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ज्ञानवापी के हिन्दू पक्षकार ने केस छोड़ने का किया ऐलान, अचानक से कहां बिगड़ गई बात?

विसेन बोले- अब और नहीं सह सकता

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जितेंद्र सिंह विसेन विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख भी हैं | फाइल फोटो: आजतक

ज्ञानवापी मामले में हिन्दू पक्ष के लिए बड़े झटके वाली खबर है. ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी के मुख्य पैरोकार जितेंद्र सिंह 'विसेन' ने मुकदमा छोड़ने का ऐलान किया है. उन्होंने ये फैसला संसाधनों की कमी और कथित उत्पीड़न के चलते लिया है. उन्होंने ये भी कहा है कि उनका परिवार न केवल ज्ञानवापी बल्कि देश भर में दायर किए गए मुकदमे भी वापस ले रहा है.  

जितेंद्र सिंह 'विसेन' ने 3 जून को वाराणसी में मीडिया को सम्बोधित करते हुए कहा,

"मैं और मेरा परिवार (पत्नी किरण सिंह और भतीजी राखी सिंह) देश और धर्म के हित में विभिन्न अदालतों में दायर किए गए ज्ञानवापी संबंधी सभी मुकदमे वापस ले रहे हैं. जब से हमने ये मुकदमे दर्ज किए हैं, तब से मेरे परिवार के सदस्यों और मुझे धर्म-विरोधी लोगों द्वारा परेशान किया जा रहा है. ये लोग हिन्दू धर्म के खिलाफ हैं. समाज भी इन ताकतों के साथ खड़ा है. शासन द्वारा भी केवल हमें ही प्रताड़ित करने का काम किया गया है. क्षमा चाहता हूं, अब और नहीं सहा जाता.'

'हम कोर्ट नहीं जाएंगे'

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने आगे कहा,

‘कुछ महीने पहले मैंने केस लड़ने के लिए पैसे की व्यवस्था करने के लिए अपनी कार बेच दी. लेकिन, अब मेरे पास बहुत ही सीमित संसाधन और ताकत बची है जिसके कारण मैं अब मुकदमों की पैरवी नहीं कर सकता... हम अपनी पैरवी बंद कर देंगे. न तो हम कोर्ट जाएंगे और न ही शासन-प्रशासन से कोई डिमांड करेंगे. हम किसी तरह का कोई एफर्ट नहीं लगाएंगे.’

बता दें कि विसेन अपनी भतीजी राखी सिंह की ओर से मुख्य पैरोकार हैं. राखी अगस्त 2021 में दायर मामले में उन पांच हिंदू महिलाओं में से एक हैं, जिन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की बाहरी दीवार पर स्थित श्रृंगार गौरी की रोज पूजा करने की अनुमति मांगी थी. इसके अलावा विसेन मई 2022 में अपनी पत्नी किरण सिंह द्वारा दायर मुकदमे में भी मुख्य याचिकाकर्ता हैं, जिसमें देवता आदि विश्वेश्वर विराजमान की पूजा की अनुमति मांगी गई थी.

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