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केजरीवाल बोले - "हमने पहला वर्चुअल स्कूल खोला", NIOS ने कहा - "हमने एक साल पहले कर दिया था"

NIOS वालों ने प्रेस रिलीज़ और नोट भी लगाया, अगस्त 2021 में मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अनावरण कर दिया था!

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अरविंद केजरीवाल. (तस्वीर- ट्विटर)

National Institute of Open Schooling (NIOS) ने दिल्ली सरकार के देश का पहला वर्चुअल स्कूल शुरू करने के दावे से जुड़ी मीडिया रिपोर्टों को खारिज किया है. बुधवार, 31 अगस्त को सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने बताया था कि उनकी सरकार ने Delhi Model Virtual School नाम से देश का पहला वर्चुअल स्कूल शुरू किया है. उन्होंने इसे क्रांतिकारी कदम बताते हुए कहा था कि इसके जरिये अब देश के ऐसे बच्चे शिक्षा हासिल करेंगे जो किसी भी वजह से स्कूल नहीं जा पाते. हालांकि अरविंद केजरीवाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के कुछ देर बाद NIOS ने एक प्रेस नोट जारी कर बताया कि देश का पहला वर्चुअल स्कूल अगस्त 2021 में ही शुरू कर दिया गया था.

Virtual School पर क्या बोले थे Arvind Kejriwal?

अरविंद केजरीवाल ने बताया कि उनकी सरकार द्वारा लॉन्च किए गए वर्चुअल स्कूल का नाम दिल्ली मॉडल वर्चुअल स्कूल (DMVS) रखा गया है. ये दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन से मान्यता प्राप्त होगा. सीएम केजरीवाल ने कहा,

"हम बार-बार कहते हैं कि हमें भारत को दुनिया का नंबर वन देश बनाना है. लेकिन ये तब तक नहीं हो सकता जब तक इस देश के हर बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा नहीं मिलेगी. ये काम हमें बहुत तेजी से करना है. 75 साल खराब हो गए हैं. उस दिशा में आज जो मैं ऐलान करने जा रहा हूं, वो एक बहुत ही महत्वपूर्ण और क्रांतिकारी कदम है. शिक्षा के क्षेत्र में ये एक नई क्रांति पैदा करने वाला है. आज हम देश का पहला वर्चुअल स्कूल चालू करने जा रहे हैं. एक साल पहले हमने ऐलान किया था कि देश का वर्चुअल स्कूल बनाएंगे."

केजरीवाल ने आगे कहा,

"बहुत सारे बच्चे किसी ना किसी कारण से हैं स्कूल नहीं जा पाते. कई पैरेंट्स लड़कियों को पढ़ाते नहीं हैं क्योंकि वे उन्हें बाहर नहीं भेजना चाहते. कई बच्चे बचपन में ही काम पर लग जाते हैं. ऐसे सारे बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने के लिए हमने ये (वर्चुलअ स्कूल) शुरू किया है. कोरोना संकट के वक्त लगने वाली वर्चुअल क्लासेज से प्रेरणा लेकर हमने ये नई तरह का स्कूल चालू किया है. हमारा अपना ये मानना है कि क्लास में बच्चों को फिजिकली आना ही चाहिए, लेकिन जिन बच्चों को किसी भी कारण से स्कूल नहीं मिल पाता है उन तक कम से कम शिक्षा तो पहुंचे. ये वर्चुअल स्कूल उन बच्चों तक शिक्षा पहुंचाएगा."

