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Independence Day 2022: PM मोदी ने अगले 25 सालों के लिए क्या लक्ष्य तय किया?

PM मोदी ने कहा कि दुनिया समस्याओं का समाधान भारत की धरती पर खोजने लगी है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो- वीडियो स्क्रीनशॉट/DD News)

देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का ये दिन ऐतिहासिक दिन है. एक नई राह, एक नए संकल्प के साथ कदम बढ़ाने का यह शुभ अवसर है. प्रधानमंत्री ने लाल किले पर तिरंगा फहराने के बाद देश को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन के नायकों को याद किया. पीएम ने कहा कि आजादी के जंग में गुलामी का पूरा कालखंड संघर्षमय बीता है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि हिंदुस्तान का कोई कोना, कोई काल ऐसा नहीं था जब देश के लोगों ने सैकड़ों सालों तक गुलामी के खिलाफ जंग न की हो, जीवन न खपाया हो, यातनाएं न झेली हो. आज हम सभी देशवासियों के लिए ऐसे हर त्याग करने वाले को नमन करने का मौका है.

महात्मा गांधी के सपने के लिए समर्पित हूं- पीएम

पीएम ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है. भारत ने साबित कर दिया कि हमारे पास एक अनमोल सामर्थ्य है. 75 साल की हमारी ये यात्रा अनेक उतार-चढ़ाव से भरी हुई है. प्रधानमंत्री ने कहा, 

“आजादी के बाद जन्मा मैं पहला व्यक्ति था जिसे लाल किले से देशवासियों के गौरवगान का मौका मिला. जितना आप लोगों को जान पाया हूं, आपको समझ पाया हूं. आपके सुख-दुख को जान पाया हूं. उसे लेकर मैंने पूरा कालखंड लोगों के लिए खंपाया है. महात्मा गांधी का जो सपना था कि अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने का. मैंने खुद को महात्मा गांधी के सपने को पूरा करने के लिए समर्पित किया है.”

पीएम मोदी ने कहा कि गुलामी की मानसिकता छोड़नी पड़ेगी. उन्होंने कहा,

“कब तक दुनिया हमें सर्टिफिकेट बांटती रहेगी. कब तक दुनिया के सर्टिफिकेट पर हम गुजारा करेंगे. क्या हम अपने मानक नहीं बनाएंगे. क्या 130 करोड़ का देश अपने मानकों को पार करने के लिए पुरुषार्थ नहीं कर सकता है. हमें किसी भी हालत में औरों की तरह दिखने की जरूरत नहीं है. हम जैसे हैं वैसे रहेंगे. लेकिन सामर्थ्य के साथ खड़े होंगे ये हमारा मिजाज होना चाहिए. हमें गुलामी से मुक्ति चाहिए.”

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति गुलामी की उसी सोच से मुक्ति का रास्ता है. पीएम ने कहा कि हमें देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए. डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप देश की उभरती सोच और ताकत का परिणाम है.

लाल किले पर भाषण के दौरान पीएम मोदी (फोटो- DD News)

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के इतने दशकों के बाद पूरी दुनिया का भारत की तरफ देखने का नजरिया बदल चुका है. उन्होंने कहा कि समस्याओं का समाधान भारत की धरती पर दुनिया खोजने लगी है.

‘भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद बड़ी चुनौती’

पीएम ने कहा कि देश के सामने दो बड़ी चुनौतियां है. पहली चुनौती है भ्रष्टाचार. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है, उससे देश को लड़ना ही होगा. कई लोग भ्रष्टाचार में सजा पाने वालों की भी महिमामंडन में लगे रहते हैं. मोदी ने कहा, 

"हमारी कोशिश है कि जिन्होंने देश को लूटा है, उनको लौटाना भी पड़े, हम इसकी कोशिश कर रहे हैं. जब तक भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी के प्रति नफरत का भाव पैदा नहीं होता, सामाजिक रूप से उसे नीचा देखने के लिए मजबूर नहीं करते, तब तक ये मानसिकता खत्म नहीं होने वाली है."

