ईरान में एक 22 साल की लड़की महसा अमीनी की पुलिस कस्टडी में मौत के बाद से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन जारी है. महसा को इसलिए गिरफ्तार किया गया था क्योंकि ईरान की मॉरेलिटी पुलिस के मुताबिक उन्होंने सही तरीके से हिजाब नहीं पहना था. इस घटना के विरोध में जनता प्रदर्शन कर रही है, जिसमें कई लोगों की जान भी जा चुकी है. वहीं सरकार के खिलाफ बढ़ता विरोध देख ईरान में इंटरनेट एक्सेस पर कठोर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को ब्लॉक कर दिया गया है. इस बीच व्हाट्सएप का एक बयान सामने आया है, जिसमें व्हाट्सएप सर्विस को चलाते रहने की हर मुमकिन कोशिश की बात कही गई है.
हिजाब पर दंगा भड़का, इंटरनेट-व्हाट्सएप बंद!
बंद होने के बाद फ़ेसबुक ने क्या कहा?
व्हाट्सएप ने गुरुवार, 22 सितंबर को कहा कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि ईरान के यूजर्स कनेक्टेड रहें. इंडिया टुडे के सुमित कुमार सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक व्हाट्सएप की ओर से दिए गए बयान में कहा गया,
“हम अपने ईरानी दोस्तों को जोड़े रखने के लिए काम कर रहे हैं और अपनी सर्विस को चलाते रहने के लिए हम अपनी तकनीकी क्षमता के अंदर कुछ भी करेंगे. हम प्राइवेट तरीके से दुनिया को जोड़ने के लिए मौजूद हैं. हम लोगों के निजी तौर पर संदेश भेजने के अधिकार के साथ खड़े हैं. हम ईरान के लोगों के नंबर ब्लॉक नहीं कर रहे हैं.”
ये पूरा मामला ईरान की राजधानी तेहरान के एक मेट्रो स्टेशन से शुरू हुआ. 13 सितंबर को महसा अमीनी अपने भाई के साथ तेहरान घूमने आई थी. जब वो ट्रेन से उतरी, तब वहां मौजूद मॉरेलिटी पुलिस ने उसको रोक लिया. वे महसा के हिजाब को लेकर शंका में थे. उनके अनुसार महसा ने सही तरीके से हिजाब नहीं पहना था. वे उसे पुलिस स्टेशन ले गए. वहां तबियत बिगड़ी तो पुलिसवाले अस्पताल ले गए. तीन दिनों के बाद पता चला कि महसा की मौत हो चुकी है.
पुलिस का दावा है कि महसा की मौत हार्ट अटैक से हुई. जबकि महसा के परिवार का दावा है कि वो बिल्कुल स्वस्थ थीं. पुलिस हिरासत में ही कुछ ऐसा हुआ, जिससे उनकी मौत हो गई. 16 सितंबर को महसा की मौत के बाद तेहरान में प्रोटेस्ट शुरू हुआ. ईरान में हिजाब पहनने के सख्त कानून के बावजूद महिलाएं हिजाब उतारकर और कई जगहों पर हिजाब जलाकर अपना विरोध जता रही हैं.
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