DMVS किस तरह काम करेगा, इस बारे में अरविंद केजरीवाल ने बताया,

"इसमें ऑनलाइन क्लासेज होंगी. जो बच्चे ऑनलाइन क्लासेज नहीं ले पाएंगे, उनके लिए क्लास रिकॉर्ड में डाल दी जाएगी. बच्चा जब भी फ्री होगा वो उस क्लास को जाकर देख सकता है. स्कूल का नाम है दिल्ली मॉडल वर्चुअल स्कूल. DMVS की आज से शुरुआत हो रही है. अभी ये 9वीं से 12वीं क्लास तक होगा. भर्ती के लिए आज 9वीं क्लास के लिए ऐप्लिकेशन इनवाइट की जा रही हैं. जरूरी नहीं है कि ऐडमिशन के लिए छात्र दिल्ली का ही हो. पूरे देश से कोई भी बच्चा इस स्कूल में अप्लाई कर सकता है. ये स्कूल दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन से मान्यता प्राप्त होगा."

केजरीवाल ने बताया कि हरेक बच्चे का अपना लॉगइन अकाउंट होगा, जिसके जरिये वो इस वर्चुअल स्कूल का सारा कंटेंट ऐक्सेस कर सकेगा. उन्होंने ये भी कहा कि दिल्ली सरकार ना केवल इस स्कूल के बच्चों को शिक्षा देगी, बल्कि 11वीं-12वीं के दौरान NEET, JEE, CUET जैसी परीक्षाओं के लिए तैयारी करने में मदद भी करेगी. इसके लिए इन एग्जाम से जुड़े सब्जेक्ट एक्सपर्ट्स को लाया जाएगा. स्किल आधारित शिक्षा भी दी जाएगी ताकि अगर छात्र पढ़ाई के साथ कोई प्रोफेशन भी करना चाहें तो पार्टटाइम वो भी कर सकें.

NIOS ने क्या कहा?

केजरीवाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद NIOS का एक ट्वीट आया. इसमें कहा गया,

"कुछ मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि भारत का पहला वर्चुअल स्कूल आज लॉन्च हुआ है. इस संबंध में ये सूचित किया जाता है कि NIOS द्वारा अगस्त 2021 में ही देश के पहले वर्चुअल स्कूल की शुरुआत कर दी गई थी."

वहीं प्रेस नोट में NIOS की तरफ से कहा गया,

"वर्तमान में केंद्र से मान्यता प्राप्त 7000 से ज्यादा स्कूल NIOS से जुड़े हुए हैं, जो समर्पण के साथ शैक्षणिक सहायता प्रदान कर रहे हैं. वहीं 1500 से ज्यादा स्टडी सेंटर्स NIOS वर्चुअल ओपन स्कूल के विद्यार्थियों को स्किल आधारित पेशेवर कोर्स करवा रहे हैं. NIOS से मान्यता प्राप्त ये अध्ययन केंद्र लाइव इन्टरैक्टिव क्लासेज करवाएंगे. ऐकडेमिक ईयर 2021 में हुए NIOS वर्चुअल ओपन स्कूल के सबसे पहले सेशन में Virtual Open School के तहत 2.18 लाख असाइनमेंट/TMAs (Tutor Mark Assignmenst) विद्यार्थियों द्वारा अपलोड किए गए थे."

यही नहीं, शिक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर 24 अगस्त 2021 की तारीख़ पर लगाई गई एक प्रेस रिलीज़ भी मौजूद है, जिसमें NIOS के पहले वर्चुअल स्कूल के केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा अनावरण का ज़िक्र भी है. 

शिक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी की गई रिलीज़ का हिस्सा

NIOS के मुताबिक हाल में संपन्न हुए ऐकडेमिक सेशन में 4.46 लाख असाइनमेंट/TMAs विद्यार्थियों द्वारा अपलोड किए गए थे. ये TMAs अपनेआप सब्जेक्ट एक्सपर्ट्स को ऐलोकेट कर दिए जाते हैं. NIOS ने जानकारी दी कि इनका ऑनलाइन मूल्यांकन किया जा रहा है. बताया कि इस व्यवस्था की विशेषता ये है कि जैसे ही TMA का मूल्यांकन हो जाता है और सब्जेक्ट एक्सपर्ट नंबर दे देते हैं, तुरंत TMA मार्क्स विद्यार्थी के डैशबोर्ड पर दिखाई देने लगते हैं.

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