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'CAA-NRC के खिलाफ दंगों की तरह कराई गई थी जहांगीरपुर हिंसा', दिल्ली पुलिस ने HC में कहा

कोर्ट में दायर चार्जशीट में पुलिस ने दावा किया है कि हनुमान जयंती के दिन हिंसा भड़काने के लिए व्हाट्सएप पर भड़काऊ भाषणों का इस्तेमाल किया गया था.

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हिंसा के बाद घटनास्थल पर तैनात सुरक्षाकर्मी (फाइल फोटो: आजतक)

दिल्ली के जहांगीरपुरी (Jahangirpuri Violence) में हुए सांप्रदायिक दंगों के मामले में दिल्ली पुलिस ने रोहिणी कोर्ट में चार्जशीट दायर की है. 2063 पन्नों की इस चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने अब तक पकड़े गए 37 आरोपियों में से चार को हिंसा का मास्टरमाइंड बताया है. इसी साल हनुमान जयंती के मौके पर जहांगीरपुरी में हिंसा भड़की थी. इस घटना के 8 आरोपी अब भी फरार हैं, जिनमें एक मुख्य आरोपी भी शामिल है. 

चार्जशीट में पुलिस ने क्या बताया?

गुरुवार, 14 जुलाई को दायर इस चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने जहांगीरपुरी हिंसा का CAA और NRC के विरोध में हुए शाहीन बाग आंदोलन से कनेक्शन बताया है. पुलिस का दावा है कि ये घटना भी शाहीन बाग आंदोलन और उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के क्रम में ही हुई थी. साथ ही पुलिस का ये भी दावा है कि मुख्य आरोपियों ने हिंसा भड़काने के लिए भड़काऊ भाषण का इस्तेमाल किया था. चार्जशीट में बताया गया है कि इस मामले को 18 अप्रैल को क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर किया गया था. इसमें यह भी बताया गया है कि अबतक 8 आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है. आरोपियों के पास से 9 फायर आर्म्स, 5 कारतूस, 9 तलवारों समेत कई हथियार बरामद किए गए हैं.   

पुलिस ने बताया कि इन 37 में से 20 आरोपियों की पहचान सीसीटीवी, वायरल वीडियो समेत चेहरा पहचानने वाली टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर की गई. पुलिस ने इन आरोपियों के पास से कुल 21 मोबाइल फोन को जब्त किया है. आरोपियों के खिलाफ 132 गवाह हैं, जिनमें 85 पुलिसकर्मी और 47 आम नागरिक हैं. चार्जशीट में बताया गया है कि आरोपियों को गिरफ्तार करने में पुलिस की 13 टीमों को तैनात किया गया था.  

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने तबरेज, अंसार, सलीम चिकना और इशर्फिल को मुख्य आरोपी बनाया है. इनमें से इशर्फिल अभी फरार है. पुलिस के मुताबिक 16 अप्रैल को हुई हिंसा की प्लानिंग 10 अप्रैल से शुरू कर दी गई थी. साजिश के तहत आरोपियों ने घरों की छतों पर पत्थर और कांच की बोतलें जमा की थीं, ताकि हनुमान जयंती शोभा यात्रा के दौरान पथराव किया जा सके. साथ ही, 14 अप्रैल की शाम हिंसा के मुख्य आरोपी तबरेज अंसारी को व्हाट्सएप पर एक भड़काऊ भाषण भेजा गया था. इसके अलावा, पुलिस ने ये भी पाया कि इन व्हाट्सएप ग्रुप्स पर हिंसा भड़काने वाले मैसेज भी भेजे गए थे. फिलहाल, इन सभी व्हाट्सएप ग्रुप्स के एड्मिन्स की तलाश जारी है. 


 चार्जशीट में पुलिस ने ये भी जिक्र किया है कि चारों मुख्य आरोपी CAA के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों में भी शामिल थे. पुलिस के मुताबिक, तबरेज एक तरफ पुलिस के सामने अमन-चैन की बात करता था, वहीं दूसरी तरफ लोगों को उकसाने का काम कर रहा था. सीएए के खिलाफ जहांगीरपुरी के कुशल चौक पर हुए विरोध प्रदर्शन को संचालित करने में भी तबरेज की अहम भूमिका थी. इशर्फिल ने भी सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान लोगों को बसों में भरकर प्रदर्शन स्थल तक पहुंचाया था. वहीं तीसरे आरोपी अंसार ने भी हिंसा वाले दिन लोगों को भड़काया था.   

दिल्ली के जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के मौके पर कुछ लोग शोभायात्रा निकाल रहे थे. इस दौरान कुछ लोगों ने शोभायात्रा पर पथराव किया था. पथराव की घटना के बाद जहांगीरपुरी में हिंसा भड़की थी, इस घटना में 8 पुलिसकर्मी समेत 9 लोगों घायल हुए थे. पुलिस ने बताया था कि जहांगीरपुरी में जो जुलूस निकला था, उसकी अनुमति प्रशासन से नहीं ली गई थी. 

वीडियो: जहांगीरपुरी हिंसा के बाद शांति बनाए रखने का संदेश देने वाले ‘मास्टरमाइंड’ की कहानी क्या है?