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4500 रुपए देकर लोग हंसना सीख रहे, कारण जान आप कहेंगे- यही देखना बाकी था!

'हॉलीवुड स्टाइल स्माइल' का क्रेज सबसे ज्यादा...

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स्माइल ट्रेनिंग देने वाली केइको कवाना की कंपनी का बिजनेस पिछले साल के मुकाबले चार गुना बढ़ गया है.

अगर आपसे कोई पूछे कि तुमने मुस्कुराने की क्लास कहां से ली है? तो आप सोचेंगे कि ये क्या मजाक है? ये भी कोई सीखने की चीज है भला. लेकिन जापान में अगर ये सवाल पूछा जाए तो जवाब में वाकई ट्रेनिंग क्लास का नाम सुनने को मिल सकता है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक जापान में लोग बकायदा प्रोफेशनल ट्रेनर्स से मुस्कुराने की ट्रेनिंग ले रहे हैं. लोगों का मानना है कि कोविड की वजह से मास्क पहने-पहने वे मुस्कुराना भूल गए हैं. वो जब एक दूसरे से मिलते हैं तो उन्हें समझ नहीं आता कि चेहरे पर भाव कैसे देना है.

बस लोगों की इसी उलझन को दूर कर रही हैं, केइको कवानो. कवानो ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि मास्क की वजह से लोग ज्यादा मुस्कुरा नहीं रहे हैं. अब उन्हें इसके नुकसान समझ आ रहे हैं. कवानो की कंपनी का नाम है ‘इकाओइकू’, जिसका मतलब होता है- स्माइल कंपनी. रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी कंपनी का कारोबार पिछले साल के मुकाबले चार गुना बढ़ गया है. उनके यहां स्कूल के बच्चों से लेकर कंपनियों के एंप्लॉयी और बाकी भी क्लास लेने आते हैं. एक घंटे की प्राइवेट ट्रेनिंग के लिए लोग कवानो को 55 डॉलर यानी करीबन 4500 रुपये देते हैं.

'हॉलीवुड स्टाइल स्माइल' का लोगों में है क्रेज

क्लास की शुरुआत होती है चेहरे की एक्सरसाइज के साथ. उसके बाद स्टूडेंट अपने हाथों में शीशा लेकर कवानो के इंस्ट्रक्शन को फॉलो करते हैं. कवानो स्टूडेंट्स से चेहरे की अलग मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग कराती हैं. उनकी ट्रेडमार्क तकनीक है ‘हॉलीवुड स्टाइल स्माइल’. इस तकनीक के अंदर लोगों को ऐसे ट्रेन किया जाता है कि मुस्कुराते हुए उनकी आंखें अर्धचंद्राकार, गाल पूरे गोल नजर आएं. होंठ भी इस तरह खुलें कि उनके ऊपर के आठ सफेद चमकते हुए दांत नजर आएं. स्टूडेंट हाथ में शीशा लेकर इसकी प्रैक्टिस भी कर सकते हैं और उन्हें स्माइल पर स्कोर भी मिलता है.

जापान के स्कूल भी अपने स्टूडेंट्स को स्माइल क्लास के लिए भेज रहे हैं. ताकि जब वो नौकरी करने जाएं तो सामाजिक रूप से लोगों के बीच काम करने को खुद को तैयार पाएं. ऐसे ही एक स्कूल की स्टूडेंट हिमावारी योशिदा(20) भी कवानो से स्माइल क्लास लेती हैं. उन्होंने रायटर्स को बताया, 

‘कोविड के समय से मैंने अपने चेहरे की मांसपेशियों का इस्तेमाल नहीं किया है. मुझे अपनी मुस्कुराहट पर काम करने की जरूरत लग रही थी. इसलिए ट्रेनिंग लेना फायदेमंद लग रहा है और ये अच्छी एक्सरसाइज भी है.’

एक दिन की वर्कशॉप का चार्ज 47,000 रुपये

कवानो इस समय जापान में टीवी और सोशल मीडिया इंडस्ट्री का एक जाना-माना नाम बन चुकी हैं. वो पिछले 6 सालों में करीबन 4,000 लोगों को स्माइल ट्रेनिंग दे चुकी हैं. जो लोग उनकी तरह स्माइलिंग कोच बनना चाहते हैं उन्हें कवानो एक दिन की वर्कशॉप भी देती हैं. जिसके बदले वे 574 डॉलर यानी करीबन 47,398 रुपये चार्ज करती हैं. कवानो अब तक 20 से ज्यादा लोगों को स्माइल कोच की ट्रेनिंग दे चुकी हैं.

वैसे तो दुनिया भर में मास्क पहनने का चलन कोविड की वजह से शुरू हुआ. मगर जापान में यह चलन काफी सामान्य रहा है. वहां बुखार या फ्लू जैसी बीमारियों के मौसम में ऐहतियाती तौर पर लोग कोविड के पहले से ही मास्क पहना करते थे. यही वजह है कि मास्क के नियमों में ढील के बाद भी कुछ लोग मास्क पहनना जारी रखे हुए हैं. वहां के एक सरकारी चैनल ने इस बारे में सर्वे भी कराया. उसमें पता चला कि हर 100 में 55 लोग अभी भी पहले की तरह मास्क लगा रहे हैं. सिर्फ 8 लोगों ने ही बिल्कुल मास्क पहनना छोड़ दिया है. और अब ये स्माइल कोचिंग की बात सामने आई है.