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झारखंड: स्कूल में घुसकर लड़की को उठाने की धमकी दी, BJP ने कहा - "धमकाने वाला मुसलमान है"

वीडियो में धमकी देने वाला बंदा तमंचा लिए हुए है, और साथ में है टीम

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(बाएं-दाएं) स्कूल और रांची ग्रामीण के एसपी नौशाद आलम की तस्वीर. (साभार- आजतक)

झारखंड की राजधानी रांची में स्कूल छात्रा के कथित उत्पीड़न का हैरतअंगेज मामला सामने आया है. आरोप है कि यहां के ओरमांझी इलाके का एक युवक अपने साथियों के साथ प्रोजेक्ट प्लस 2 हाई स्कूल में जबरन घुसा और बंदूक के दम पर छात्रा को खुलेआम धमकाया. खबर के मुताबिक आरोपी लड़के ने कथित रूप से छात्रा से कहा कि वो उससे दोस्ती करे, वर्ना उठाकर ले जाएगा. 

इन युवकों पर स्कूल के कुछ छात्रों की पिटाई करने का भी आरोप है. मामले ने सांप्रदायिक मोड़ भी ले लिया है. कहा जा रहा है कि आरोपी और उसके साथी सभी मुस्लिम समुदाय के हैं. बीजेपी इसे लेकर राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर हमलवार हैं. वहीं घटना से गुस्साए लोगों ने आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज करवाई है.

Ranchi School में घुसकर छात्रा को दी धमकी

आजतक से जुड़े सत्यजीत की रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी युवक का नाम फिरदौस अंसारी बताया जा रहा है. वहीं पीड़ित छात्रा नौवीं क्लास में पढ़ती है. घटना बीती 5 सितंबर को यानी शिक्षक दिवस के मौके पर हुई. स्कूल में कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इसी दौरान आरोपी हथियार लहराते हुए स्कूल में घुसे थे. आरोपी फिरदौस ने कथित रूप से नौवीं क्लास की छात्रा को जबरन दोस्ती करने को कहा और ऐसा ना करने पर उठा लेने की धमकी भी दी. खबर के मुताबिक स्कूल के शिक्षकों और कुछ छात्रों ने इन लड़कों का विरोध किया तो इन्होंने उन्हें भी अंजाम भुगतने की धमकी दे डाली.

छात्रा का कहना है कि उसे पिछले एक हफ्ते से ये लड़के इसी तरह धमकियां दे रहे हैं. उसने बताया कि 5 सितंबर की इस घटना के बारे में उसने पहले पुलिस को कुछ नहीं बताया. आजतक से बातचीत में लड़की ने कहा,

"जब हम नया-नया स्कूल जॉइन किए थे, तब एक-दो दिन ठीकठाक थे. बाद में मेरे पीछे रोज आने लगा. मैंने पूछा मेरे पीछे क्यों आते हो. तो बोला कि नंबर चाहिए. मैंने कहा नंबर क्यों चाहिए तो चला गया.  लेकिन बाद में क्लास के बाहर आकर मेरा नाम चिल्ला रहा था. इसके बाद मैंने शिकायत की तो अगले दिन नहीं आया. लेकिन उसके अगले दिन वापस आया और बोला कि 15 दिन का टाइम दे रहा हूं, नंबर दे दो वर्ना उठा लेंगे."

छात्रा ने बताया कि उससे बदसलूकी करने वाले लड़के भी स्टूडेंट हैं. उसने दावा किया कि घटना के चश्मदीद भी हैं. ये भी बताया कि स्कूल के टीचर और एक महिला से शिकायत भी की थी. उसके बाद आरोपी छात्र को वॉर्निंग दी गई थी.

स्कूल के क्लर्क ने भी घटना की पुष्टि की है. उन्होंने आजतक को बताया,

"यहां बाहर से लोग आए थे. हमने उनसे प्यार से कहा कि तुम लोग यहां से बाहर जाओ. यहां टीचर्स के लिए प्रोग्राम रखा गया है. तो वो हमको धमकी देने लगे. गाली देकर बोले कि तुमको गोली मार देंगे. यहां की बच्चियां भी सुरक्षित नहीं हैं."

क्लर्क के मुताबिक आरोपी लड़के छह ग्रुप्स में आए थे. वे बाइक पर सवार थे. उन्होंने कहा कि वो एक आरोपी लड़के को जानते हैं. उन्होंने भी उसका नाम फिरदौस अंसारी बताया. वो मायापुर का रहने वाला है. 

