Jabalpur Hospital Fire: अस्पताल को दड़बा बनाने में सरकारी लापरवाही भी कम जिम्मेदार नहीं

11:05 PM Aug 01, 2022 | साकेत आनंद
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मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित जिस अस्पताल में आग लगने से 10 लोगों की मौत हुई, उसमें कई सारी खामियां निकलकर सामने आई हैं. बताया जा रहा है कि अस्पताल को नियमों से परे जाकर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी किया गया. इसके लिए जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों पर भी सवाल उठ रहे हैं. जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में सोमवार 1 अगस्त को भीषण आग लगी. हादसे में 10 लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हो गए. आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है.

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बिल्डिंग कम्प्लीशन सर्टिफिकेट भी नहीं

आजतक से जुड़े हेमेंद्र शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के संचालक ने अस्पताल का लाइसेंस लेने के लिए जिले के मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी (CMHO) के पास जो आवेदन दिया, उसमें बिल्डिंग कम्प्लीशन सर्टिफिकेट की जगह प्राइवेट नक्शा दिया गया था. इस नक्शे में भी दिख रहा है कि बिल्डिंग में अंदर जाने और बाहर आने का सिर्फ एक ही रास्ता था. इसके बावजूद CMHO और तत्कालीन जांच टीम ने बिल्डिंग के नक्शे की मंजूरी देखे बिना रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी कर दिया.

इसके अलावा आग लगने की स्थिति में फायर टेंडर गाड़ियों के आने-जाने के लिए बिल्डिंग की साइड में 3.6 मीटर जगह छोड़ी जाती है. जिस वक्त अस्पताल को सर्टिफिकेट दिया गया, उसके पास यह जगह भी नहीं थी. अस्पताल को दिया गया रजिस्ट्रेशन ‘मध्य प्रदेश उपचार्यगृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) नियम, 1997’, ‘मध्य प्रदेश भूमि विकास नियम 2012’ और ‘नेशनल बिल्डिंग कोड, 2016’, इन सभी का उल्लंघन है.

सरकार की कमेटी ने सबकुछ ‘ठीक’ बताया

रिपोर्ट के मुताबिक, अस्पताल कई मानकों का पालन करता नजर नहीं आ रहा है. इसके बावजूद अगस्त 2021 में अस्पताल के निरीक्षण के लिए सरकार द्वारा बनाई गई एक 6 सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अस्पताल सभी नियमों का पालन कर रहा है. बिल्डिंग कम्प्लीशन सर्टिफिकेट रिकॉर्ड में नहीं होने के बावजूद 'हां' लिख दिया गया.

बहरहाल, इस अग्निकांड में 10 लोगों की मौत के बाद सरकार ने जांच का आदेश दिया है. जबलपुर के संभाग आयुक्त बी चंद्रशेखर की अध्यक्षता में एक कमेटी घटना की जांच करेगी. कमेटी को एक महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है. यह कमेटी अस्पताल की फायर सेफ्टी, इलेक्ट्रिकल सेफ्टी के अलावा अन्य विभागों से जुड़ी अनुमतियों की जांच करेगी.

इस घटना के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोगों के निधन पर दुख जताया और जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के लिए 5-5 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की. 


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