इजरायल में नेतन्याहू के ज्यूडिशियल रिफॉर्म बिल के विरोध में बोलने पर वहां के रक्षा मंत्री को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है. नेतन्याहू ने उन्हें बर्खास्त कर दिया है. लेकिन, इसके बाद जो बवाल शुरू हुआ, उसे रोकना सरकार के लिए मुश्किल हो रहा है. लाखों लोग इजरायल की सड़कों पर उतर आए है. करीब 95 लाख की जनसंख्या वाले देश में तकरीबन छह लाख लोग राजधानी तेल अवीव की सड़कों पर हैं. इतनी भीड़ कि तेल अवीव का मेन हाइवे ब्लॉक हो गया है. प्रदर्शनकारी रक्षा मंत्री योव गैलैंट की बर्खास्तगी और ज्यूडिशियल रिफॉर्म बिल का विरोध कर रहे हैं.
इजरायल में बगावत, नेतन्याहू के खिलाफ उतरे समर्थक मंत्री, सैनिक, 6 लाख लोग...
ऐसा विरोध नेतन्याहू ने ना सोचा होगा!
BBC के मुताबिक रविवार, 26 मार्च की रात कुछ प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के निजी घर के बाहर भी पहुंच गए और जोरदार प्रदर्शन किया. इन लोगों ने थालियां बजाईं. सड़क पर आग भी जलाई. इस दौरान इन लोगों की पुलिस से झड़प हुई. मामला इतना बढ़ गया है कि अमेरिका ने भी इजरायल के प्रदर्शन पर बयान जारी किया है. व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया है कि इजरायल को जल्द से जल्द इस मामले का समाधान निकालना चाहिए.
जनवरी 2023 में इजरायल की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बदलाव करने के लिए ज्यूडिशियल रिफॉर्म बिल जारी किया. इसके पास होने पर इजरायल की संसद को सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को पलटने का अधिकार मिल जाएगा. अगर ये बिल पास हो जाता है तो संसद में जिसके पास भी बहुमत होगा, वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट सकेगा. लोगों का मानना है कि इससे देश का लोकतंत्र और सुप्रीम कोर्ट कमजोर होगा. कुछ जानकारों का कहना है कि नए बिल के पास होने से सरकार जजों की नियुक्ति में दखल दे सकती है. इससे न्यायपालिका की ताकत कम हो जाएगी.
इनका ये भी आरोप है कि नेतन्याहू पर भ्रष्टाचार के कई मुकदमे चल रहे हैं. ऐसे में वो खुद को बचाने लिए ही ये बिल ला रहे हैं. इजरायल के एक NGO का कहना है कि नेतन्याहू भ्रष्टाचार के मुकदमे के दौरान नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. NGO ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि इसके लिए नेतन्याहू को दंडित किया जाए. हालांकि, नेतन्याहू ने पलटवार करते हुए कहा है कि NGO की इस अपील को खारिज कर दिया जाना चाहिए. उनके मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के पास हस्तक्षेप करने के लिए आधार नहीं है.
रक्षा मंत्री ने आवाज उठा दीइस मामले को लेकर इजरायल की सत्ताधारी लिकुड पार्टी के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने आवाज उठा दी. शनिवार, 25 मार्च को उन्होंने कहा कि वो चिंतित हैं कि न्यायपालिका में आमूल-चूल परिवर्तन करने की जो योजना बनाई जा रही है, उससे देश की सुरक्षा को खतरा है. आगे कहा कि प्रधानमंत्री नेतन्याहू न्यायिक प्रणाली में बदलाव कर उसे कमजोर कर रहे हैं.
इजरायल में वायु सेना के 69वें स्क्वाड्रन के 40 में से 37 रिजर्व पायलट घोषणा कर चुके हैं. विरोध में उन्होंने 8 मार्च को होने वाली रिजर्व ड्यूटी में भाग नहीं लिया. F-15 फाइटर जेट्स उड़ाने वाले इन पायलटों का कहना था कि वे देश के सुप्रीम कोर्ट को प्रतिबंधित करने की सरकार की योजना का विरोध कर रहे हैं. इजरायली अखबार हारेत्ज के मुताबिक पायलटों का कहना था कि जब तक सरकार अपनी न्यायिक सुधार योजनाओं को जारी रखेगी, तब तक पायलट प्रशिक्षण में हिस्सा नहीं लेंगे.
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