Uber के एक कर्मचारी ने कंपनी को तगड़ी चपत लगा दी है. एक करोड़ से भी ज्यादा रुपए की. महीनों तक फ्रॉड करता रहा, लेकिन कंपनी को इसकी भनक तब लगी, जब वो इस्तीफा देकर चला गया. Uber की तरफ से अब इस मामले की FIR दर्ज कराई गई है. पुलिस आरोपी को तलाश कर रही है.
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इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक ये मामला उबर के गुरुग्राम (Gurugram) ऑफिस का है. कंपनी ने इसकी FIR गुरुग्राम के सुशांत लोक पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई है. FIR में बताया गया है कि ये घटना साल 2021 की है. आरोपी कर्मचारी को कंपनी के गुड़गांव ऑफिस में अगस्त 2021 में कॉन्ट्रैक्ट पर रखा गया था.
कंपनी की FIR के मुताबिक आरोपी कर्मचारी के पास कंपनी से जुड़े कैब ड्राइवर्स के बैंक अकाउंट में पैसे भेजने की जिम्मेदारी थी. इस दौरान उसने बेहद चालाकी से कंपनी के सर्वर में छेड़छाड़ की और फर्जी ड्राइवर जोड़ दिए. फर्जी कैब ड्राइवर्स की संख्या 388 थी.
कंपनी ने आरोप लगाया है कि इसके बाद इस कर्मचारी ने इन फर्जी ड्राइवर्स को पैसे भेजने शुरू किए. धीरे-धीरे उसने इन्हें 1.17 करोड़ रुपए भेज दिए. सितंबर 2022 में दर्ज कराई गई FIR में आगे लिखा है,
'388 फर्जी ड्राइवर्स में से 345 के साथ एक ही फोन नंबर जुड़ा हुआ था. लेकिन, उनके नाम अलग-अलग थे, बस कुछ नामों को छोड़कर. इन 388 ड्राइवर्स को जो पैसे भेजे गए वो केवल 18 बैंक खातों में ही डाले गए. यानी एक बैंक खाते पर कई ड्राइवर्स लिंक किए गए थे.'
गुरुग्राम पुलिस के मुताबिक आरोपी कर्मचारी ने किसी ऐसे ऑटोमैटिक टूल का इस्तेमाल किया था, जिससे उसकी ये हरकत कंपनी की पकड़ में तुरंत नहीं आ सकी.
उबर की FIR के मुताबिक कई दिनों तक ये कथित फ्रॉड करने के बाद आरोपी दिसंबर 2021 को कंपनी छोड़कर चला गया. उसके जाने के कई महीनों बाद ये कथित हेराफेरी कंपनी से जुड़े अधिकारियों की पकड़ में आई. फिलहाल गुरुग्राम पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
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