क्लर्क ने कहा कि वो एक सरकारी कर्मचारी हैं और उनके साथ इस तरह का व्यवहार किया गया. उन्होंने मांग की कि लड़कों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. उन्होंने ये पुष्टि भी की कि आरोपी पिस्टल लेकर स्कूल में घुसे थे. बाद में पीड़ित छात्राएं रोते हुए बोली थीं कि अब वे स्कूल कैसे आएंगी. उन्होंने ये भी बताया कि आरोपी नशे में थे.

वहीं एक लोकल व्यक्ति ने बताया कि स्कूल की लड़कियों के साथ बाहर के लड़के हमेशा से छेड़छाड़ करते हैं, लेकिन इन दिनों माहौल ज्यादा ही बिगड़ा हुआ है. एक अन्य स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि आरोपी छात्र पहले स्कूल में पढ़ता था, लेकिन उसे निकाल दिया गया था.

BJP ने क्या आरोप लगाए

चूंकि घटना के सभी आरोपी लड़के मुस्लिम समुदाय के बताए गए हैं, इसलिए मामले को सांप्रदायिक ऐंगल से भी देखा जा रहा है. बीजेपी ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को निशाने पर ले लिया है. पार्टी के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है,

"झारखंड सरकार की तुष्टिकरण की राजनीतिक की वजह से कुछ कुंठित मानसिकता वाले लड़कों की गुंडागर्दी बढ़ती जा रही है. लव जिहाद के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. सबसे नया उदाहरण रांची से सटे ओरमांझी का है जहां स्कूल में घुसकर कुछ मुस्लिम लड़कों ने हिंदू और आदिवासी लड़कियों को धमकाया कि हमसे दोस्ती करो वर्ना तुम्हें उठाकर ले जाएंगे. 

ये सब टीचरों की उपस्थिति में हुआ. तो आप सोच सकते हैं कि इस प्रदेश में इस मानसिकता वाले लोगों की हिम्मत कितनी बढ़ गई है. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं और सरकार को कहते हैं कि अगर आप आदिवासी और हिंदू बेटियों को सुरक्षा नहीं दे पाएंगे तो बता दें, हिंदू सक्षम हैं कि वो खुद रक्षा कर सकते हैं."

वहीं झारखंड में यूपीए गठबंधन की सदस्य कांग्रेस ने बीजेपी पर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का आरोप लगाया. पार्टी के प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा,

“5 सितंबर को शिक्षक दिवस के दौरान ओरमांझी में छोटी-मोटी घटनाएं हुईं. एक सप्ताह के बाद बीजेपी को याद आया कि कैसे तनाव पैदा किया जाए. सच ये है कि लगातार बीजेपी इस प्रयास में लगी हुई है कि कैसे इस राज्य के माहौल को खराब किया जाए. उन्हें सफलता नहीं मिल रही है. क्योंकि उन्हें मालूम था कि रघुवर दास के कार्यकाल में किस तरह से एक रात में मॉब लिंचिंग की छह-छह घटनाएं हुआ करती थीं. आज शांति, सद्भावना है, भाईचारा है तो ये बीजेपी को अच्छा नहीं लग रहा है. 

बीजेपी शासित प्रदेशों में रोज ऐसी सैकड़ों घटनाएं होती हैं, लेकिन इनको ध्यान वहां नहीं जाता. हर मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देना इनकी नियती बन चुकी है, लेकिन ये असफल होते जा रहे हैं. ओरमांझी की घटना खत्म हो गई. लोगों ने मामले को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझा लिया. अब एक हफ्ते बाद बीजेपी को याद आया है.”

Ranchi Police ने क्या कहा?

उधर मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित किए जाने की जानकारी आई है. आजतक के मुताबिक रांची ग्रामीण के एसपी नौशाल आलम ने कहा है कि मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश बेकार है, क्योंकि यहां के लोग समझदार है. पुलिस अधिकारी ने कहा, 

"उसमें नहीं जाना है. यहां लोग समझदार हैं. वो कानून का पालन करते हैं. टीम बन गई है जांच के लिए. उसके बाद अपडेट दी जाएगी."

नौशाद आलम ने आश्वासन दिया कि निर्दोष को पुलिस कुछ नहीं करेगी और दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. 

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