IIT में एडमिशन के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा यानी ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन एडवांस को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की गई हैं. ये अर्जी उन छात्रों ने दाखिल की है जो JEE Advanced 2020 में एक्स्ट्रा चांस चाहते हैं. हालांकि ये छात्र 2020-2021 की परीक्षा में शामिल हो चुके हैं और क्वालिफाई नहीं कर पाए. अब इनकी मांग है कि सुप्रीम कोर्ट से इन्हें JEE Advanced 2022 की परीक्षा में सीधे बैठने का मौका मिले.
लेकिन ये अजीब मांग क्यों उठी?
दरअसल कोरोना वायरस संकट के चलते 2020 और 2021 के कुछ छात्र JEE मेंस नहीं दे पाए थे. ऐसे में उन्हें इस साल सीधे JEE ADVANCED में शामिल होने की छूट दी गई थी. इस संबंध में ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड (JAB) ने एक नोटिस भी जारी किया था. जैब IIT में एडमिशन की प्रक्रिया को संचालित करता है.
JAB ने jeeadv.ac.in पर एक नोटिस जारी किया. इसके मुताबिक, 2020-21 में जो छात्र 12वीं कक्षा में अपीयर हुए और उन्होंने जेईई एडवांस के लिए रजिस्टर किया था, लेकिन परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए, उन्हें सीधे तौर पर जेईई एडवांस में परीक्षा देने का मौका दिया गया है.
अब इस पर उन छात्रों को आपत्ति है जो 2020-21 का एडवांस एग्जाम क्लियर नहीं कर सके. उनका कहना है कि जब मेंस क्लियर किए बिना ही कुछ छात्रों को एडवांस पेपर देने की छूट दी जा सकती है, तो उन्हें भी ये पेपर देने का एक और चांस मिलना चाहिए.
लाइव लॉ की खबर के मुताबिक, एक्स्ट्रा चांस की मांग कर रहे इन छात्रों का कहना है कि उनके साथ समान बर्ताव नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट फैसला करेगा कि उनकी मांग मानी जाएगी या नहीं.
क्या होता है JEE Advanced?
जेईई एडवांस देश की कुछ सबसे कठिन प्रवेश परीक्षाओं में से एक है. इसके जरिए देश के सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला मिलता है. इस परीक्षा में बैठने के लिए सबसे पहले जेईई मेंस (JEE Mains) का एग्जाम क्लियर करना होता है. हर साल अलग-अलग IIT कॉलेजों में प्रवेश लेने के लिए छात्र इस परीक्षा की तैयारी करते हैं.
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