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इज़रायल ने गाजा की जिस बिल्डिंग को तबाह कर दिया, वहां से निकले पत्रकारों ने क्या बताया?

इसी बिल्डिंग में अल जजीरा और AP के ऑफिस थे.

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इज़रायल ने गाजा सिटी की चर्चित बिल्डिंग गाजा टॉवर शनिवार को गिरा दिया. (फोटो- AP)
इज़रायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध का 15 मई को सातवां दिन था. इसी दिन शाम को गाजा शहर की एक 11 माले की बिल्डिंग ‘गाजा टॉवर’ के पास एक संदेश आया. संदेश इज़रायल इंटेलिजेंस ऑफिस की तरफ से था.
“आपके पास एक घंटा है. सभी लोग बिल्डिंग खाली कर दें. हम इस बिल्डिंग को गिराने वाले हैं.”
अफरा-तफरी मच गई. गाजा टॉवर में तमाम रिहायशी फ्लैट्स थे, ऑफिसेज़ थे. तमाम इंटरनेशनल मीडिया के दफ्तर थे, जिनमें असोसिएट प्रेस (AP) और अल-जजीरा ख़ास थे. जो-जितना कुछ लेकर बिल्डिंग से भाग सका, भागा. आधे-पौने सामान के साथ लोगों ने जान बचाकर बिल्डिंग खाली की और करीब एक घंटे बाद ही इज़रायल ने पूरी बिल्डिंग गिरा दी. इज़रायल फोर्स का कहना है कि इस बिल्डिंग से हमास की आतंकी गतिविधियां संचालित हो रही थीं इसलिए उन्होंने इसे टारगेट किया. हालांकि यहां काम कर रहे पत्रकारों ने इस दावे को ख़ारिज किया है. अल-जजीरा ने इसी बिल्डिंग से काम करने वाली पत्रकार योमना अल सैयद के हवाले से पूरी घटना के बारे में लिखा है –
“11 फ्लोर की बिल्डिंग में सिर्फ एक एस्कलेटर काम कर रहा था. हमने तय किया कि इसे बच्चों और बुज़ुर्गों के लिए खाली छोड़ दिया जाए. हम सभी अपने-अपने ज़रूरी सामान लेकर सीढ़ियों से नीचे भागे.”
हालांकि योमना ने और इसी बिल्डिंग से AP के लिए काम करने वाले अल-कहलोत का कहना रहा कि वे करीब 10-10 साल से बिल्डिंग में काम कर रहे हैं लेकिन कुछ संदिग्ध दिखा नहीं. शनिवार को ही इज़रायल ने गाजा के एक रिफ्यूजी कैंप पर भी एयर स्ट्राइक की, जिसमें 10 फिलिस्तीनियों के मारे जाने की ख़बर है. इस बीच इज़रायल सीज़फायर के प्रस्तावों को लगातार ठुकरा रहा है. उसने कहा है कि वो पहले हमास की सैन्य ताकत को ख़त्म करेगा. इसके बाद ही संघर्षविराम पर वार्ता करेगा. इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंज़मिन नेतन्याहू ने शनिवार को फिर दोहराया कि देश फिलहाल हमले रोकने के बारे में नहीं सोच रहा है. ख़बरों के मुताबिक, इज़रायली बमबारी में हमास के अंडरग्राउंड सुरंग नेटवर्क का कई किलोमीटर लंबा हिस्सा नष्ट हो चुका है. इज़रायल की बमबारी में अब तक करीब 130 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं. सैकड़ों फिलिस्तीनियों ने बमबारी से बचने के लिए UN द्वारा संचालित स्कूलों में शरण ली है. वहीं हमास के हमले से भी इज़रायल में 10 से अधिक लोगों की जान गई है.