 2023-24 में विकास दर और कम होगी. फिर उसके अगले साल कुछ बढ़ोतरी की उम्मीद है. IMF के वर्ल्ड इकॉनमिक आउटलुक अपडेट में कहा गया,

भारत की विकास दर 2022 में 6.8 फीसदी, 2023 में 6.1 फीसदी और फिर 2024 में बढ़कर 6.8 फीसदी हो सकती है.

इससे पहले दिसंबर में RBI ने वित्त वर्ष 2022-23 के GDP विकास दर अनुमान को घटानकर 6.8 फीसदी कर दिया था. पहले ये अनुमान 7 फीसदी था.  RBI ने 2022-23 के लिए रीयल. इधर, एशियाई विकास बैंक ने चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के 7 फीसदी तक बढ़ने का अनुमान लगाया है. वहीं कई अर्थशास्त्रियों ने RBI द्वारा लगातार बढ़ाई जा रही रेपो रेट और कमजोर मांग के चलते GDP ग्रोथ रेट में कमी का अनुमान पहले ही जता दिया था.

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