उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मेरठ (Meerut) जिले में रविवार, 15 मई को एक युवक की सरेआम हत्या कर दी गई. पुलिस ने चार युवकों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया, जिसमें से एक की गिरफ्तारी भी हो चुकी है. भाजपा नेताओं ने इस मामले को सांप्रदायिक हत्या बताया है. वहीं मामले में आरोपी बनाए गए युवकों को परिजनों का कहना है कि इस विवाद की जड़ एक अफवाह और गलत फहमी है. इन सबके बीच पुलिस का कुछ और ही कहना है.
एक गलतफहमी के कारण हुआ सब
मेरठ के परीक्षितगढ़ थाना क्षेत्र में वैभव त्यागी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. मृतक के परिवार ने पुलिस में चार युवकों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसमें शोएब, फ़िरोज़, तपेश्वर त्यागी और सत्तेश्वर त्यागी के नाम शामिल हैं. इसमें शोएब और फिरोज भाई हैं और फिरोज को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वहीं बाकी तीन फरार हैं. 'द लल्लनटॉप' ने फिरोज और शोएब के परिजनों से बात की. शोएब के बड़े भाई शमशेर अली ने लल्लनटॉप को बताया कि मृतक वैभव और चारों आरोपियों की आपस में अच्छी जान-पहचान थी. कुछ समय पहले किसी ने वैभव को ये बताया कि फिरोज एक अन्य युवक जावेद की पत्नी के बारे में गलत बाते फैला रहा है. हालांकि फिरोज ने इस बात से इंकार कर किया है. इसी बात पर झगड़ा बढ़ा. शमशेर ने आगे बताया,
"एक दिन फिरोज और शोएब खेत में काम कर रहे थे. फिरोज को करण कश्यप नाम के युवक ने फोन कर गालियां देना शुरू कर दिया और धमकी दी कि वे शोएब की पिटाई करने वाले हैं. कुछ देर बाद वैभव, करण और जावेद बाइक से हमारे खेत में आए. वैभव ने हाथ में कडा पहना हुआ था, उसने उसी से शोएब को मारना शुरू कर दिया. शोएब को वैभव ने नीचे गिरकर उसकी गर्दन पर पैर रख दिया, जिससे उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी. शोएब को बचाने के लिए फिरोज ने वैभव की पीठ में गन्ने से मारा. इसके बाद इन तीनों में वहीं मार पिटाई हुई."
इसके बाद गांव के लोगों के कहने पर सभी ने आपस में मामला सुलझा लिया. शमशेर का कहना है कि घटना वाले दिन, उनके पिता घर के अंदर अपने बेटों को किसी बात पर गाली दे रहे थे. उसी समय वैभव फिरोज के घर के सामने स्थित पेड़ के नीचे बैठा था. उसे लगा कि ये गालियां उसे दी जा रही हैं. वह घर के अंदर घुसा और फिरोज के पिता को फावड़े से मारने की धमकी देने लगा. इसके साथ ही उन्हें जाति सूचक गालियां भी दी. उस समय पड़ोसियों ने बीच बचाव कर मामला शांत करा दिया.
वैभव त्यागी के पिटाई से हुए घावों को दिखाता शोएब (फोटो: द लल्लनटॉप)
फिर क्या हुआ?
शमशेर का कहना है कि शोएब किसी काम से गांव के बाहर गया था, उसे रास्ते मे वैभव मिल गया. रास्ते में दोनों में फिर से लड़ाई हुई. शमशेर का कहना है कि इसी लड़ाई में वैभव को गोली लगी और उसकी मौत हो गई. इसके साथ ही शमशेर का ये भी कहना है कि उन्हें ये नहीं पता कि ये तमंचा किसके पास था, और गोली किसने चलाई, लेकिन उन्होंने कभी भी शोएब के पास किसी तरह का हथियार नहीं देखा था. साथ ही शमशेर ने मामले में सामुदायिक रंजिश के ऐंगल से साफ इंकार किया है. उनका ये भी कहना है कि पुलिस लगतार उन्हें व्हाट्सएप पर कॉल कर शोएब के पते के बारे में पूछ रही है.
पुलिस ने क्या कहा?
'द लल्लनटॉप' ने मेरठ के एसपी देहात केशव कुमार से बात की. उनका कहना है कि पुलिस ने आरोपियों के परिवार से कोई बात नहीं की. साथ इस मामले में अभी तक सिर्फ फिरोज की ही गिरफ्तारी हुई है, शोएब और बाकी दो आरोपी फरार हैं. इनकी तलाश जारी हैं, जल्दी ही उन्हें पकड़ लिया जाएगा.
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