आतंकियों की भर्ती जाति देख के होती है? जनरल खुलासा कर गए

11:20 PM Mar 31, 2023 | लल्लनटॉप
Advertisement

हमारे समाज में कदम-कदम पर जाति व्यवस्था की छाप मिल जाएगी. जाति की हायरार्की सिर्फ 'सभ्य समाज' में नहीं है. ये उस समाज में भी काम करती है जो सभ्य समाज को भेदने में लगा रहता है. हम बात कर रहे हैं आतंकवाद की. आतंकियों ने भी जाति के हिसाब से पदानुक्रम बना रखा है. यानी जो आतंकी संगठनों को लीड कर रहे हैं वो कथित अगड़ी जाति से होते हैं और लड़कर मरने वाले ज्यादातर कथित निचले तबके से आते हैं. ये कहना है लेफ्टिनेंट जनरल कंवलजीत सिंह ढिल्लों ने. ढिल्लों, श्रीनगर स्थित सेना की 15 कोर (चिनार कोर) के कमांडर रहे हैं. ये कोर कश्मीर में आतंकवाद से लड़ाई को समर्पित है.

Advertisement

दी लल्लनटॉप के स्पेशल शो 'गेस्ट इन द न्यूजरूम' (GITN) में इस बार के मेहमान जनरल ढिल्लों थे. हाल में उनकी किताब 'कितने गाजी आए, कितने गाजी गए' आई. इसी किताब में उन्होंने आतंकियों की हायरिंग में जाति व्यवस्था का जिक्र किया है. हमारे शो में भी जनरल ढिल्लों ने आतंकियों के इस व्यवस्था की चर्चा की. जनरल ढिल्लों ने बताया,

“किसी भी समाज में हायरार्की (पदानुक्रम) होती है. कश्मीर में ऐसा नहीं है. लेकिन जैसा आपने कहा, सैयद अली शाह गिलानी, सैयद सलाउद्दीन, आपको ऐसी खबर कभी नहीं मिलेगी कि एक एनकाउंटर हुआ और उसमें कोई सैयद मारा गया हो. ये लोग कंट्रोलिंग के पद पर हैं. आतंक के इकोसिस्टम को कंट्रोल करते हैं. मरने के लिए गरीब के बच्चे हैं.”

जनरल ढिल्लों ने आगे कहा कि आदिल डार ने पुलवामा हमले को अंजाम दिया. ये एक दुखद सत्य है. उन्होंने कहा कि आतंक की इंडस्ट्री से जो लाभ ले रहे हैं वो ऊपर के पद पर हैं. उनके बच्चे बंदूक उठाकर गोली नहीं खाते. जिनके बच्चे गोली खा रहे हैं वो आतंक से लाभ नहीं ले रहे. उनकी मां सिर्फ बिलखती हैं. ये समाज का सत्य है.

दूसरा ‘पुलवामा’ होने से रोका- जनरल ढिल्लों

पुलवामा हमले के दौरान जनरल ढिल्लों श्रीनगर की 15वीं कोर के जीओसी थे. हमले से ठीक पहले 9 फरवरी 2019 को उन्हें 15वीं कोर के कमांडर का पद मिला था. यह कोर कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) की निगरानी करती है. इसे चिनार कोर भी कहा जाता है. अपने इस कार्यकाल के दौरान वो कश्मीर में तीन बड़ी घटनाओं के गवाह रहे. पुलवामा हमला, बालाकोट स्ट्राइक और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 का हटाया जाना.

पुलवामा हमले के बाद जनरल ढिल्लों ने खुले तौर पर कहा था कि इस हमले में 100 परसेंट पाकिस्तानी सेना शामिल थी. उन्होंने दावा किया था कि पुलवामा हमले के 100 घंटे के भीतर घाटी में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सफाया किया गया. इसके बाद जैश में कोई लीडरशिप संभालने को तैयार नहीं हो रहा था. ढिल्लों का दावा है कि पुलवामा हमले के बाद एक और बड़े हमले की तैयारी थी. 24 फरवरी को ये होने वाला था. लेकिन उन्होंने उसे नाकाम किया था.

गेस्ट इन द न्यूजरूम में जनरल ढिल्लों ने पुलवामा हमले, बालाकोट एयर स्ट्राइक और कश्मीर में आंतकवाद को लेकर कई अनसुनी बातें बताईं. आप इस पूरे एपिसोड को इस लिंक परक्लिक कर देख सकते हैं.

Advertisement
Next