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किसान से करौली बाबा बन कमाई अरबों की संपत्ति, अब करोड़ों की गाड़ियों से चलते हैं संतोष भदौरिया

बाबा का कहना है कि उन्होंने पैसा कमाया है तो वो 'लैविश लाइफ स्टाइल’ के हकदार हैं.

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कानपुर करौली आश्रम प्रमुख संतोष सिंह भदौरिया और उनकी गाड़ियां. (फोटो: आजतक)

कानपुर स्थित करौली आश्रम के संतोष सिंह भदौरिया के पास अरबों की संपत्ति होने की खबर सामने आई है. आश्रम के अंदर मौजूद गैराज में करोड़ों की कीमत वाली गाड़ियां खड़ी मिली हैं. संतोष सिंह पर आरोप है कि उन्होंने नोएडा से आए एक शख्स को पिटवाया है. इस मामले में FIR दर्ज हो चुकी है.

गैराज में कौन-कौन सी गाड़ियां दिखीं?

आजतक से जुड़े सिमर चावला की रिपोर्ट के मुताबिक, बाबा का कहना है कि उन्होंने बहुत पैसा कमाया है और वो इनकम टैक्स भी भरते हैं. वो महंगी गाड़ियों और ‘लैविश लाइफ स्टाइल’ के हकदार हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, बाबा के काफिले में एक से एक महंगी कारें खड़ी हैं और बाबा के काफिले में मौजूद कारों में उनके बाउंसर मौजूद रहते हैं. 

ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान जब सिमर गैराज में मौजूद गाड़ियां दिखा रहे थे, तो वहां लाइन से महंगी गाड़ियां खड़ी दिखीं. जिनमें करीब 40 लाख रुपये की कीमत वाली दो एंडेवर, एक किया कार्निवल, 20-25 लाख रुपये की कीमत वाली एक्सयूवी 700, लगभग दो से तीन करोड़ रुपये की कीमत वाली रेंज रोवर डिफेंडर कार समेत और भी कारें थीं. इन सभी गाड़ियों की खास बात है कि ये सभी सफेद रंग की हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, बाबा के परिवार के लोग भी इन गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं. बताया जा रहा है कि संतोष सिंह पहले खेती किसानी करते थे फिर किसान नेता बने और बाद में ‘बाबा’ बन गए. फिर बाबा बनने के बाद उन्होंने अकूत संपत्ति बनाई.

क्यों आए चर्चा में?

कानपुर के करौली आश्रम के प्रमुख संतोष सिंह भदौरिया पर आरोप है कि उन्होंने एक शख्स को पिटवा दिया था. आरोप लगाने वाले शख्स का नाम सिद्धार्थ चौधरी है और वो पेशे से डॉक्टर हैं. सिद्धार्थ अपने पिता और पत्नी के साथ संतोष सिंह भदौरिया के दर्शन के लिए नोएडा से कानपुर पहुंचे थे. आरोप है कि भदौरिया ने अपने बाउंसरों से उन्हें पिटवाया. इधर, ‘बाबा’ ने ऐसी किसी भी घटना से इनकार किया है.

इधर, संतोष सिंह भदौरिया का आश्रम करीब चौदह एकड़ में फैला है. ये आश्रम अपने आप में एक छोटे से शहर से कम नहीं है. इस आश्रम में रोजाना चार-पांच हजार लोग तो आ ही जाते हैं. अमावस वाले दिन तो यहां आने वालों की संख्या 20 हजार को भी पार कर जाती है. दिन-रात का हिसाब तो रहने ही दिया जाए. आश्रम के अंदर चौबीसों घंटे हवन होता रहता है. इसके लिए लोगों को बकायदा हवन किट भी दी जाती है. यहां संतोष सिंह अपने कांच के केबिन के अंदर बैठते हैं और लोगों को उनसे मिलने के लिए कुछ रुपये देने पड़ते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस आश्रम में कथित तौर पर लोगों का इलाज भी होता है और इसके लिए पैसे देने पड़ते हैं.

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