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Impact Feature: भ्रष्टाचार पर पंजाब सरकार सख्त, भ्रष्ट अधिकारी के समर्थन में हो रही हड़ताल पर भारी पड़ा CM भगवंत मान का आदेश

मुख्यमंत्री ने हड़ताल पर बैठे सरकारी कर्मचारियों को ड्यूटी पर लौटने का आदेश दिया.

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भगवंत मान. (फोटो: विशेष इंतजाम)

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भ्रष्टाचार पर अपनी ज़ीरो टॉलरेंस नीति को कायम रखते हुए, भ्रष्ट अधिकारियों के लिए एक कड़ा आदेश जारी किया. जिसके बाद से हर जगह पंजाब सरकार की सराहना हो रही है. मुख्यमंत्री ने एक ट्वीट करते हुए भ्रष्ट अधिकारियों की गिरफ़्तीर के खिलाफ़ हड़ताल पर बैठे सरकारी कर्मचारियों को ड्यूटी पर लौटने का आदेश दिया, अपने ट्वीट में सीएम भगवंत मान ने लिखा कि 'भ्रष्टाचार के मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह मंत्री हो, संतरी हो या मेरा कोई रिश्तेदार... जनता के एक-एक पैसे का हिसाब होगा..'. इस ट्वीट में जिस आदेश को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने साझा किया उसमें लिखा था कि 'मेरे संज्ञान में आया है कि कुछ अधिकारी किसी हड़ताल की आड़ में अपनी ड्यूटी पर मौजूद नहीं है. वे अधिकारी भ्रष्ट अफ़सरों के खिलाफ़ सरकार की सख्त कार्रवाई के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. मैं सभी को यह साफ कर देना चाहता हूं कि यह सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ़ ज़ीरो टॉलरेंस रखती है. इस तरह की हड़ताल ब्लैकमेलिंग और जबरन बात मनवाने का तरीका है. इसे कोई भी ज़िम्मेदार सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी. इसलिए, आपको यह आदेश दिया जाता है कि 1) इस हड़ताल को गैरकानूनी घोषित करें 2) उन सभी अफसरों को बर्खास्त करें जो आज 11.01.2023 दोपहर 2.00 बजे तक काम पर नहीं लौटते. 3) जो अफसर 2.00 बजे तक काम पर नहीं लौटेंगे, उनकी गैर-हाज़िरी गैरज़िम्मेदाराना मानी जाएगी.'

इस ट्वीट और ट्वीट में मौजूद सरकारी घोषणा से यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि मौजूदा पंजाब सरकार भ्रष्टाचार को लेकर कमर कस चुकी है. आपको बता दें कि यह मामला लुधियाना की रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (RTA) का है, जहां के पीसीएस अधिकारी नरिंदर सिंह धालीवाल को रिश्वत लेने के आरोप के चलते विजिलेंस ने गिरफ्तार किया था. जिसके बाद से पीसीएस अधिकारियों ने इस गिरफ्तारी के खिलाफ़ हड़ताल शुरु कर दी. पीसीएस अधिकारी 9 जनवरी से 5 दिन के सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर थे.

मुख्यमंत्री भगवंत मान के संज्ञान में जैसे ही हड़ताल की बात पहुंची, उन्होंने तुरंत प्रिंसिपल सेक्रेटरी वेणु प्रसाद के लिए एक कड़ा आदेश जारी किया, जिसमें उन्हें कहा गया कि वे इस हड़ताल को गैरकानूनी घोषित करके, सभी अधिकारियों और अफसरों को आज 2 बजे तक काम पर लौटने का आदेश दें और काम पर न लौटने वाले अफसरों और अधिकारियों को तत्काल बर्खास्त किया जाए. सीएम भगवंत मान का भ्रष्टाचार को लेकर यह कड़ा रुख देखते ही पीसीएस अधिकारियों ने कुछ ही घंटों में हड़ताल खत्म कर दी और प्रिंसिपल सेक्रेटरी वेणु प्रसाद से बातचीत के बाद सभी अधिकारी 2 बजे तक काम पर लौट आए.

ऐसा बहुत ही कम देखा जाता है जब सरकारी विभाग में अधिकारियों पर इस तरह की सख्त कार्रवाई देखने को मिलती है. पंजाब के सीएम भगवंत मान इससे पहले भी कई मंचों से भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस पॉलिसी का ज़िक्र कर चुके हैं. साथ ही, आपको बता दें कि पंजाब में सरकार बनने के बाद ही एक एंटी करप्शन हेल्पलाइन जारी की गई थी, जिस पर भ्रष्टाचार के मामलों से जुड़ी शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है. यह मामला भी इसी एंटी करप्शन हेल्पलाइन से ही सामने आया था, जहां 18 नवंबर 2022 को गांव मानकवल के रहने वाले सतनाम सिंह धवन ने हेल्पलाइन पर आरटीए लुधियाना के खिलाफ पंजाब होम गार्ड्स (पीएचजी) के वॉलंटियर बहादर सिंह के वीडियो क्लिप के साथ ऑनलाइन शिकायत दर्ज की थी, जो इस आरटीए अधिकारी के खिलाफ थी. मामले की शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस टीम ने आरोपों की जांच की और आरोप सही पाए जाने पर अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया गया.

सीएम भगवंत मान के इस कड़े रुख के बाद से हर जगह उनकी और पंजाब सरकार की सराहना की जा रही है. साथ ही, आम जनता भी सीएम भगवंत मान के भ्रष्टाचार के खिलाफ इस कड़े रुख से खुश दिख रही है. भ्रष्टाचार को लेकर पंजाब सरकार के इस कड़े रुख से एक बात तो साफ हो गई है कि पंजाब में भ्रष्टाचारियों के लिए अब मुश्किल समय शुरु हो गया है. 

(ये आर्टिकल प्रायोजित है)