उन्होंने कहा कि दूसरी चुनौती है, भाई-भतीजावाद और परिवारवाद. प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वे भाई-भतीजावाद और परिवारवाद की बात करते हैं, तो लोगों को लगता है कि वे सिर्फ राजनीति की बात कर रहे हैं. जी नहीं, दुर्भाग्य से राजनीतिक क्षेत्र की उस बुराई ने हिंदुस्तान के हर संस्थान में परिवारवाद को पोषित कर दिया है. उन्होंने कहा कि परिवारवाद हमारी अनेक संस्थाओं को अपने में लपेटे हुए है. और उसके कारण देश के टैलेंट को नुकसान होता है. यह भी भ्रष्टाचार का एक कारण बन जाता है.

25 सालों के लिए 5 प्रण

प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की है कि आजादी के 100 साल पूरे होने के लिए अभी से संकल्प लें तब यह देश विकसित होगा. उन्होंने कहा कि आने वाले 25 साल के लिए (2047 तक) हमें पांच प्रण पर अपनी ताकत और संकल्पों को केंद्रित करना होगा.

1. विकसित भारत का लक्ष्य- पीएम ने कहा कि अब देश बड़े संकल्प लेकर चलेगा और वो बड़ा संकल्प है विकसित भारत का. उससे कुछ कम नहीं होना चाहिए.

2. गुलामी की मानसिकता से मुक्ति- दूसरा प्रण है किसी भी कोने में हमारे मन के भीतर अगर गुलामी का एक भी अंश हो उसे किसी भी हालत में बचने नहीं देना. सैकड़ों सालों की गुलामी ने हमारी सोच को बांध कर रखा हुआ है. हमें गुलामी की छोटी से छोटी चीजों से मुक्ति पानी ही होगी.

3. अपनी विरासत पर गर्व- हमें अपनी विरासत पर गर्व करना चाहिए. यही विरासत है, जिसने भारत को स्वर्णिम काल दिया था. यही विरासत है जो समय-समय पर परिवर्तन करने का सामर्थ्य रखती है.

4. एकता और एकजुटता-  130 करोड़ देशवासियों में एकता. न कोई अपना न कोई पराया. एक भारत और श्रेष्ठ भारत के सपनों के लिए यह चौथा प्रण है.

5. नागरिकों का कर्तव्य- इसमें प्रधानमंत्री भी बाहर नहीं होता है, मुख्यमंत्री भी बाहर नहीं होता है. वो भी नागरिक हैं. ये 25 सालों के संकल्प को पूरा करने के लिए हमारे प्रण हैं.

आत्मनिर्भर भारत का संकल्प

# 75 साल बाद पहली बार भारत में बने होवित्जर तोप का इस्तेमाल लाल किले पर सलामी के लिए किया गया.

# पीएम ने कहा कि गैरजरूरी विदेशी सामानों और उपकरणों के आयात पर रोक का प्रयास करना होगा. विदेशी खिलौनों के आयात में भी भारी कमी आई.

# केमिकल मुक्त खेती पर जोर दिया जाएगा.

# जय जवान, जय किसान के साथ जय अनुसंधान पर जोर देने की जरूरत है. UPI का बढ़ता प्रभाव इसका एक प्रमाण है.

# देश 5G की तरफ बढ़ रहा है. गांवों में ऑप्टिकल फाइबर का जाल बिछ रहा है. भारत के लिए यह टेक्नोलॉजी का दशक है. स्पेस मिशन और Ocean मिशन में भी आगे बढ़ रहा है.

# हमारे छोटे किसान, लघु उद्योग, रेहड़ी पटरी वाले को आर्थिक ताकत देने का प्रयास चल रहा है.

# मानव संसाधन और प्राकृतिक संसाधनों का अधिकतम इस्तेमाल कैसे हो, इस पर जोर देना होगा.

इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें मानव केंद्रित व्यवस्था को खड़ा करना है. उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान, वैक्सीनेशन, ढाई करोड़ लोगों को बिजली कनेक्शन, खुले में शौच से मुक्ति, नवीन ऊर्जा, हम सभी मानकों पर संकल्प से बढ़ रहे हैं.

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