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महाराष्ट्र के बाद गोवा में बवाल, कांग्रेस के विधायक छिटके, फिर बोले - "सब ठीक है"

कांग्रेस कल शाम से माइकल लोबो और दिगंबर कामत समेत 5 विधायकों से संपर्क नहीं कर पा रही थी.

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गोवा में 9 जुलाई को हुई बैठक में गोवा कांग्रेस के नेता (Photo: Twitter |@dineshgrao)

गोवा कांग्रेस में बगावत की आहट के बीच सोमवार, 11 जुलाई को पार्टी के पांचों विधायक विधानसभा पहुंच गए. इससे पहले 10 जुलाई को खबरें आई थीं कि इन विधायकों से संपर्क नहीं हो पा रहा है. कहा गया कि महाराष्ट्र में शिंदे गुट की तर्ज पर गोवा में कांग्रेस के 5 विधायक अब 'नॉट रीचेबल' हो गए हैं. इनमें, विधानसभा में कांग्रेस के नेता सदन माइकल लोबो भी शामिल थे और पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत भी.

कथित बगावत की खबरों के बीच विधायक विधानसभा में मानसून सेशन का पहला दिन अटेंड करने पहुंचे. उन्होंने ये भी दावा किया कि कांग्रेस पार्टी में सबकुछ ठीक है. मीडिया से बात करते हुए माइकल लोबो ने कहा,

सब कुछ ठीक है. मुझे नहीं पता कि समस्या क्या है. कांग्रेस के सभी विधायक एक साथ थे. हम रविवार को मीटिंग के लिए साउथ गोवा गए थे. कांग्रेस के कुछ नेता, एक और प्रेस कॉन्फ्रेंस करना चाहते थे, जिसकी जरूरत नहीं थी, इसलिए हम इसमें शामिल नहीं हुए.                            

कल गोवा में क्या हुआ था?

मानसून सत्र से पहले कांग्रेस ने कल विधायकों की औपचारिक बैठक बुलाई थी. गोवा में कांग्रेस के 11 विधायक हैं, लेकिन इस बैठक में सिर्फ 7 ही पहुंचे. दिगंबर कामत भी नहीं पहुंचे. यहीं से कांग्रेस में खलबली मच गई थी कि क्या पार्टी टूटने वाली है. इसके बाद कांग्रेस के कुछ विधायकों से पार्टी का संपर्क भी टूट गया और ऐसी खबरें आने लगीं कि गोवा में कांग्रेस एक बार फिर मुश्किल में है.

इसके बाद गोवा कांग्रेस के इंचार्ज दिनेश गुंडू राव ने आरोप लगाते हुए कहा था,

लोबो और कामत कांग्रेस में फूट डालने के लिए भाजपा के साथ मिल कर साजिश रच रहे थे.

इधर सोमवार को कांग्रेस ने माइकल लोबो को कांग्रेस के नेता सदन के पद से हटाने के लिए विधानसभा स्पीकर को चिट्ठी सौंप दी. कल भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राव ने कहा था कि कांग्रेस माइकल लोबो को नेता सदन के पद से हटाती रही है. राव ने आरोप लगाए थे कि बीजेपी कांग्रेस के दो तिहाई विधायकों को तोड़ना चाहती है ताकि दल-बदल कानून से बचा जा सके. 
 

हालांकि, विधायकों के विधानसभा पहुंचने के बाद सवाल किया जा रहा है कि क्या कांग्रेस अब भी लोबो को विधायक दल के नेता के पद से हटाएगी. अभी तक इसे लेकर स्थिति साफ नहीं हो पाई है. कांग्रेस के जिन 5 विधायकों के बागी होने की बात कही जा रही थी, उनमें माइकल लोबो, दिगंबर कामत, केदार नाइक, राजेश फाल्देसाई और डिलायला लोबो शामिल थे.

इधर रात होते-होते कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक को गोवा जाकर हालात संभालने के आदेश दिए. इस बात की जानकारी कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट कर दी.

बहरहाल, जिस बगावत की खबरें चल रही थीं अगर वो सच हो जाती तो गोवा में इतिहास खुद को दोहरा जाता. ठीक तीन साल पहले 10 जुलाई, 2019 को गोवा में कांग्रेस के 10 विधायकों ने बगावत की थी और बाद में बीजेपी में शामिल हो गए. पिछली बार भी बगावती गुट के अगुआ सदन में विपक्ष के नेता चंद्रकांत बाबू कावलेकर थे. 

गोवा में इसी साल की शुरूआत में चुनाव हुए थे. चुनाव में बीजेपी को 20 सीटें, कांग्रेस को 11 सीटें, आम आदमी पार्टी और महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी को दो-दो, गोवा फॉर्वर्ड पार्टी और रिवल्यूशनरी गोवन्स पार्टी को एक-एक सीट मिली थी. 

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