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मेहुल चोकसी पर से रेड क्रॉस नोटिस हटते ही कांग्रेस का BJP पर तंज, "मेहुल भाई का केस बंद"

पंजाब नेशनल बैंक को हजारों करोड़ रुपये का चूना लगाने वाला चोकसी अब पूरी दुनिया में घूम सकेगा!

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मेहुल चोकसी. (फोटो- ट्विटर)

पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी को INTERPOL से बहुत बड़ी राहत मिली है. उसने मेहुल चोकसी के खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस (RCN) को वापस ले लिया है. मेहुल चोकसी 13 हजार 500 करोड़ रुपये के PNB घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक है. घोटाले का पता चलने से कुछ समय पहले वो भारत छोड़कर भाग गया था. CBI उसे काफी समय से भारत लाने की कोशिश में लगी है. लेकिन उसके प्रयासों को INTERPOL ने झटका दे दिया है. उसने 2022 में ही चोकसी को लेकर रेड कॉर्नर नोटिस दिया था. भगोड़े व्यापारी ने इसके खिलाफ याचिका दायर की हुई थी. साल भर के वक्त में ही उस पर से RCN हटा लिया गया. अब ये सवाल फिर पैदा हो गया है कि क्या PNB घोटाले के आरोपी को भारत नहीं लाया जा सकेगा.

मेहुल चोकसी पर से RCN हटा

इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक चोकसी के लिए जारी RCN अब INTERPOL की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है. मामले को लेकर भारत में मेहुल चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने अखबार को बताया,

“लीगल टीमों के प्रयासों की वजह से मेरे क्लाइंट का रेड कॉर्नर नोटिस रद्द कर दिया गया है. आखिर सत्य की जीत हुई है.”

वहीं इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक विजय अग्रवाल ने कहा कि उनकी लीगल टीम की कोशिशों को सफलता मिली है. विजय ने चोकसी के खिलाफ जारी हुए RCN को ‘अपहरण’ बताते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इसको स्वीकार नहीं किया, इसीलिए INTERPOL द्वारा जारी नोटिस हटा लिया गया.

इधर, मामले की जांच कर रही CBI ने इस मामले में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक RCN हटाने के लिए चोकसी की तरफ से INTERPOL में एक याचिका दायर की गई थी. मेहुल चोकसी ने ये दावा किया था कि साल 2021 में भारतीय जांच एजेंसियों ने ही उसे किडनैप किया था. अधिकारी उन्हें डोमिनिका ले गए थे. वहीं से भारत ले जाने की तैयारी थी. सूत्रों के हवाले से अखबार ने बताया कि चोकसी के दावों को सही मानते हुए INTERPOL ने RCN हटाने का फैसला किया है. सूत्रों के मुताबिक INTERPOL के आदेश में कहा गया,

“इस बात की प्रबल संभावना है कि आवेदक को एंटीगुआ से डोमिनिका ले जाने का उद्देश्य उसे भारत भेजना था. जहां एक जोखिम था कि उसे निष्पक्ष सुनवाई नहीं मिल पाएगी.”

कांग्रेस हुई ऐक्टिव

मेहुल चोकसी को राहत मिलने की खबर आते ही कांग्रेस पार्टी ने पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर तंज कसना शुरू कर दिया. पार्टी के सीनियर नेता और सांसद शशि थरूर ने सवालिया लहजे में लिखा,

"क्या ये सच है कि मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड क्रॉस नोटिस नहीं रहेगा? अगर ऐसा है, तो क्यों?"

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने पीएम मोदी के मेहुल चोकसी को लेकर दिए एक पुराने बयान को आधार बनाकर तंज कसा. उन्होंने ट्वीट किया,

"भारत सरकार इंटरपोल की रेड क्रॉस नोटिस लिस्ट से मेहुल चोकसी का नाम हटने से नहीं रोक पाई. 13 हजार करोड़ रुपये का घोटाला "हमारे मेहुल भाई" के लिए बंद. लोगों का पैसा डूब गया. विपक्ष के नेताओं के लिए ईडी और सीबीआई, लेकिन मेहुल चोकसी के लिए लाइफलाइन."

2018 में भागा था चोकसी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मेहुल चोकसी जनवरी 2018 में भारत से भाग गया था. इसके कुछ दिन बाद CBI ने PNB मामले में उसके और उसके भतीजे नीरव मोदी के खिलाफ मामला दर्ज किया था. दोनों ने तब तक एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता हासिल कर ली थी. चोकसी के परिवार और वकीलों ने ये जानकारी दी थी कि 23 मई, 2021 को उसका अपहरण एक हंगेरियन महिला के माध्यम से कराया गया था. महिला की पहचान बाबरा जराबिक के रूप में की गई थी. उसे डोमिनिका एक नाव के जरिये ले जाया गया था.

बाद में चोकसी को अवैध प्रवेश के आरोप में डोमिनिका में गिरफ्तार कर लिया गया था. इस बीच, उसके वकीलों ने आरोप लगाया था कि भारतीय अधिकारियों को लेकर एक प्राइवेट जेट डोमिनिका गया था.

पिछले साल दिसंबर महीने में CBI ने लोन धोखाधड़ी के एक नए मामले में चोकसी के खिलाफ केस दर्ज किया था. इस मामले में चोकसी के ऊपर 6 हजार 700 करोड़ रुपये के लोन को डाइवर्ट करने और धोखाधड़ी के आरोप लगे थे.

क्या होता है RCN?

INTERPOL का रेड कॉर्नर नोटिस किसी देश से भागे हुए ऐसे शख्स को ढूंढने के लिए जारी किया जाता है, जिसके ऊपर कोई आपराधिक मामला दर्ज हो. RCN अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी का वारंट नहीं होता है. नोटिस जारी होने का मतलब ये नहीं है कि वो व्यक्ति दोषी ही है. ये दुनियाभर के देशों को उस शख्स के अपराध की जानकारी देता है. रेड कॉर्नर नोटिस के जरिये पकड़े गए आरोपी को उस देश में भेज दिया जाता है जहां उसने अपराध किया होता है. रेड नोटिस तभी जारी किया जा सकता है जब कानून की नजर में अपराध गंभीर हो.

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