Arunachal Pradesh में तवांग के पास आर्मी का एक चीता हेलीकॉप्टर (Cheetah Helicopter) क्रैश हो गया. क्रैश में एक पायलट की मौत हो गई है. रूटीन सॉर्टी के दौरान हादसा हुआ और हादसे के तुरंत बाद दोनों पायलट्स को पास के मिलिट्री अस्पताल में भर्ती कराया गया. हादसे में घायल दूसरे पायलट का इलाज चल रहा है.
अरुणाचल प्रदेश में चीता हेलीकॉप्टर क्रैश, सेना के लेफ़्टिनेंट कर्नल शहीद
सह-पायलट गंभीर रूप से घायल.
न्यूज़ एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक़, घटना 5 अक्टूबर की सुबह 10 बजे की है. सेना के प्रवक्ता कर्नल ए एस वालिया ने बताया कि जब ये हादसा हुआ उस वक्त हेलीकॉप्टर चीन के सरहदी इलाक़े पर गश्त लगा रहा था. एक पायलट की इलाज के दौरान मौत हो गई और दूसरे की हालत गंभीर बनी हुई है. शहीद हुए पायलट का नाम लेफ़्टिनेंट कर्नल सौरभ यादव बताया जा रहा है.
सेना ने अपने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि क्रैश की वजह अभी पता नहीं चल पाई है. वजह की जांच के आदेश दिए गए हैं.
केंद्रीय क़ानून मंत्री किरण रिजिजू ने भी घटना के बारे में ट्वीट किया और पायलट की रिकवरी की कामना की है.
जम्मू-कश्मीर में LOC के पास इसी साल के मार्च में सेना का एक और चीता हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. तब भी पायलट की मौत की ख़बर आई थी. और, सह-पायलट गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
चीता हेलीकॉप्टर का असली नाम है एरोस्पेटियैल एस.ए. 315-बी लामा (Aérospatiale SA 315B Lama). ये एक सिंगल इंजन वाला हेलीकॉप्टर है. गर्म और ऊंचाई वाले इलाक़ों में पांच लोगों को लेकर उड़ सकता है. इस हेलीकॉप्टर के नाम पर सभी कैटेगरीज़ में ऊंची उड़ानों के लिए विश्व रिकॉर्ड दर्ज हैं. इसे मूलतः एक फ़्रांसीसी कंपनी ने बनाया था. फिर 1970 में हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने फ़्रेंच कंपनी के साथ चीता हेलीकॉप्टर्स के लाइसेंस सौदे पर साइन किया था. पहला चीता हेलीकॉप्टर 1976-77 में वितरित किया गया था.
हालांकि, कई रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो 5 दशकों से सेवा दे रहे इस हेलीकॉप्टर को अब रिटायर कर देना चाहिए क्योंकि इसे आज की टेक्नॉलजी के हिसाब से अपग्रेड नहीं किया गया है.
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